विश्व रेबीज़ दिवस 2022 : थीम इतिहास उद्देश्य महत्व |World Rabies Day 2022 Theme

 विश्व रेबीज़ दिवस 2022 : थीम इतिहास उद्देश्य महत्व

विश्व रेबीज़ दिवस 2022 : थीम इतिहास उद्देश्य महत्व |World Rabies Day 2022 Theme
 

 विश्व रेबीज़ दिवस 2022 : थीम इतिहास उद्देश्य महत्व

  • रेबीज़ और इसकी रोकथाम के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये प्रतिवर्ष 28 सितंबर को विश्व रेबीज़ दिवस मनाया जाता है। 
  • यह दिवस फ्रांँस के प्रसिद्ध जीवविज्ञानी ‘लुई पाश्चर’ की पुण्यतिथि के अवसर पर 28 सितंबर को मनाया जाता है, जिन्होंने पहला रेबीज़ टीका विकसित कर रेबीज़ की रोकथाम की नींव रखी थी।
  • वर्ष 2022 के लिये इस दिवस की थीम- ‘'Rabies: One Health, Zero Deaths रखी गई है। 
  • वर्ष 2021 के लिये इस दिवस की थीम- ‘रेबीज़: फैक्ट, नॉट फियर’ (Rabies: Facts, not Fear) रखी गई है। 
  • रेबीज़ एक विषाणु जनित रोग है। यह वायरस अधिकांशतः रेबीज़ से पीड़ित जानवरों जैसे- कुत्ता, बिल्ली, बंदर आदि की लार में मौजूद होता है। आँकड़ों के अनुसार, मनुष्यों के लगभग 99 प्रतिशत मामलों में रेबीज़ का कारण कुत्ते का काटना है। पागल जानवर के काटने और रेबीज़ के लक्षण दिखाई देने की समयावधि चार दिनों से लेकर दो वर्ष तक या कभी-कभी उससे भी अधिक हो सकती है। इसलिये घाव से वायरस को जल्द-से-जल्द हटाना ज़रूरी होता है।

 

रैबीज़ क्या होता है ?

  • रैबीज़ एक रिबोन्यूक्लिक एसिड (Ribonucleic Acid-RNA) वायरस के कारण होता है जो किसी पागल जानवर जैसे कुत्ता, बिल्ली, बंदर, आदि की लार में मौजूद होता है।
  • पागल जानवर के काटने और रैबीज़ के लक्षण दिखाई देने की समयावधि चार दिनों से लेकर दो साल तक या कभी-कभी उससे भी अधिक हो सकती है।
  • इसलिये घाव से वायरस को जल्द-से-जल्द हटाना ज़रूरी होता है। घाव को तुरंत पानी और साबुन से धोना चाहिये और इसके बाद एंटीसेप्टिक्स का उपयोग करना चाहिये ताकि किसी भी प्रकार की संक्रमण संभावना को खत्म किया जा सके।

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