नवंबर माह के प्रमुख दिवस के बारे में विस्तृत जानकारी(November Month Days Details Information )
आयुर्वेद
दिवस 02 नवंबर
02 नवंबर, 2021 को देश भर में छठा ‘राष्ट्रीय
आयुर्वेद दिवस’ मनाया गया। भारत में प्रत्येक वर्ष
धन्वंतरी जयंती (धनतेरस) के अवसर पर राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाया जाता है, जिसकी शुरुआत वर्ष 2016 में आयुष मंत्रालय द्वारा की गई थी।
इस दिवस के आयोजन का उद्देश्य वर्तमान पीढ़ी को आयुर्वेद के प्रति जागरूक करना और
समाज में चिकित्सा के आयुर्वेदिक सिद्धांतों को बढ़ावा देना है। वर्ष 2020 में यह दिवस 13 नवंबर को मनाया गया था। ध्यातव्य है
कि आयुर्वेद प्राचीन भारतीय प्राकृतिक और समग्र वैद्य-शास्त्र चिकित्सा पद्धति है।
संस्कृत भाषा में आयुर्वेद का अर्थ है ‘जीवन
का विज्ञान’ (संस्कृत में मूल शब्द आयुर का अर्थ
होता है ‘दीर्घ आयु’ या आयु और वेद का अर्थ ‘विज्ञान’ से है। आयुर्वेद पूर्णरूप से प्राकृतिक सिद्धांतों पर आधारित विश्व्
का प्राचीनतम चिकित्साविज्ञान है।
आयुर्वेद के प्राचीनतम ग्रंथों में चरक संहिता, सुश्रुत
संहिता एवं अष्टांनग हृदयम प्रमुख हैं। आयुर्वेद प्रमुख रूप से त्रिदोष- वात, पित्त और कफ पर आधारित है। तीनों दोष
जब शरीर में में सम अवस्थाक में रहते हैं तब मनुष्यस्वास्थन रहता है तथा दोषों की विषम अवस्थाम
होने पर रोग उत्पन्न होते हैं।
विश्व
सुनामी जागरूकता दिवस 5 नवंबर
अंतर्राष्ट्रीय
स्तर पर प्रत्येक वर्ष5 नवंबर को ‘विश्व सुनामी जागरूकता दिवस’ का आयोजन किया जाता है, जिसका उद्देश्य आम लोगों को सुनामी
जैसी घातक आपदा के बारे में जागरूक करना है।
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के
मुताबिक, इस घातक आपदा के कारण पिछली एक सदी में
लाखों लोगों की मृत्यु हुई है।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, ‘सुनामी’ (Tsunami) शब्द की उत्पत्ति जापान से हुई है, जहाँ ‘सु’ (Tsu) शब्द का अर्थ है ‘बंदरगाह’ (Harbour) और ‘नामी’ (Nami) का अर्थ है ‘लहर’ (Waves)। प्रायः तीव्र भूकंप के दौरान समुद्री प्लेट कई मीटर तक खिसक जाती
है, फलस्वरूप समुद्री सतह पर ज़बरदस्त
उथल-पुथल मचती है और इस कारण सागर की सतह पर जल बड़ी-बड़ी लहरों के रूप में उठता
है।
यद्यपि महासागरों में ये बहुत कम ऊँचाई की होती हैं, किंतु जैसे-जैसे ये किनारों की ओर
बढ़ती हैं तो इनकी ऊँचाई और तीव्रता बढ़ती जाती है। यही तीव्र और ऊँची लहरें धरातल
पर सुनामी कहलाती हैं।
वर्ष 2004
में हिंद महासागर में आई सबसे घातक सुनामी के बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा ने
प्रत्येक वर्ष 5 नवंबर को विश्व सुनामी जागरूकता दिवस
के रूप में मनाने का निर्णय लिया था।
विश्व
रेडियोग्राफी दिवस 08 नवंबर
‘एक्स-रे’ अथवा ‘एक्स-रेडिएशन’ की खोज के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष 08 नवंबर को ‘विश्व रेडियोग्राफी दिवस’ मनाया जाता है। गौरतलब है कि 8 नवंबर, 1895 को जर्मन वैज्ञानिक ‘विल्हेम
कॉनराड रॉन्टगन’ द्वारा ‘एक्स-रे’ प्रणाली की खोज की गई थी। उनकी इस खोज
के लिये उन्हें वर्ष 1901 में फिज़िक्स में पहले नोबेल पुरस्कार
से सम्मानित किया गया था। इस दिवस के आयोजन का उद्देश्य रेडियोग्राफिक इमेजिंग और
थेरेपी के बारे में जन जागरूकता बढ़ाना है, जो
कि मौजूद चिकित्सा पद्धति में रोगियों के निदान एवं उपचार में महत्त्वपूर्ण भूमिका
निभाता है। पहला विश्व रेडियोग्राफी दिवस वर्ष 2012 में मनाया गया था। इस दिवस के आयोजन से पूर्व 10 फरवरी को विल्हेम रॉन्टगन की
पुण्यतिथि को चिह्नित करने हेतु ‘यूरोपीय
रेडियोलॉजी दिवस’ का आयोजन किया जाता था।
उत्तराखंड
स्थापना दिवस 09 नवंबर
09 नवंबर, 2021 को उत्तराखंड का 21वाँ
स्थापना दिवस मनाया गया। उत्तराखंड का गठन 9
नवंबर, 2000 को भारत के 27वें राज्य के रूप में किया गया था।
वर्तमान उत्तराखंड राज्य पहले आगरा और अवध संयुक्त प्रांत का हिस्सा था। यह प्रांत
वर्ष 1902 में अस्तित्त्व में आया था और बाद में
वर्ष 1935 में इसे संक्षेप में केवल संयुक्त
प्रांत कहा जाने लगा।
जनवरी 1950
में संयुक्त प्रांत का नाम 'उत्तर
प्रदेश' रखा गया और वर्ष 2000 में उत्तर प्रदेश के उत्तरी हिस्से को
अलग करके उत्तराखंड बनाया गया। हिमालय की तलहटी में स्थिंत उत्तराखंड राज्या की
अंतर्राष्ट्री0य सीमाएँ उत्तर में चीन (तिब्बअत) और
पूर्व में नेपाल से मिलती हैं। इसके उत्तर-पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में
उत्तर प्रदेश है। यह प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध राज्य है। उत्तराखंड की 90 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है।
उत्तराखंड में कुल 13 ज़िले हैं और देहरादून यहाँ की राजधानी
है। यहाँ मुख्य तौर पर हिंदी और अंग्रेज़ी भाषा का प्रयोग किया जाता है, जबकि गढ़वाली और कुमाऊँनी यहाँ की
स्थाननीय बोलियाँ हैं।
राष्ट्रीय
विधिक सेवा दिवस 9 नवंबर
प्रत्येक
वर्ष 9 नवंबर को राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस (National Legal Services Day-NLSD) मनाया जाता है। इस दिवस के आयोजन का
मुख्य उद्देश्य लोगों में कानूनी जागरूकता फैलाना, समाज के गरीब एवं कमज़ोर वर्गों को मुफ्त कानूनी सहायता एवं सलाह
प्रदान करना है, ताकि सभी के लिये न्याय सुनिश्चित किया
जा सके। राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस (NLSD) की शुरुआत पहली बार वर्ष 1995
में भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा समाज के गरीब एवं कमज़ोर वर्गों को सहायता
एवं समर्थन प्रदान करने के लिये की गई थी।
भारतीय संसद द्वारा भारतीय विधिक सेवा
प्राधिकरण अधिनियम, 1987 को 9 नवंबर,
1995 को लागू किया
गया। इसलिये 9 नवंबर को ‘राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस’ के रूप में चिह्नित किया गया है। ‘नालसा’ का गठन समाज के कमज़ोर वर्गों को नि:शुल्क कानूनी सेवाएँ प्रदान करने
और विवादों के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिये लोक अदालतों का आयोजन करने के उद्देश्य
से किया गया है। भारत का मुख्य न्यायाधीश ‘नालसा’ का मुख्य संरक्षक होता है और भारत के
सर्वोच्च न्यायालय का द्वितीय वरिष्ठ न्यायाधीश प्राधिकरण का कार्यकारी अध्यक्ष
होता है।
विश्व
निमोनिया दिवस 12 नवंबर
प्रत्येक
वर्ष 12 नवंबर को वैश्विक स्तर पर विश्व
निमोनिया दिवस (World
Pneumonia Day) का
आयोजन किया जाता है।
इस दिवस की शुरुआत सर्वप्रथम वर्ष 2009 में ‘ग्लोबल कोएलिशन अगेंस्ट चाइल्ड निमोनिया’ द्वारा निमोनिया के बारे में जागरूकता
फैलाने के उद्देश्य से की गई थी। निमोनिया फेफड़ों में एक गंभीर संक्रमण की स्थिति
है, जो कि बैक्टीरिया के कारण होता है।
चूँकि निमोनिया फेफड़ों का संक्रमण है, इसलिये
इसके सबसे आम लक्षण खाँसी,
साँस लेने में परेशानी और बुखार हैं।
निमोनिया से पीड़ित बच्चों में तेज़ साँस लेने जैसे लक्षण पाए जाते हैं।
विश्व
स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, इथियोपिया, भारत, नाइजीरिया और पाकिस्तान में 5
वर्ष से कम उम्र के बच्चों की कुल मौतों में आधे से अधिक का कारण निमोनिया है।
वहीं भारत में निमोनिया से सालाना अनुमानित 71%
मौतें होती हैं और गंभीर निमोनिया के 57%
मामले देखे जाते हैं।
लोक
सेवा प्रसारण दिवस 12 नवंबर
भारत
में प्रतिवर्ष 12 नवंबर को लोक सेवा प्रसारण दिवस का
आयोजन किया जाता है। यह दिवस वर्ष 1947
में ऑल इंडिया रेडियो (दिल्ली) के स्टूडियो में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पहली
और एकमात्र यात्रा को चिह्नित करने हेतु आयोजित किया जाता है। 12 नवंबर, 1947 को महात्मा गांधी ने पाकिस्तान से विस्थापित लोगों को संबोधित किया
था, जो विभाजन के बाद अस्थायी रूप से
हरियाणा के कुरुक्षेत्र में बस गए थे।
इस दिवस की अवधारणा जन प्रसार के संयोजक
सुहास बोरकर द्वारा प्रस्तुत की गई थी और वर्ष 2000 में इस दिवस को ‘लोक
सेवा प्रसारण दिवस’ अथवा ‘जन प्रसार दिवस के रूप में घोषित किया गया था। ज्ञात हो कि प्रसार
भारती को सार्वजनिक सेवा प्रसारण, लोकतांत्रिक
परंपराओं की मज़बूती और सभी विविध समुदायों एवं संस्कृतियों को अवसर प्रदान करने की
ज़िम्मेदारी दी गई है। एक माध्यम के रूप में प्रसारण (Broadcasting) भारत जैसे बड़े लोकतांत्रिक देश में
अभिव्यक्ति की आज़ादी का एक सशक्त उदाहरण है। प्रसारण ने बीते कई दशकों में भारत के
विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
विश्व
मधुमेह दिवस 14 नवंबर
वर्ष
1922 में ‘इंसुलिन’ की खोज करने वाले सर फ्रेडरिक बैंटिंग
के जन्मदिवस को चिह्नित करने हेतु प्रतिवर्ष 14
नवंबर को ‘विश्व मधुमेह दिवस’ का आयोजन किया जाता है। ‘विश्व मधुमेह दिवस’ 2021-23 का विषय 'मधुमेह देखभाल तक पहुँच' है। जब मानव शरीर में अग्न्याशय
(पैंक्रियाज) द्वारा इंसुलिन नामक हॉर्मोन स्रावित करना कम हो जाता है अथवा
इंसुलिन की कार्यक्षमता में कमी आ जाती है तो मधुमेह(Diabetes) रोग हो जाता है।
इंसुलिन रक्त में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित
करता है। इसमें मानव रक्त में ग्लूकोज़ (रक्त शर्करा) का स्तर बढ़ने लगता है।
ग्लूकोज़ का बढ़ा हुआ स्तर शरीर के विभिन्न अंगों को नुकसान पहुँचाता है। टाइप-2 और टाइप-1 मधुमेह के सामान्य रूप हैं। मधुमेह के
कुल मामलों में 90 से 95% टाइप-2 मधुमेह से संबंधित होते हैं। टाइप-2 मधुमेह आमतौर पर वयस्कों को प्रभावित
करता है। इस स्थिति में ज़्यादा गंभीर स्थिति के अलावा हाइपर ग्लाइसीमिया (रक्त में
ग्लूकोज़ का उच्च स्तर) के नियंत्रण के लिये इंसुलिन की आवश्यकता नहीं होती है।
मधुमेह का एक आनुवंशिक रूप भी है जो जीन में दोष के कारण होता है। इसलिये इसे 'मोनोजीनिक मधुमेह' कहा जाता है।
ऑडिट
दिवस 16 नवंबर
16 नवंबर, 2021 को पहली बार ‘ऑडिट
दिवस’ का आयोजन किया गया। ‘ऑडिट दिवस’ एक संस्था के रूप में ‘भारत के नियंत्रक और महालेखापरीक्षक’ (CAG) की ऐतिहासिक उत्पत्ति और पिछले कई
वर्षों में शासन, पारदर्शिता और जवाबदेही में उसके को
चिह्नित करने के लिये मनाया जाता है। ‘भारत
के नियंत्रक और महालेखापरीक्षक’ (CAG) भारत
के संविधान के तहत एक स्वतंत्र प्राधिकरण है। महालेखाकार का कार्यालय वर्ष 1858 में स्थापित किया गया था, ठीक उसी वर्ष जब अंग्रेज़ों ने ईस्ट
इंडिया कंपनी से भारत का प्रशासनिक नियंत्रण अपने हाथों में लिया था। वर्ष 1947 में स्वतंत्रता के बाद भारतीय संविधान
के अनुच्छेद 148 में भारत के राष्ट्रपति द्वारा एक
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक नियुक्त किये जाने का प्रावधान किया गया। वर्ष 1976 में CAG को लेखांकन के कार्यों से मुक्त कर दिया गया।
राष्ट्रीय
प्रेस दिवस 16 नवंबर
प्रतिवर्ष
16 नवंबर को भारत में ‘राष्ट्रीय प्रेस दिवस’ का आयोजन किया जाता है। भारत में प्रेस
की स्वतंत्रता और भारतीय समाचार पत्रों एवं समाचार एजेंसियों के मानकों को बनाए
रखने तथा उनमें सुधार करने के लिये 16
नवंबर, 1966 को भारतीय प्रेस परिषद (PCI) की स्थापना की गई थी।
वर्ष 1954 में गठित प्रथम प्रेस आयोग ने वर्ष 1956 में भारत में पत्रकारिता की नैतिकता
और प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा के लिये एक समिति के गठन की बात की थी। इसके
तकरीबन 10 वर्ष बाद भारतीय प्रेस परिषद (PCI) का गठन किया गया। यह नैतिकता के
उल्लंघन और प्रेस की स्वतंत्रता के उल्लंघन संबंधी शिकायतों का न्यायनिर्णयन करती
है। वर्तमान में जस्टिस चंद्रमौली कुमार प्रसाद भारतीय प्रेस परिषद (PCI) के अध्यक्ष पद पर कार्यरत हैं। भारतीय
प्रेस परिषद (PCI) एक सांविधिक निकाय है, जिसकी अध्यक्षता सर्वोच्च न्यायालय के
सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा की जाती है। इसके अलावा इस परिषद में 28 अन्य सदस्य होते हैं, जिनमें से 20 प्रेस का प्रतिनिधित्व करते हैं, पाँच सदस्य संसद के दोनों सदनों से
नामित होते हैं और तीन सदस्य सांस्कृतिक, साहित्यिक
एवं कानूनी क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय
सहिष्णुता दिवस 16 नवंबर
प्रतिवर्ष
16 नवंबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस’ का आयोजन किया जाता है। यह संयुक्त
राष्ट्र द्वारा घोषित दिवस है जिसका उद्देश्य असहिष्णुता के खतरों के बारे में जन
जागरूकता पैदा करना है।
संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 1995 को ‘सहिष्णुता के लिये एक वर्ष’ के
रूप में घोषित किया गया था। सहिष्णुता पर सिद्धांतों की घोषणा भी उसी वर्ष 16 नवंबर को की गई थी। संयुक्त राष्ट्र
ने वर्ष 1995 में महात्मा गांधी की 125वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देने
हेतु ‘अंतर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस’ के आयोजन की घोषणा की थी।
राष्ट्रीय एपिलेप्सी दिवस 17 नवंबर
एपिलेप्सी
(मिर्गी) के संबंध में जागरूकता पैदा करने हेतु प्रतिवर्ष 17 नवंबर को ‘राष्ट्री य एपिलेप्सी दिवस’ का आयोजन किया जाता है। यह दिवस आम
लोगों को शिक्षित करने और रोग, इसके
लक्षणों एवं उपचार के बारे में अधिक समझने का अवसर प्रदान करता है। एपिलेप्सी
(मिर्गी) एक केंद्रीय तंत्रिका तंत्र संबंधी विकार है, इसमें मस्तिष्क की गतिविधि असामान्य हो
जाती है, जिससे दौरे या असामान्य व्यवहार, संवेदनाएँ और कभी-कभी अभिज्ञता संबंधी
हानि होती है।
एपिलेप्सी चौथा सबसे सामान्य न्यूरोलॉजिकल विकार है जो सभी उम्र के
लोगों को प्रभावित करता है। हालाँकि कोई भी व्यक्ति एपिलेप्सी से ग्रसित हो सकता
है, परंतु यह छोटे बच्चों और वयस्कों तथा
महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक देखा जाता है। स्वाद, गंध, दृष्टि, श्रवण या स्पर्श में परिवर्तन आना, चक्कर आना, अंगों में सिहरन उत्पन्न होना, एकटक घूरना, एक ही कार्य को बार-बार करना आदि इसके
प्रमुख लक्षण हैं। एपिलेप्सी का कोई उपचार नहीं है, लेकिन इस विकार को दवाओं और अन्य रणनीतियों के साथ प्रबंधित किया जा
सकता है।
दुनिया भर में लगभग 50
मिलियन लोग एपिलेप्सी से ग्रसित हैं, जो
इसे विश्व स्तर पर सबसे आम न्यूरोलॉजिकल रोगों में से एक बनाता है। दुनिया भर के
कई हिस्सों में मिर्गी से पीड़ित लोगों को भेदभाव का सामना करना पड़ता है।
विश्व
विरासत सप्ताह प्रतिवर्ष 19 नवंबर से 25 नवंबर तक
संयुक्त
राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन
(यूनेस्को) द्वारा प्रतिवर्ष 19
नवंबर से 25 नवंबर तक ‘विश्व विरासत सप्ताह’ मनाया जाता है। इसका उद्देश्य आम लोगों
को समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रति जागरूक करना और इसके संरक्षण हेतु प्रयास
करना है। भारत में इस समारोह का आयोजन ‘भारतीय
पुरातत्त्व सर्वेक्षण’
(ASI) द्वारा किया
जाता है।
भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण राष्ट्रकी सांस्कृ तिक विरासतों के पुरातत्त्वीय अनुसंधान तथा संरक्षण के लिये एक
प्रमुख संगठन है, जो कि मुख्य तौर पर प्राचीन स्मासरको
तथा पुरातत्त्वीय स्थ लों एवं अवशेषों का रखरखाव करता है। विश्व विरासत सप्ताह के
अवसर पर ‘भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण’ और कई अन्य संग्रहालयों द्वारा प्राचीन
स्मारकों के महत्त्व व उनके संरक्षण को रेखांकित करते हुए कार्यक्रम आयोजित किये
हैं। भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण संस्कृकति मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।
वर्तमान में भारत में 40 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं जिनमें
32 सांस्कृतिक स्थल, 7 प्राकृतिक स्थल और 1 मिश्रित स्थल शामिल है। गौरतलब है कि
हाल ही में यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति ने अपने 44वें सत्र के दौरान तेलंगाना के वारंगल में ‘काकतीय रुद्रेश्वर (रामप्पा) मंदिर’ और गुजरात के हड़प्पा-युग के शहर ‘धौलावीरा’ को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल की
सूची में शामिल किया था। वहीं वर्तमान में देश में 3,691 स्मारक, पुरातत्त्व विभाग द्वारा संरक्षित किये
गए हैं। सबसे अधिक 745 संरक्षित स्थहल उत्तर प्रदेश में
स्थित हैं।
विश्वन
टेलीविज़न दिवस 21 नवंबर
प्रतिवर्ष
21 नवंबर को विश्व स्तर पर टेलीविज़न के
महत्त्व को उजागर करने हेतु ‘विश्व
टेलीविज़न दिवस’ का आयोजन किया जाता है। गौरतलब है कि
अपने आविष्कार के बाद से टेलीविज़न मनोरंजन के सबसे महत्त्वपूर्ण स्रोतों में से एक
रहा है। मनोरंजन के साथ-साथ यह लोगों को शिक्षित एवं सूचित करने हेतु समान रूप से
महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
नवंबर 1996
में संयुक्त राष्ट्र ने अपने पहले ‘विश्व
टेलीविज़न फोरम’ का आयोजन किया था। प्रमुख मीडिया
हस्तियों ने इस मंच में हिस्सा लिया था, जहाँ
उन्होंने विश्व स्तर पर टेलीविज़न के बढ़ते महत्त्व पर चर्चा की थी।
इस कार्यक्रम
के आयोजन के दौरान संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रतिवर्ष 21 नवंबर को ‘विश्व टेलीविज़न दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया। टीवी
का आविष्कार स्कॉटिश इंजीनियर जॉन लॉगी बेयर्ड ने वर्ष 1924 में किया था। इस आविष्कार के तीन दशक
बाद ‘संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन’ (यूनेस्को) की सहायता से 15 सितंबर, 1959 को भारत में पहली बार टेलीविज़न की शुरुआत की गई।
अंतर्राष्ट्रीय
महिला हिंसा उन्मूलन दिवस 25 नवंबर
महिलाओं
पर होने वाली हिंसा को रोकने के लिये प्रतिवर्ष 25 नवंबर को विश्व भर में ‘अंतर्राष्ट्रीय
महिला हिंसा उन्मूलन दिवस’
(International Day for the Elimination of Violence against Women) मनाया जाता है। इस दिवस के आयोजन का
प्राथमिक उद्देश्य महिलाओं के खिलाफ हिंसा को रोकना और महिलाओं को उनके बुनियादी
मानवाधिकारों एवं लैंगिक समानता के विषय में जागरूक करना है।
महिला अधिकार
कार्यकर्त्ताओं द्वारा वर्ष 1981 से
प्रतिवर्ष 25 नवंबर को लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ
लड़ने हेतु इस दिवस का आयोजन किया जाता है। 07
फरवरी, 2000 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक
संकल्प पारित किया, जिसमें 25 नवंबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन
दिवस’ के रूप में नामित किया गया। इस दिवस का
आयोजन ‘मिराबाई बहनों’ (डोमिनिकन गणराज्य की तीन राजनीतिक
कार्यकर्त्ता) के सम्मान में किया जाता है, जिन्हें
वर्ष 1960 में देश के शासक ‘राफेल ट्रुजिलो’ के आदेश पर बेरहमी से मार दिया गया था।
संयुक्त राष्ट्र महिला (UN
Women) द्वारा
जारी आँकड़ों के अनुसार, विश्व भर में लगभग 15 मिलियन किशोर लड़कियाँ (15-19 आयु वर्ग) अपने जीवन में कभी-न-कभी
यौन उत्पीड़न का शिकार होती हैं। वहीं विश्व भर में लगभग 650 मिलियन महिलाओं का विवाह 18 वर्ष की आयु से पूर्व हुआ है।
राष्ट्रीय
दुग्ध दिवस 26 नवंबर
भारत
में श्वेत क्रांति के जनक डॉ. वर्गीज कुरियन के जन्मदिन को ‘राष्ट्रीय दुग्ध दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 2014 में 26 नवंबर के दिन भारतीय डेयरी एसोसिएशन (IDA) ने पहली बार यह दिवस मनाने की पहल की
थी। ध्यातव्य है कि डॉ. वर्गीज कुरियन के मार्गदर्शन में ही भारत में कई
महत्त्वपूर्ण संस्थाओं जैसे- गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ लिमिटेड और राष्ट्रीय
डेयरी विकास बोर्ड आदि का गठन किया गया।
वर्ष 1970
में दुग्ध उत्पादन में वृद्धि तथा ग्रामीण क्षेत्र की आय बढ़ाने को दृष्टि में रखते
हुए ‘ऑपरेशन फ्लड’ की शुरुआत की गई। दुग्ध उत्पादन में
उत्तर प्रदेश देश का अग्रणी राज्य है, जबकि
गुजरात स्थित ‘अमूल’ देश की सबसे बड़ी दुग्ध सहकारी संस्था है। यह दिवस इस तथ्य को उजागर
करने के लिये मनाया जाता है कि किस प्रकार डेयरी एक अरब लोगों की आजीविका का एक
प्रमुख साधन है।
भारत बीते कुछ वर्षों में 150
मिलियन टन से अधिक दुग्ध उत्पादन के साथ विश्व में दूध का सबसे बड़ा उत्पादक बन
गया है। जहाँ एक ओर वर्ष 1955 में भारत का मक्खन आयात 500 टन था, वहीं वर्ष 1975 तक दूध एवं दूध उत्पादों का सभी
प्रकार का आयात लगभग शून्य हो गया, क्योंकि
इस समय तक भारत दूध उत्पादन में आत्मनिर्भर हो गया था।
‘राष्ट्रीय कैडेट कोर’ दिवस 28 नवंबर
दुनिया
के सबसे बड़े वर्दीधारी युवा संगठन ‘राष्ट्रीय
कैडेट कोर’ (NCC) ने 28 नवंबर,
2021 को अपनी स्थापना
की 73वीं वर्षगाँठ मनाई। ‘राष्ट्रीय कैडेट कोर’, जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है, स्वैच्छिक आधार पर स्कूल और कॉलेज के
छात्रों के लिये एक 'त्रि-सेवा संगठन' है, जिसमें
सेना, नौसेना और वायु विंग शामिल हैं।
भारत
में ‘राष्ट्रीय कैडेट कोर’ की स्थापना 15 जुलाई, 1948 को राष्ट्रीय कैडेट कोर अधिनियम, 1948 के तहत हुई थी।‘राष्ट्रीय
कैडेट कोर’ दिवस नवंबर माह के चौथे रविवार को
मनाया जाता है।
NCC का आदर्श वाक्य ‘एकता और अनुशासन’ (Unity and Discipline) है, जिसे
12 अक्तूबर, 1980 को आयोजित केंद्रीय सलाहकार समिति की
बैठक में अपनाया गया था। NCC
प्रशिक्षण तीन साल का होता है- पहले
वर्ष 'A', दूसरे वर्ष 'B' और तीसरे वर्ष में 'C' ग्रेड का प्रमाणपत्र दिया जाता है। NCC समूह का नेतृत्व 'लेफ्टिनेंट जनरल' रैंक का अधिकारी करता है और पूरे देश में
ऐसे कुल 17 अधिकारी हैं।
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