आदमगढ़ ऐतिहासिक स्थल की जानकारी एवं महत्वपूर्ण तथ्य| Aadamgarh Historic Place GK and Fact in Hindi

आदमगढ़ ऐतिहासिक स्थल की जानकारी एवं महत्वपूर्ण तथ्य
 Aadamgarh Historic Place GK and Fact in Hindi 

आदमगढ़ ऐतिहासिक स्थल की जानकारी एवं महत्वपूर्ण तथ्य| Aadamgarh Historic Place GK and Fact in Hindi

आदमगढ़ ऐतिहासिक स्थल की जानकारी

विंध्य पर्वतमाला में विद्यमान आदमगढ़ की पहाड़ियाँ मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में स्थित है. यह पहाड़ियाँ मुख्यतया शैलाश्रय के लिए विख्यात हैजिनमें प्रगोतिहासिक काल से लेकर ऐतिहासिक काल तक के शैलचित्र है. आदमगढ़ की पहाड़ियों पर 80,000 वर्ष पहले के आदिमानव की सभ्यता के निशान के रूप में बड़ी संख्या में पुरापाषाकालीन शैलचित्र (रॉक पेंटिंग) मौजूद हैं. यहाँ बड़ी-बड़ी करीब 80 गुफा मौजूद है. जिसमें करीब 22 गुफा में शैलचित्र बने हुए हैंजो सभ्यता सहित प्राकृतिक रंगों से बने इतिहास को दिखाते हैं.

 

आदमगढ़ ऐतिहासिक स्थल की प्रमुख तथ्य 

  • आदमगढ़ की गुफाओं की खोज मनोरंजन घोष के द्वारा की गई थी. 
  • उन्होंने 1920 में इन गुफाओं को खोजा था.
  • सन् 1960 से 1961 के दौरान हुए उत्खनन के परिणामस्वरूप आदमगढ़ से प्रचुर मात्रा में पाषाण कालीन बड़े एवं लघु उपकरणों की प्राप्ति हुई है. 
  • अत्यधिक मात्रा में प्राप्त पाषाण उपकरण की प्राप्ति से ऐसा प्रतीत होता है कि सम्भवत यह स्थल आदिमानव द्वारा उपकरणों के निर्माण स्थल के रूप में प्रयुक्त किया गया था. 
  • यहाँ कुल 18 शैलाश्रय हैंजिनमें पाषाण एवं ऐतिहासिक कालीन मानव द्वारा बनाए गए उत्कृष्ट चित्र विद्यमान हैंजो उनके रचनाकौशल एवं श्रम साध्यता को प्रमाणित करते हैं. 
  • विभिन्न शहर शैला आश्रय में चित्रित चित्रों की विषयवस्तु में पशु जैसे वृषभगजअश्वशेरगायजिराफहिरण आदि.
  • योद्धामानव आकृतियाँनृतकवादक तथा गजरोही अश्वरोही एवं टोटीदार पात्रों का अंकन प्रमुख है. 
  • अधिकतर शैलाआश्रय के चित्र वर्षा एवं धूप के कारण नष्ट हो गए हैं.
  • शैला आश्रय क्रमांक 10 में सर्वाधिक चित्रों का अंकन है. 
  • इस शैला आश्रय में कई उल्लेखनीय चित्र हैंजिनमें जिर्राफ समूह का अंकन सर्वाधिक महत्वपूर्ण हैजो इससे पूर्व अन्यत्र प्राप्त नहीं है. 
  • इन चित्रों को खनिज रंग जैसे हेमेटाइटचूनागेरू आदि से प्राकृतिक गोंदपशु चर्बी के साथ पाषाण पर प्राकृतिक रूप से प्राप्त पेड़ों के कोमल रेशों अथवा जानवरों के बालों से बनी कूची की सहायता से उकेरा गया है.

No comments:

Post a Comment

Powered by Blogger.