अभिवृत्ति का रुचि और अभिक्षमता के साथ संबंध (Relation of Attitude with Interest and Aptitudes)

अभिवृत्ति का रुचि और अभिक्षमता के साथ संबंध
(Relation of Attitude with Interest and Aptitudes)

अभिवृत्ति का रुचि और अभिक्षमता के साथ संबंध (Relation of Attitude with Interest and Aptitudes)


 

अभिवृत्ति एवं रूचि दोनों का संबंध मानवीय व्यक्तित्व से है। दोनों ही जन्मजात न होकर अर्जित प्रक्रियाएं हैं, इनकी प्रकृति एवं व्यवहार में अंतर है।

 

अभिवृत्ति एवं रूचि में अंतर 

 

अभिवृत्ति रूचि
अभिवृत्ति में किसी वस्तु विचार या व्यक्ति के संबंध में अनुकूल या प्रतिकूल विचार रख आदि है तथा सकारात्मक एवं नकारात्मक दोनों दिशाओं में बढ़ सकते हैं।

रुचि में किसी व्यक्ति विचार या वस्तु के संदर्भ में विशेष लगाव के कारण एक ही दिशा की ओर बढ़ते हैंउसके प्रति सकारात्मक 

विचार रखते हैं तथा उसे पसंद करते हैं। स्पष्ट है कि रुचि हमेशा सकारात्मक

होती हैनकारात्मक नहीं। 

अभिवृत्ति का क्षेत्र रुचि की अपेक्षा अधिक ... होता है। अभिवृत्ति का प्रयोग सामाजिकराजनीतिक आदि क्षेत्रों में दिखाई देता है।

रुचि में व्यक्ति की कार्यवाही उसी तक सीमित होती है जिसमें उसकी रुचि होती है। इसमें किसी कार्य-विशेष को अन्यों पर वरीयता देते हैं।

अभिवृत्ति दिन-प्रतिदिन के व्यवहार में अभिवृत्त होती है। 

रुचि का प्रयोग अदिकांशतः व्यावसायिक एवं शैक्षणिक क्षेत्र आदि में होता है 

(एक-दो क्षेत्रों में रुचि )

अभिवृत्ति में रूचि की तुलना में प्रेरणात्मक बल

 अभिरूचियों में परिवर्तन उतना कठिन नहीं होता। यदि उपयुक्त प्रतिस्थापन 

(Substitute) मिलता है तो फिर व्यक्ति की अभिरुचि में अचानक परिवर्तन भी हो सकता है।





अभिवृत्ति (Attitude) एवं अभिक्षमता (Aptitudes ) में अंतर 



अभिवृत्ति

अभिक्षमता

इसका संबंध संपूर्ण व्यक्तित्व से होता है। (व्यापक आयाम)

यह व्यक्ति की कुछ विशेष कार्य क्षमताओं एवं योग्यताओं को दर्शाता है। (सीमित कार्य क्षेत्र)

अभिवृत्ति व्यक्तित्व की उस विशेषता को इंगित करता हैजिसके द्वारा व्यक्ति किसी वस्तु,योग्यताओं व्यक्ति या परिस्थिति के बारे में अपनी सोच एवं विश्वासपसंद एवं नापसंद के आधार पर व्यवहार करता है।

अभिक्षमता का तात्पर्य उन वर्तमान एवं क्षमताओं से हैजिसके आधार 

योग्यताओं व्यक्ति या परिस्थिति के बारे में अपनी सोच एवं विश्वासपसंद एवं नापसंद के आधार पर व्यवहार करता है।

अभिवृत्ति का प्रयोग व्यापक रूप से किसी भी वस्तुव्यक्तिविचारपरिस्थिति के प्रतिभावना या प्रतिक्रिया जानने के लिए किया जाता है।

अभिक्षमता का क्षेत्र सीमित है। यह कुछ विशेष क्षेत्रों में व्यक्ति की कौशल क्षमता से संबंधित है।

अभिवृत्ति सदैव अर्जित होती है। की हो सकती है।

अभिक्षमता जन्मजात और अर्जित दोनों


मनोवृत्ति (Attitude) और मत (Opinion ) में अंतर


मनोवृत्ति

मत

मनोवृत्ति प्रत्याशी प्रतिक्रिया (Anticipatory response) है। 

मत शाब्दिक अभिव्यक्ति (verbalized expression) है।

व्यक्ति के व्यवहार पर मनोवृत्ति का प्रभाव अधिक।

व्यवहार पर मनोवृत्ति की अपेक्षा मत का प्रभाव कम।

मनोवृत्ति में संज्ञानात्मक तत्व के साथ भावात्मक और क्रियात्मक तत्व भी होते हैं।

मत एक ऐसा अस्थायी विश्वास है जिसमें परिमार्जन की संभावना होती है। इस रूप में मत में संज्ञानात्मक पक्ष प्रमुख होता है। यहां संवेगात्मक या भावात्मक पक्ष नहीं होता है।

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