भारत की सेल्फ कोरोना टेस्टिंग किट कोविसेल्फ | कोविसेल्फ : सेल्फ टेस्टिंग किट | Coviself Test Kit Kya Hai

 भारत की सेल्फ कोरोना टेस्टिंग किट कोविसेल्फ
कोविसेल्फ : सेल्फ टेस्टिंग किट
भारत की सेल्फ कोरोना टेस्टिंग किट कोविसेल्फ | कोविसेल्फ : सेल्फ टेस्टिंग किट | Coviself Test Kit Kya Hai



कोविसेल्फ : सेल्फ टेस्टिंग किट

  • कोविड -19 की जाँच के लिये भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने भारत के  पहले  स्व-परीक्षण (सेल्फ-टेस्टिंग) रैपिड एंटीजन टेस्ट (RAT) को मंज़ूरी प्रदान की, जिसे कोविसेल्फ (CoviSelf) नाम दिया गया है।

 

कोविसेल्फ टेस्टिंग किट किसके द्वारा विकसित की गयी है ?

  • इस किट को पुणे स्थित मॉलिक्यूलर कंपनी मायलैब डिस्कवरी सॉल्यूशन्स (MyLab Discovery Solutions) ने विकसित किया है।
  • ICMR जैव चिकित्सा अनुसंधान के निर्माण, समन्वय और प्रचार के लिये भारत में शीर्ष निकाय है तथा यह दुनिया के सबसे पुराने चिकित्सा अनुसंधान निकायों में से एक है।


 कोरोना टेस्टिंग किट कोविसेल्फ के बारे में जानकारी 

  • रैपिड एंटीजन टेस्ट (RAT) उपयोग करने के 15 मिनट के भीतर परिणाम देता है। यह परीक्षण एक मोबाइल एप CoviSelf के साथ समन्वित है, जो ICMR पोर्टल पर सकारात्मक (Positive) मामले की रिपोर्ट को सीधे फीड करने में मदद करेगा।
  • ICMR ने यह परीक्षण केवल उन लोगों को करने की सलाह दी है जिनमें लक्षण हैं या वे सकारात्मक रोगियों के उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों के संपर्क में हैं और जिन्हें घर पर परीक्षण करने की आवश्यकता है।
  • इस परीक्षण के तहत फेरीवालों, शो मालिकों या यात्रियों के लिये सार्वजनिक स्थानों पर सामान्य स्क्रीनिंग की सलाह नहीं दी जाती है।


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रैपिड एंटीजन टेस्ट क्या होता है (RAT)

  • यह नाक से लिये गए स्वैब (Swab) नमूने का एक परीक्षण है जो एंटीजन (शरीर में प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को प्रेरित करने वाले बाहरी पदार्थ) की पहचान करता है जो SARS-CoV-2 वायरस पर या उसके भीतर पाए जाते हैं।
  • यह एक प्वाइंट-ऑफ-केयर परीक्षण है, जिसका उपयोग पारंपरिक प्रयोगशाला प्रणाली के बाहर तत्काल नैदानिक परिणाम प्राप्त करने के लिये किया जाता है।
  • आरटी-पीसीआर (Reverse Transcription Polymerase Chain Reaction) की तरह रैपिड एंटीजन टेस्ट (RAT) भी शरीर द्वारा उत्पादित एंटीबॉडी (Antibodies) के बजाय वायरस का पता लगाने का प्रयास करता है।

जबकि इसकी प्रणाली (Mechanism) भिन्न है, इन दोनों परीक्षण  के मध्य सबसे प्रमुख अंतर समय का है।

आरटी-पीसीआर

  • आरटी-पीसीआर परीक्षण में आरएनए (राइबोन्यूक्लिक एसिड) को रोगी से एकत्र किये गए स्वैब (Swab) से निकाला जाता है फिर इसे डीएनए (डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड) में परिवर्तित कर  दिया जाता है, जिसे बाद में परिवर्द्धित (Amplified) किया जाता है।
  • आरटी-पीसीआर परीक्षण में न्यूनतम 2-5 घंटे का समय लगता है, जबकि रैपिड एंटीजन टेस्ट में परीक्षण करने में अधिकतम 30 मिनट का समय लगता है।


 कोरोना टेस्टिंग किट कोविसेल्फ के लाभ: 

  • इस परीक्षण में स्वैब (Swab) को त्वरित एकत्रित करना बहुत सरल होता  है और इससे परीक्षण पर होने वाले व्यय तथा लैबमें अपॉइंटमेंट आदि का भार कम होता है।
  • कोविसेल्फ , प्रयोगशाला परीक्षण RT-PCR और RAT से सस्ता है।
  • संक्रमण की जाँच के लिये किसी अस्पताल अथवा प्रयोगशालामें जाने या किसी तकनीशियन को घर पर बुलाने के बजाय किसी व्यक्ति द्वारा घर पर स्वयं ही अपनी जाँच करने से दूसरों में वायरस फैलने का जोखिम कम होता है।
  • स्व-संग्रह की विश्वसनीयता और स्व-परीक्षण लोगों की आवागमन गतिविधियों को कम करने के साथ कोविड -19 के संचरण जोखिम को कम करेगा।
  • स्व-परीक्षण वर्तमान में 24 घंटे कार्यरत रहने वाले उन प्रयोगशालाओं पर से बोझ या दबाव को कम करेगा जिनमें कार्यरत लोग पूरी क्षमता के साथ काम कर रहे हैं।
  • किफायती रैपिड टेस्ट बड़े पैमाने पर जनसमुदाय की निगरानी के उद्देश्य को पूरा करने में मदद कर सकते हैं, फिर चाहे अन्य परीक्षणों की तुलना में सटीक परिणाम प्राप्त करने में इनकी संवेदनशीलता कम हो।


 कोरोना टेस्टिंग किट कोविसेल्फ से संबन्धित चिंताएँ 

 

  • इस प्रकार की गई जाँचों के परिणामों की विश्वसनीयता चिंता का एक प्रमुख विषय बनी हुई है। इसमें सही ढंग से नमूना एकत्र नहीं होने या स्वैब स्टिक के दूषित होने की संभावना अधिक होती है।
  • इसके अलावा त्वरित एंटीजन परीक्षणों के गलत नकारात्मक’ (False Negatives) होने की संभावना अधिक होती है। यदि कोई कोविड-संक्रमित व्यक्ति लक्षणहीन (Asymptomatic) है और इसके परीक्षण का परिणाम नकारात्मकआ जाता है, तो इससे उस व्यक्ति के अंदर सुरक्षा की गलत धारणा बन सकती है।
  • स्वास्थ्य पेशेवरों और प्रयोगशालाओं से व्यक्तियों के परीक्षण परिणामों की रिपोर्ट करने की ज़िम्मेदारी को स्थानांतरित किये जाने से रिपोर्टिंग में कमी आ  सकती है जो संक्रमित व्यक्ति की पहचान और संपर्क के बाद संगरोध या क्वारंटाइन (Quarantine) जैसे प्रतिक्रिया उपायों को अधिक  चुनौतीपूर्ण बना सकता है।

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