मध्य प्रदेश की नगेसिया, नगासिया जनजाति की जानकारी | MP Nagesiya Tribes Details in Hindi

मध्य प्रदेश की नगेसिया, नगासिया जनजाति की जानकारी 

मध्य प्रदेश की नगेसिया, नगासिया जनजाति की जानकारी | MP Nagesiya Tribes Details in Hindi

 मध्य प्रदेश की नगेसिया, नगासिया जनजाति की जानकारी 


मध्य प्रदेश की नगासिया जनजाति की जनसंख्या 

  • कुल जनसंख्या 359 मात्र आंकी गई है।

 

नगेसिया, नगासिया जनजाति निवास क्षेत्र

 

  • मध्यप्रदेश में नगेसिया जनजाति की जनसंख्या जिला श्योपूर, भिण्डग्वालियर, दतियाशिवपुरी, गुना, टीकमगढ़, उमरिया, शहडोल, सीधी, मन्दसौर, शाजापुर, देवास, झाबुआ, धार, इन्दौर, पूर्वी निमाड, राजगढ़, विदिशा, भोपाल, सीहोर, रायसेन, बैतूल, होशगाबाद, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ाबालाघाट में पायी जाती है।

 

नगेसिया, नगासिया जनजाति गोत्र 

  • कुछ प्रमुख गोत्र इस प्रकार है- कुरी, खैरवारा, तेलिया, घुरिया, नाग, सिंदूरिया आदिगोत्र टोटम पर आधारित हैं।

 

नगेसिया, नगासिया जनजाति रहन-सहन

 

  • इनके घर प्रायः मिट्टी के बने होते है, घर की दीवारों की सफेद मिट्टी से पुताई की जाती है। फर्श मिट्टी का होता हैं, जिसे गोवर से लीपते हैं। घर मे सामान्यतः दो या तीन कमरे होते हैं, सामने परछी होती हैं। कमरे में देव स्थान, अनाज रखने की कोठी पाई जाती है। घरेलू वस्तुओं में चारपाई, ओढ़ने बिछाने के कपड़े, रसोई के बर्तन, चक्की, मूसल, कृषि उपकरण, मछली पकड़ने के जाल, कुल्हाड़ी आदि होती हैं।

 

नगेसिया, नगासिया जनजाति खान-पान 

  • इनका मुख्य भोजन कोदों, चावल का भात, उड़द, तुवर की दाल, मौसमी साग भाजी हैं। कभी-कभी मछली, मुर्गा, बकरा का मांस खाते हैं।

 

नगेसिया, नगासिया जनजाति वस्त्र-आभूषण

 

  • महिलाएँ पैर की अंगुली में बिछिया, पैरो में पैर पट्टी, कमर में करधन, हाथों में ऐंठी, बाहों में पहुची, गले में हमेल, कान में खिनवा, झुमका, नाक में फुली पहनती हैं। ये गहने प्रायः गिलट के होते है। वस्त्र विन्यास में पुरूष पंछा, बण्डी, धोती, कुरता, महिलाएँ लुगड़ा, पोलका पहनती हैं। 

 

नगेसिया, नगासिया जनजाति तीज-त्यौहार 

  • इनके प्रमुख त्यौहार दीवाली, फागुन, सरहुल, नवाखानी, पितर, पोला, दशहरा आदि हैं।

 

नगेसिया, नगासिया जनजाति नृत्य 

  • इस जनजाति की विशिष्टता है-युवक-युवतियाँ का सरहुल नृत्य करना, पूजा के समय करमा नृत्य, अखरा नृत्य, विवाह नृत्य रामभजो आदि नाचते हैं । लोक गीतों में सरहुल गीत, करमा गीत, विवाह गीत भजन आदि मुख्य है। मादल, टिमकी, थाली मुख्य वाद्ययंत्रों का प्रयोग करते हैं।

 

नगेसिया, नगासिया जनजाति व्यवसाय 

  • इस जनजाति का मुख्य व्यवसाय कृषि, जंगली उपज संग्रह, मजदूरी पर आश्रित है। इनके कृषि उपज में प्रमुख है कोदों, धान, मक्का, उड़द, मूंग, तुवर, तिल आदि हैं। जंगल से महुआ, तेन्दूपत्ता, हर्रा, लाख, कोसा आदि एकत्र कर बेचते हैं।

 

नगेसिया, नगासिया जनजाति जन्म-संस्कार 

  • प्रसव स्थानीय दायी की मदद से घर पर ही कराते हैं। बच्चे की नाल ब्लेड से काटकर घर में ही गड्डा खोदकर गढ़ाते हैं। प्रसूता को कुल्थी, छींद की जड़, सोंठ, गुड़, पीपल, सरई छाल आदि का काड़ा बनाकर पिलाते हैं। छठे दिन छठी मनाते हैं। नवजात शिशु व प्रसूता को नहलाकर सूरज तथा घर के देवी देवता का प्रणाम कराते हैं।

 

नगेसिया, नगासिया जनजाति विवाह-संस्कार 

  • नगेसिया जनजाति में विवाह उम्र लड़को की 14-18 वर्ष तथा लड़कियो की 12-16 वर्ष सामान्यतः मानते हैं। विवाह का प्रस्ताव वर पक्ष से आता हैं। वर का पिता वधू के पिता को अनाज, दाल, तेल, गुड़ तथा कुछ नगद रूपये देता हैं। इसे “बुन्दा” कहा जाता हैं। विवाह चार चरण क्रमशः मंगनी, फलदान, विवाह और गौना में पूरा होता हैं। विवाह संस्कार जाति प्रमुख या बुजुर्ग व्यक्ति सम्पन्न कराते हैं। इस जनजाति में घुसपैठ, सहपलायन, विनिमय, सेवा विवाह आदि को भी सामाजिक मान्यता हैं।

 

नगेसिया, नगासिया जनजाति मृत्यु संस्कार 

  • मृत्यु होने पर मृतक को जलाते हैं। अस्थियों को महानदी, सोननदी या आर्थिक स्थिति ठीक होने पर गंगा ले जाते हैं। तीसरे दिन स्नान करने के बाद देवार ( मंत्र जादू का जानकार) के  मार्गदर्शन में पूजा करते हैं। 12 वे दिन मृत्युभोज दिया जाता है। पितृपक्ष में मृतक के नाम पानी अर्पण कर कुछ दाल भात निकालकर रख देते है।

 

नगेसिया, नगासिया जनजाति देवी-देवता 

  • नगेसिया जनजाति के अपने पारम्परिक रूप से पूजे जाने वाले प्रमुख देवी देवता गौरैयादेव, शिकारी देव, सदनामाता, धरती माता, अन्नकुआरी आदि हैं। इसके  अतिरिक्त हिन्दू देवी देवता सूरज, चांद, नदी, पहाड़, वृक्ष, नाग आदि की पूजा करते हैं। 

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