इन्ट्रो लेखन का अर्थ एवं विवरण | लीड क्या है ? लीड का शाब्दिक अर्थ| Intro and Lead Writing in Hindi

इन्ट्रो लेखन का अर्थ एवं विवरण,  लीड क्या है ? लीड का शाब्दिक अर्थ

 

इन्ट्रो लेखन का अर्थ एवं विवरण | लीड क्या है ? लीड का शाब्दिक अर्थ| Intro and Lead Writing in Hindi

इन्ट्रो लेखन का अर्थ एवं विवरण 

  • हम समाचार के स्रोतसूत्र और संकलन तथा समाचार लेखन शैली के विषय में चर्चा कर चुके हैं। समाचार संकलन के बाद समाचार लिखने की बारी आती है। समाचार लेखन का आरम्भ इन्ट्रो (पूरा शब्द इन्ट्रोडक्शन-यानी विषय परिचय या मुखड़ा या आमुख) से किया जाता है। इन्ट्रो से हम पूरे समाचार का परिचय करा देते हैं। 


  • इन्ट्रो संक्षिप्तमहत्वपूर्ण बातों से युक्त और समाचार लेखन के लिए सबसे खास होता है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण सूचना दो-तीन पंक्तियों में दे दी जाती है। यह भावात्मकविवरणात्मककथात्मक हो सकता है। प्रकृतिशिल्पशैली आदि के आधार पर आमुख अनेक भेद होते हैं। 


  • प्रवीण दीक्षित ने अपनी पुस्तक जनमाध्यम और पत्रकारिता में 21 प्रकार के इन आमुखों की चर्चा की है सारांशआमुखविस्तृतदुर्घटनापंचधर्मयुद्धआश्चर्यजनकबुलेटआप और मैंनिलम्बित अभिरुचिव्याख्यात्मकसामान्य रूपप्रश्नउद्धरणआश्रितवाक्यांशसंज्ञा वाक्यांशतब और अबयत्र-तत्रउपाख्यानआलंकारिकसूक्ति आज आमुख समाचार का आमुख सरलसंक्षिप्तसघनप्रभावशाली और आकर्षक होना चाहिए। 


  • एक कहावत समाज में बहुत प्रचलित है First impression is last impression. वस्तुतः किसी कृतिकिसी व्यक्तिकिसी स्थान का बाह्य रूपाकार- गैटअप सबसे पहले प्रभावित करता है। किसी किताब की ज़िल्द आकर्षक होने पर उस किताब को उलटपुलट कर देखने का मन अनायास होने लगता है: इसी तरह एक अच्छे इन्ट्रो का प्रभाव जनमन पर बहुत अधिक पड़ता है। आकर्षक होने के साथ इन्ट्रो को विषयानुरूपप्रामाणिकसमाचार का सार प्रस्तुत करने वाला होना चाहिए और उसे लिखते समय अतिशयोक्तिकाल्पनिकताअनावश्यक विवरण आदि नहीं होना चाहिए। आमुख में समाचार का सार संक्षेप में आ जाता हैं। यदि आमुख पाठक की रुचि जगाने में सफल होता है तो पाठक पूरा समाचार उत्सुकता से पढ़ जाता है। ऐसे समाचारसमाचार पत्र की बिक्री बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 


आमुख लिखने के लिए निम्नलिखित तथ्यों को ध्यान में रखा जाना चाहिए-

 

1. सर्वाधिक महत्वपूर्ण तथ्य का चयन करें। 

2. समाचार की मूल संवेदना को अभिव्यक्त करने वाला 

3. आमुख संक्षिप्त लेकिन तथ्यपूर्ण हों। 

4. भाषा सरलसहज और विषयानुकूल होनी चाहिये। 

5. समाचार यदि किसी वक्तव्यप्रस्ताव अथवा सूचना से सम्बन्धित हो तो उसका मुख्य बिन्दु आमुख का विषय बनाया जाना चाहिये।

 

लीड (लीड क्या है लीड का शाब्दिक अर्थ)

 

  • किसी भी सफल पत्रकार की पहचान यह है कि वह अपने समाचार की लीड कैसे बनाता है। प्रश्न उठता है कि लीड क्या है लीड का शाब्दिक अर्थ है आगे आगे चलनानेतृत्व करनामार्ग दिखाना -&show the way  इस तरह समाचार लेखन के सन्दर्भ में लीड का मतलब है समाचार का वह रूपजो समाचार के लिए मार्ग दिखाए। यानी समाचार का सबसे अहम हिस्सा है लीड । 


  • लीड की रचना समाचार को आकर्षक बनाने के लिए की जाती है इसके साथ ही लीड में क्याकबकहाँकौनकैसेकिसे-आदि प्रश्नों का उत्तर भी होता है। कुछ विद्वान् इन्ट्रों को ही लीड की संज्ञा देते हैं। लेकिन जैसा कि इस शब्द से ही प्रकट होता है - लीड समाचार का वह भाग हैजो समाचार का नेतृत्व करता है और लीडर तो एक ही हो सकता है। इसे हम इस प्रकार समझ सकते हैं कि किसी समाचार पत्र में विविध प्रकार के समाचार प्रकाशित होते हैंया रेडियोटेलीविजन में अनेक प्रकार के समाचार प्रसारित होते हैं। 


  • सम्पादक विभाग इन सभी समाचारों में से सबसे मुख्य समाचार को इस रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास करता है कि पाठक श्रोता या दर्शक अन्य समाचार पढ़े सुने अथवा देखे या नहींप्रमुख समाचार पर उसका ध्यान अवश्यमेव जाए। इस रूप में लीड से आशय है समाचार का अग्रांश या आरम्भजहाँ समाचार का मुख्य बिन्दु रहता है। जबकि इन्ट्रो में समाचार का सार या समाचार की प्रस्तावना होती है। इससे जाहिर है कि लीड की रचना समाचार के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। लीड अनेक रूपों में लिखी जाती है। यथा- समाचार सार (News summary Lead)] वाक्यांश लीड (Short Sentence Lead)] उद्धरण लीड Quotation Lead)] विरोधाभासी लीड (Contrast Lead)] पिक्चर लीड (Pictures Lead) ] हास्यरसात्मक लीड (Humours Lead) आदि।

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