विश्व मधुमेह दिवस 2023: महत्व थीम उद्देश्य । विश्व मधुमेह दिवस 2023 की थीम । World diabetes day 2023

 विश्व मधुमेह दिवस 2023: महत्व थीम उद्देश्य , विश्व मधुमेह दिवस 2023 की थीम

विश्व मधुमेह दिवस 2021: महत्व थीम उद्देश्य । विश्व मधुमेह दिवस 2021 की थीम । World diabetes day 2021


विश्व मधुमेह दिवस कब और क्यों मनाया जाता है 

 

  • विश्व मधुमेह दिवस प्रतिवर्ष 14 नवंबर को मनाया जाता है। 
  • विश्व मधुमेह दिवस डॉ0 फ्रेडरिक ग्रांट बैंटिंग के जन्म दिवस के अवसर पर मनाया जा रहा है।
  • डॉ. फ्रेडरिक बैंटिंग ने चार्ल्स बेस्ट के साथ इंसुलिन की खोज की थी।
  • जिन्हें जॉन मैक्लोड के साथ वर्ष 1923 में चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार दिया गया था।
  • यह दिवस इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन (IDF) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (W.H.O.) द्वारा वर्ष 1991 में शुरू किया गया।
  • संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2007 में प्रतिवर्ष 14 नवंबरको इस दिवस को मनाने की घोषणा की थी।

विश्व मधुमेह दिवस 2021 मुख्य विषय (Theme)

  • वर्ष 2021-23 में विश्व मधुमेह दिवस  मुख्य विषय (Theme) है-  Access to diabetes care.
विश्व मधुमेह दिवस 2021 मुख्य विषय (Theme)



विश्व मधुमेह दिवस अभियान का उद्देश्य 

  • पूरे वर्ष आईडीएफ के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए मंच बनाना।
  • प्रमुख वैश्विक स्वास्थ्य समस्या के रूप में मधुमेह का सामना करने के लिए समन्वयित और मज़बूत कार्रवाई करने के महत्व को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक संचालक बनाना।
  • यह अभियान मधुमेह की जागरुकता के लिए वैश्विक प्रतीक के रूप में नीले वृत्त वाले लोगों द्वारा प्रस्तुत किया गया है, जो कि मधुमेह की महामारी के जवाब में वैश्विक मधुमेह समुदाय की एकता का प्रतीक है। 


विश्व मधुमेह दिवस की थीम /विषय


  • वर्ष 2021-23 में विश्व मधुमेह दिवस  मुख्य विषय (Theme) है-  Access to diabetes care.
  • The theme for World Diabetes Day 2021-23 is access to diabetes care.
  • वर्ष 2020 में इस दिवस का मुख्य विषय (Theme) है- “The Nurse and Diabetes”
  • विश्व मधुमेह दिवस वर्ष 2017 का विषय "महिला एवं मधुमेह- स्वस्थ भविष्य हमारा अधिकार" है।

 

मधुमेह क्या है?

  • मधुमेह एक गैर-संचारी (Non-Communicable Disease) रोग है जो किसी व्यक्ति में तब पाया जाता है जब मानव अग्न्याशय (Pancreas) पर्याप्त इंसुलिन (एक हार्मोन जो रक्त शर्करा या ग्लूकोज को नियंत्रित करता है) का उत्पादन नहीं करता है, या जब शरीर प्रभावी रूप से उत्पादित इंसुलिन का उपयोग करने में असफल रहता है।


मधुमेह के प्रकार: मधुमेह तीन प्रकार का होता है-

1. टाइप (Type)-1: 

  • इसे किशोर-मधुमेहके रूप में भी जाना जाता है (क्योंकि यह ज़्यादातर 14-16 वर्ष की आयु के बच्चों को प्रभावित करता है), टाइप-1 मधुमेह तब होता है जब अग्न्याशय (Pancreas) पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन करने में विफल रहता है। टाइप-1 मधुमेह वाले लोग इंसुलिन पर निर्भर होते हैं, जिसका अर्थ है कि उन्हें जीवित रहने के लिये रोज़ाना कृत्रिम (इंजेक्शन द्वारा) इंसुलिन लेना पड़ता है।

2. टाइप (Type)-2: 

  • यह मानव शरीर के इंसुलिन के उपयोग के तरीके को प्रभावित करता है। इस अवस्था में टाइप-1 के विपरीत अग्नाशय में इंसुलिन तो बनाता है लेकिन शरीर की कोशिकाएँ इस बने इन्सुलिन का स्वस्थ शरीर की तरह प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं कर पाती (प्रतिक्रिया नहीं देती हैं)।
  • टाइप-2 मधुमेह ज़्यादातर 45 वर्ष की आयु से अधिक के लोगों में पाया जाता है।
  • यह लोगों में तेज़ी से बढ़ते मोटापे (Obesity) का कारण बनता है।

3. गर्भावस्था के दौरान मधुमेह: 

  • यह गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में तब होता है जब कभी-कभी गर्भावस्था के कारण शरीर अग्नाशय में बनने वाले इंसुलिन के प्रति कम संवेदनशील हो जाता है। गर्भकालीन मधुमेह सभी महिलाओं में नहीं होता है और आमतौर पर बच्चे के जन्म के बाद यह समस्या दूर हो जाती है।
  • धुमेह लम्बे समय तक बगैर उपचार या सही रोकथाम के रहने पर गुर्दे, हृदय, रक्त वाहिकाएं, तंत्रिका तंत्र और आँखें (रेटिना) आदि से संबंधित रोगों का कारण बनता है।

 

मधुमेह की रोकथाम 

मधुमेह के मरीजों की सुविधा के लिये mDiabetes app

  • स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण (Ministry of Health and Family Welfare) ने WHO के राष्ट्रीय कार्यालय (भारत) तथा कई अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर इस क्षेत्र में जनहित योजनाएँ चलायी हैं।
  • नेशनल हेल्थ पोर्टल द्वारा मधुमेह से संबंधित जानकारियों से जनता को जागरूक करना।


अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह महासंघ IDF Kya hai?

  • अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह महासंघ की स्थापना नीदरलैंड की राजधानी अम्स्टर्डाम (Amsterdam) में वर्ष 1950 में हुई थी।
  • वर्ष 1985 में IDF का कार्यकारी मुख्यालय ब्रसेल्स, बेल्जियम में स्थानांतरित हो गया।
  • भारत के डॉ. ज़सबीर सिंह बजाज़ (पद्म विभूषण,1982) 1985 से 1988 तक इस संघ के अध्यक्ष रहे।
  • यह संगठन विश्व के लगभग 170 देशों तथा 230 से अधिक संगठनों के साथ मिलकर मधुमेह के उपचार, शोध एवं जागरूकता आदि पर काम करता है।

सफेद चावल और मधुमेह का खतरा शोध से संबन्धित जानकारी

 

  • 21 देशों के 1,32,373 व्यक्तियों में 9.5 वर्षों तक किए गए अध्ययन के बाद यह शोधपत्र प्रकाशित क्या गया है। यह शोधपत्र पीयर-रिव्यू जर्नल- डायबिटीज केयर के हालिया संस्करण में प्रकाशित हुआ है।
  • शोधपत्र के अनुसार इस अवधि में 6,129 नए व्यक्तियों में मधुमेह की बीमारी उत्पन्न हो गयी।
  • जोकि इंगित करता है कि सफेद चावल की खपत जितनी अधिक होगी, मधुमेह के विकास का खतरा उतना ही अधिक होगा।
  • अतिरिक्त चावल के सेवन से भोजन के बाद शरीर में ग्लूकोज के स्तर में तेज़ वृद्धि होती है, जिससे शरीर में सामान्य रक्त शर्करा के स्तर (Euglycemia) को बनाए रखने के लिए अग्नाशय की β-कोशिकाओं द्वारा अतिरिक्त इंसुलिन (Hyperinsulinemia) स्राव किया जाता है।
  • समय के साथ, β-कोशिकाओं की इंसुलिन स्राव क्षमता कम होने लगती है और वे समाप्त हो जाती है। जिससे β-कोशिकाओं की विफलता के कारण मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है।
  • इसके शारीरिक श्रम, मोटापा और मधुमेह ग्रसित पारिवारिक इतिहास जैसे कारण भी इसमें योगदान देते हैं।

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