सार्क में भारत की स्थिति |MPPSC Mains Question Answer 2014

सार्क में भारत की स्थिति 

सार्क में भारत की स्थिति |MPPSC Mains Question Answer 2014


सार्क में भारत की स्थिति 

दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) स्थापना 1985 में की गई थी. इसकी स्थापना क्षेत्रीय सहयोग ढाँच विकसित करने के क्षेत्र के सामूहिक निर्णय की अभिव्यक्ति के रूप में की गई। वर्तमान मेंसार्क के आठ सदस्य हैं। : अफगानिस्तानबांग्लादेशभूटानभारतनेपालमालदीव. पाकिस्तान और श्रीलंका ।

 

भारत 2007-08 में सार्क का अध्यक्ष था। (नई दिल्ली में 3-4 अप्रैल, 2007 में हुए 14वें सार्क शिखर सम्मेलन से लेकर 2-3 अगस्त, 2008 में कोलम्बो में हुए 15वें सार्क शिखर सम्मेलन तक)। यह अवधि सार्क के इतिहास में सर्वाधिक क्रियाशील थीजिसमें सार्क एक घोषणा करने वाले संगठन के स्थान पर कार्यान्वयन वाले संगठन में परिवर्तित होता दिखाई दिया। दिल्ली में 14वें शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री द्वारा की गई प्रत्येक घोषणा को अमली जामा पनाया गया और भारत ने बदले में कुछ न चाहते हुए क्षेत्रीय हित में अपने दायित्वों का निर्वाह किया। सार्क की ऐतिहासिक उपलब्धियाँ इस प्रकार रही हैं।

 

सार्क के अनाज बैंक में सभी सदस्य राष्ट्रों द्वारा किए गए योगदान से कुल 2,43,000 मीट्रिक टन का भंडार है। इसके सदस्यों ने उन स्थानों की पहचान भी की है जहाँ से अनुरोधकर्ता देश आपसी स्वीकार्य शर्तों के आधार पर भेजने वाले देश से अपनी जरूरतें पूरी कर सकते हैं।

 

दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय की स्थापना निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार की जा रही है। इसके अंतर्गत परियोजना कार्यालय की स्थापनादक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय अधिनियम, 2008 द्वारा अंतर्राष्ट्रीय कानूनी स्वरूप को अंतिम रूप दिया जा सकता है। दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण से 100 एकड़ भूमि के हस्तांतरण की प्रक्रिया अग्रिम चरण में है।


सार्क का भारत के लिए महत्त्व

पहले पड़ोसी: देश के समीपवर्ती पड़ोसियों को प्रमुखता।

भू-रणनीतिक महत्त्व: यह विकास प्रक्रिया एवं आर्थिक सहयोग में नेपाल, भूटान, मालदीव एवं श्रीलंका को आकर्षित करके चीन के वन बेल्ट एंड वन रोड कार्यक्रम का विरोध कर सकता है।

क्षेत्रीय स्थिरता: सार्क इन क्षेत्रों के बीच आपसी विश्वास एवं शांति स्थापना में सहयोग कर सकता है।

वैश्विक नेतृत्व की भूमिका: यह भारत को अतिरिक्त जिम्मेदारियां लेकर क्षेत्र में अपने नेतृत्व को प्रदर्शित करने के लिये एक मंच प्रदान करता है।

भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी के लिये एक गेम चेंजर: दक्षिण एशियाई अर्थव्यवस्थाओं को दक्षिण पूर्व एशिया के साथ लिंक करके मुख्य रूप से सेवा क्षेत्र में भारत के लिए आर्थिक एकीकरण एवं समृद्धि को  आगे लाया जा सकता है।


सार्क में आठ सदस्य देश शामिल हैं:

  • अफगानिस्तान
  •  बांग्लादेश
  •  भूटान
  •  भारत
  • मालदीव
  • नेपाल
  •  पाकिस्तान
  • श्रीलंका

वर्तमान में सार्क के 9 पर्यवेक्षक सदस्य देश हैं- 

(i) ऑस्ट्रेलिया (ii) चीन (iii) यूरोपियन यूनियन (iv) ईरान (v) जापान (vi) रिपब्लिक ऑफ कोरिया (vii) मॉरीशस (viii) म्याँमार एवं (ix) संयुक्त राज्य अमेरिका।


संगठन के कार्य क्षेत्र

  • मानव संसाधन विकास एवं पर्यटन
  • कृषि एवं ग्रामीण विकास
  • पर्यावरण, प्राकृतिक आपदा एवं बायो टेक्नोलॉजी
  • आर्थिक, व्यापार एवं वित्त
  • सामाजिक मुद्दे
  • सूचना एवं गरीबी उन्मूलन
  • उर्जा, परिवहन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
  • शिक्षा, सुरक्षा एवं संस्कृति और अन्य

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