राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस 2023 : 14 दिसंबर उद्देश्य इतिहास महत्व । National Energy Conservation Day 2023

 राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस 2023 : 14 दिसंबर उद्देश्य इतिहास महत्व

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस 2021 : 14 दिसंबर उद्देश्य इतिहास महत्व । National Energy Conservation Day 2021



राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस 2023 : 14 दिसंबर उद्देश्य इतिहास महत्व


राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस कब आयोजित किया जाता है ?

  • 14 दिसंबर को राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस’ का आयोजन किया जाता है।


राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस का आयोजन किसके द्वारा किया जाता है ?

  • विद्युत मंत्रालय के अधीनस्थस ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) द्वारा। 


राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस’ का उद्देश्य क्या है ?

  • इसका उद्देश्य ऊर्जा दक्षता एवं संरक्षण में भारत की उपलब्धि‍यों को दर्शाना और जलवायु परिवर्तन में कमी की दिशा में राष्ट्रं के सर्वांगीण प्रयासों के तहत समग्र विकास की अपनी महत्वाककांक्षा के लिए अथक कोशिश करना है।


राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण सप्ताह’ का आयोजन कब किया  जाता  है। 

  • ऊर्जा दक्षता एवं संरक्षण के महत्वक के बारे में आम जनता के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए ऊर्जा दक्षता ब्यू रो 9 से 14 दिसम्बरतक राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण सप्ताह’  मनाया जाता  है। 


ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) की स्थापना कब हुई थी ?

  • ऊर्जा संरक्षण अधिनियम’ के कार्यान्वयन को सुनिश्चित  करने  लिये वर्ष  2002 में केंद्रीय स्तर पर एक वैधानिक निकाय के रूप में 'ऊर्जा दक्षता ब्यूरो' (Bureau of Energy Efficiency- BEE) की स्थापना की गई थी।


राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस14 दिसंबर National Energy Conservation Day)


  • विद्युत मंत्रालय के अधीनस्थस ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) द्वारा हर साल 14 दिसंबर को राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवसका आयोजन किया जाता है। इसका उद्देश्य ऊर्जा दक्षता एवं संरक्षण में भारत की उपलब्धि‍यों को दर्शाना और जलवायु परिवर्तन में कमी की दिशा में राष्ट्रं के सर्वांगीण प्रयासों के तहत समग्र विकास की अपनी महत्वाककांक्षा के लिए अथक कोशिश करना है।
  • ऊर्जा दक्षता एवं संरक्षण के महत्व के बारे में आम जनता के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए ऊर्जा दक्षता ब्यूरो 9 से 14 दिसम्बकर, 2019 तक राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण सप्ताहजाता  है। 


ऊर्जा संरक्षण के लिए क्या क्या किया जा सकता है 

 

  • इसके तहत ऐसा कोई भी व्यवहार शामिल होता है जिसके परिणामस्वरूप ऊर्जा खपत में कमी की जाती है।
  • कमरे से बाहर निकलते समय लाइट बंद करना और एल्युमीनियम के डिब्बों को रिसाइकल करना दोनों ही ऊर्जा संरक्षण के उदाहरण हैं।
  • यह ऊर्जा दक्षताशब्द से अलग है, जिसका आशय ऐसी प्रद्योगिकियों के प्रयोग से है जिनमें  समान कार्य करने के लिये अपेक्षाकृत कम ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
  • प्रकाश उत्सर्जक डायोड (LED) या कॉम्पैक्ट फ्लोरोसेंट लाइट (CFL) बल्ब का प्रयोग,  जिनमें प्रकाश की समान मात्रा उत्पन्न करने के लिये तापदीप्त प्रकाश बल्ब की तुलना में कम ऊर्जा की आवश्यकता होती है,  यह ऊर्जा दक्षता का एक उदाहरण है


ऊर्जा संरक्षण अधिनियम

  • भारतीय अर्थव्यवस्था की ऊर्जा तीव्रता को कम करने के उद्देश्य से 2001 में ऊर्जा संरक्षण अधिनियमको लागू किया गया था।
  • ऊर्जा संरक्षण अधिनियमके कार्यान्वयन को सुनिश्चित  करने  लिये वर्ष  2002 में केंद्रीय स्तर पर एक वैधानिक निकाय के रूप में 'ऊर्जा दक्षता ब्यूरो' (Bureau of Energy Efficiency- BEE) की स्थापना की गई थी।
  • यह केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के तहत कार्य करता है।  


ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001: 

यह अधिनियम ऊर्जा संरक्षण हेतु कई कार्यों के लिये नियामकीय अधिदेश प्रदान करता है, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:

 

  • उपकरण और यंत्रों का मानक निर्धारण और उनकी लेबलिंग।
  • वाणिज्यिक भवनों के लिये ऊर्जा संरक्षण भवन कोड।
  •  ऊर्जा गहन उद्योगों के लिये ऊर्जा की खपत के मानदंड।


राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार:

 

  • ये पुरस्कार भारत सरकार के प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों द्वारा उद्योगों, भवनों, परिवहन और संस्थानों के साथ-साथ ऊर्जा कुशल निर्माताओं को उनके द्वारा ऊर्जा संरक्षण में नवाचार और अन्य  उपलब्धियों को पहचान/ मान्यता देने के लिये दिये जाते हैं।
  • यह पुरस्कार पहली बार 14 दिसंबर, 1991 को दिया गया था, जिसे (14 दिसंबर) पूरे देश में "राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस" के रूप में मनाया जाता है।

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