सहकारी समितियाँ क्या होती हैं |97वें संशोधन प्रमुख प्रावधान | Sahkari Samiti Kya Hoti Hain

 

सहकारी समितियाँ क्या होती हैं ,97वें संशोधन प्रमुख प्रावधान 

सहकारी समितियाँ क्या होती हैं |97वें संशोधन प्रमुख प्रावधान | Sahkari Samiti Kya Hoti Hain



सहकारी समितियाँ क्या होती हैं 

  • अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (International Labour Organisation- ILO) के अनुसार, सहकारिता व्यक्तियों का एक स्वायत्त संघ है जो संयुक्त स्वामित्व वाले और लोकतांत्रिक रूप से नियंत्रित उद्यम के माध्यम से अपनी सामान्य आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक आवश्यकताओं तथा आकांक्षाओं को पूरा करने हेतु स्वेच्छा से एकजुट होते हैं।


सहकारी समितियों के प्रकार


सहकारी समितियाँ कई प्रकार की होती हैं जैसे- 

  • उपभोक्ता सहकारी समिति (Consumer Cooperative Society), 
  • उत्पादक सहकारी समिति (Producer Cooperative Society), 
  • ऋण सहकारी समिति (Credit Cooperative Society), 
  • आवास सहकारी समिति (Housing Cooperative Society) और 
  • विपणन सहकारी समिति (Marketing Cooperative Society)


सहकारिता का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष

  • संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) द्वारा वर्ष 2012 को सहकारिता का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष (International Year of Cooperatives) घोषित किया गया था।


भारत और सहकारी समिति 

  • भारत एक कृषि प्रधान देश है और इसने विश्व के सबसे बड़े सहकारी आंदोलन की नींव रखी।
  • हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा 'सहकार से समृद्धि' (सहकारिता के माध्यम से समृद्धि) के दृष्टिकोण को साकार करने और सहकारिता आंदोलन को नई दिशा प्रदान करने के उद्देश्य से एक अलग 'सहकारिता मंत्रालय' का निर्माण किया गया है।


संविधान (97वाँ संशोधन) अधिनियम2011


  • सर्वोच्च न्यायालय (SC) ने गुजरात उच्च न्यायालय के वर्ष 2013 के फैसले को बरकरार रखते हुए  संविधान (97वाँ संशोधन) अधिनियम2011 के कुछ प्रावधानों को रद्द कर दिया है।

 

  • न्यायालय का यह फैसला संघवाद को बढ़ावा देता है क्योंकि 97वें संशोधन ने सहकारी समितियों (एक ऐसा क्षेत्र जिसे अर्थव्यवस्था में बड़े पैमाने पर योगदानकर्त्ता माना जाता है) पर राज्यों के अनन्य अधिकार को सीमित कर दिया है।


  • 97वें संशोधन के माध्यम से संविधान में प्रस्तुत किया गया भाग IXB, सहकारी समितियों के क्रियान्वयन हेतु शर्तों को निर्धारित करता है।
  • संशोधन में प्रावधान, संविधान द्वारा आवश्यक राज्य विधानसभाओं द्वारा उनकी पुष्टि किये बिना संसद द्वारा पारित किये गए।
  • यह एक सहकारिता के निदेशकों की संख्या या उनके कार्यकाल की अवधि और यहाँ तक कि उसका सदस्य बनने के लिये आवश्यक विशेषज्ञता का निर्धारण करने की सीमा तक विस्तारित है।


97वें संशोधन प्रमुख प्रावधान

 

  • संविधान (97वाँ संशोधन) अधिनियम, 2011 ने भारत में काम कर रही सहकारी समितियों के संबंध में भाग IXA (नगर पालिका) के ठीक बाद एक नया भाग IXB जोड़ा है।
  • संविधान के भाग-III के अंतर्गत अनुच्छेद 19(1)(c) में "यूनियन (Union) और  एसोसिएशन (Association)" के बाद "सहकारिता" (Cooperative) शब्द जोड़ा गया था। यह सभी नागरिकों को मौलिक अधिकार प्रदान कर सहकारी समितियाँ बनाने में सक्षम बनाता है।
  • राज्य के नीति निदेशक तत्त्वों (Directive Principles of State Policy-भाग IV) में "सहकारी समितियों के प्रचार" के संबंध में एक नया अनुच्छेद 43B जोड़ा गया था।

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