विज्ञान पत्रकारिता : अर्थ, उद्देश्य महत्व| Science Journalism: Meaning, Objective Importance

 विज्ञान पत्रकारिता : अर्थ, उद्देश्य महत्व

विज्ञान पत्रकारिता : अर्थ, उद्देश्य महत्व| Science Journalism: Meaning, Objective Importance



 विज्ञान पत्रकारिता : अर्थउद्देश्य महत्व 

अर्थ: 

  • पत्रकारिता एक ऐसी विधा है जिसमें पत्रकारों के कार्यों और उद्देश्यों का विवेचन किया जाता है। इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार जीएफ मोट ने कहा है कि पत्रकारिता विश्व की पांचवीं बड़ी शक्ति है। पत्रकारिता केवल व्यवसाय ही नहीं है, पत्रकारिता कला भी है, वृत्ति भी है और लोकसेवा का साधन भी है।

 

दूसरी ओर विज्ञान पत्रकारिता का अर्थ काफी व्यापक है। डॉ. ए जान नाइट के अनुसार-

 

समाचार पत्र पत्रिकाओं, आकाशवाणी, दूरदर्शन तथा अन्य प्रचार साधनों के लिए वैज्ञानिक समाचारों, विाचारों एवं सूचनाओं की रिपोर्टिंग, लेखन, संपादन और प्रस्तुतीकरण से संबद्ध कार्य करना, विज्ञान पत्रकारिता है। देखा जाए तो विज्ञान के क्षेत्र से जुड़ी जानकारी को प्राप्त करना, संशाधित करना और लोगों के लिए प्रस्तुत करना ही विज्ञान पत्रकारिता है।

 

  • इसके अलावा वैज्ञानिक अनुसंधान और खोजों और आविष्कारों की सूचनाएं लोगों तक पहुंचाना ही विज्ञान पत्रकारिता नहीं है बल्कि विज्ञान के क्षेत्र में व्याप्त गड़बड़ियों और अनियमितताओं को भी सामने लाना विज्ञान पत्रकारिता का मूल कर्तव्य है। इसके अलावा लोगों को वैज्ञानिक ढंग से सलाह देना और उनका मार्गदर्शन करना भी विज्ञान पत्रकारिता का अहम कार्य है।

 

विज्ञान पत्रकारिता का उद्देश्य

विज्ञान पत्रकारिता का उद्देश्य मात्र विज्ञान की सूचनाएं देना ही नहीं रहा बल्कि सत्य का संधान कर उसे उद्घाटित करना भी रहा है। मुख्य रूप से विज्ञान पत्रकारिता के चार उद्देश्य उभरकर सामने आए है- 

 

1. वैज्ञानिकों और खोजकर्ताओं को मौलिक गहन अनुसंधानों की जानकारियां उपलब्ध कराना जिससे नए उपयोगी अनुसंधानों और खोज के कामों में मदद मिल सके।

2. छात्र-छात्राओं के अलावा पढ़े-लिखे किसानों, कारीगरों तथा सामान्य शिक्षा प्राप्त जागरूक पाठकों को लोकप्रिय सरल भाषा व्यवहारोपयोगी सूचनाएं उपलब्ध कराना, , जिससे लोगों में विज्ञान के प्रति अभिरूचि पैदा हो सके और उनके जीवन स्तर में बदलाव हो सके।

 

3. सामान्य पत्रकारिता के अलावा विज्ञान पत्रकारिता का भी अहम उद्देश्य है कि विज्ञान के क्षेत्र में घटित होने अनियमित घटनाओं की जानकारी प्रकाश में लाना, ताकि उसके स्तर में अपेक्षित सुधार किया जा सके।

 

4. विज्ञान से संबंधित विभिन्न कार्यों, अनुसंधानों, परियोजनाओं आदि पर निष्पक्ष विचार प्रकट करें। यानी क्या होना चाहिए और क्या नहीं होना चाहिए, इसे लेकर एक सशक्त सलाहकार की भूमिका निभाई जाए। आम छात्रों और कारीगरों तथा विज्ञान के जानकारों को यह पता होना चाहिए कि वैज्ञानिकता का उपयोग कैसे किया जाए जिससे उन्हें लाभ मिल सकता हो।

 

महत्व: विज्ञान पत्रकारिता का महत्व अत्यंत व्यापक है और इसकी क्षमताएं अनंत है। कभी कभी पत्रकारों द्वारा लिखी और कही गई बातों के आधार पर बड़े-बड़े निष्कर्ष निकल आते है। कुछ उदाहरण देखें-

 

i. 1931 में दो युवा वैज्ञानिकों ने एपी के विज्ञान पत्रकार हावर्ड ब्लेकस्ली, न्यूयार्क टाइम्स के विज्ञान लेखक विलियम लारेंस और विज्ञान पत्रकार गोविंद बिहारी लाल को अपनी बात कहने के लिए आमंत्रित किया। ये वैज्ञानिक थे. डॉ अर्नेस्ट ओ लारेंस और राबर्ट ओपेनहाइमर। दोनों ने बताया कि उन्हें विद्युत आवेशित कणों को तीव्रतर गति से उर्जा देने के लिए एक मशीन की जरूरत है, लेकिन उनके पास धन और उपकरण नहीं है। बाद में अखबारों में जब यह समाचार प्रकाशित हुआ तो वह मशीन दोनों शोध विज्ञानियों को मुफ्त में मिल गई. यह केवल रिपोर्टिंग के जरिए ही संभव हो सका।

 

ii. इसी तरह मेनिनजाइटिस से पीड़ित एक बच्चे के इलाज के लिए अखबार में छपी खबर का संज्ञान लेकर पीड़ितजन संपादक के पास पहुंचे। संपादक ने उन्हें रिपोर्टर से मिलवाया तथा बाद में पीड़ितजनों ने डाक्टर से भेंटकर औषधि की जानकारी ली। इससे बच्चे को बचाया जा सका। इस प्रकार विज्ञान पत्रकारिता लोगों की भलाई के लिए जहां काम कर सकती है वहीं लोगों के जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण भी पैदा करती है। ऐसे में विज्ञान पत्रकारिता स्वस्थ, विकासशील, संतुलित और सुव्यवथित समाज के निर्माण में असली भूमिका अदा कर सकती है।

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