करेंट अफेयर्स अप्रैल 2021 |Current affairs in Hindi April 2021

करेंट अफेयर्स  अप्रैल  2021 |Current affairs in Hindi April 2021

करेंट अफेयर्स  अप्रैल  2021 |Current affairs in Hindi April 2021

हंस-न्यू जनरेशन: प्रशिक्षक विमान

  • वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) की बंगलूरू स्थित नेशनल एयरोस्पेस लेबोरेटरी (NAL) ने दो सीटों वाला प्रशिक्षक विमान हंस-न्यू जनरेशनविकसित किया है। स्वदेश में ही विकसित यह विमान अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी ने नेशनल एयरोस्पेस लेबोरेटरी के साथ ऐसे पाँच विमान खरीदने हेतु एक समझौता किया है। इस लेबोरेटरी को देश के विभिन्न उड़ान प्रशिक्षण संस्थानों से ऐसे 30 प्रशिक्षण विमानों के आर्डर मिले हैं। उन्नत स्वदेशी ट्रेनर विमान की बढ़ती आवश्यकता के मद्देनज़र सरकार ने वर्ष 2018 के अंत में हंस-न्यू जनरेशनपरियोजना को मंज़ूरी दी थी। ट्रेनर विमान स्मार्ट मल्टी फंक्शनल डिस्प्ले, एक ग्लास कॉकपिट और बबल कैनोपी डिज़ाइन के साथ IFR-कंप्लेंट एवियोनिक्स से लैस है। बेहतर प्रदर्शन के साथ अत्यधिक कुशल डिजिटली नियंत्रित रोटैक्स 912 आईएससी इंजन ने इस प्रशिक्षक विमान की सीमा एवं क्षमता को और बढ़ा दिया है। यह देश के नागरिक क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने वाली भारत की पहली बड़ी तथा एकमात्र सरकारी एयरोस्पेस प्रयोगशाला है। इसे वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) द्वारा वर्ष 1959 में दिल्ली में स्थापित किया गया था। वर्ष 1960 में इसका मुख्यालय बंगलूरू स्थानांतरित कर दिया गया था।

सरस्वती सम्मान 2020

  • सुप्रसिद्ध मराठी साहित्यकार डॉ. शरण कुमार लिंबाले को वर्ष 2018 में प्रकाशित उनके मराठी उपन्यास सनातनके लिये देश के सर्वोच्च साहित्य पुरस्कार सरस्वती सम्मानसे सम्मानित किया गया है।
  •  64 वर्षीय शरण लिंबाले यह पुरस्कार पाने वाले देश के पहले दलित लेखक हैं। शरण कुमार लिंबाले नासिक के यशवंतराव चव्हाण मुक्त विश्वविद्यालय के पूर्व प्रमुख रह चुके हैं और उन्होंने कुल 40 पुस्तकों की रचना की है। वर्ष 1991 में के.के. बिड़ला फाउंडेशन द्वारा स्थापित इस पुरस्कार के तहत पिछले 10 वर्षों में किसी भी भारतीय भाषा में प्रकाशित उत्कृष्ट साहित्यिक रचना को सम्मानित किया जाता है और इसके तहत विजेता को 10 लाख रुपए की नकद राशि तथा एक प्रशस्ति पत्र दिया जाता है। फाउंडेशन द्वारा स्थापित दो अन्य पुरस्कारों में हिंदी लेखकों के लिये व्यास सम्मान और राजस्थान के लेखकों के लिये बिहारी सम्मान शामिल है। डॉ. लिंबाले का मराठी उपन्यास सनातनएक ऐतिहासिक उपन्यास है, जो सनातन, मुगल और ब्रिटिश शासकों के समय के सामाजिक विकास पर प्रकाश डालता है और इस तथ्य को रेखांकित करता है कि इस दौरान दलितों एवं आदिवासियों पर किस तरह से अत्याचार किया गया। डॉ. लिंबाले को उनकी जीवनी 'अकर्माशी' के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।

भारतीय रिज़र्व बैंक

  • 01 अप्रैल, 2021 को भारतीय रिज़र्व बैंक अपना स्थापना दिवस मना रहा है। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की स्थापना भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के प्रावधानों के अनुसार 1 अप्रैल, 1935 को हुई थी। प्रारंभ में रिज़र्व बैंक का केंद्रीय कार्यालय कोलकाता में स्थापित किया गया था, जिसे वर्ष 1937 में स्थायी रूप से मुंबई में स्थानांतरित कर दिया गया। RBI का गवर्नर बैंक के केंद्रीय कार्यालय में बैठता है और वहीं नीतियाँ निर्धारित की जाती हैं। यद्यपि प्रारंभ में यह निजी स्वमित्व वाला था, किंतु वर्ष 1949 में RBI के राष्ट्रीयकरण के बाद से इस पर भारत सरकार का पूर्ण स्वामित्व है। रिज़र्व बैंक का कामकाज केंद्रीय निदेशक बोर्ड द्वारा शासित है। भारत सरकार के भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम के अनुसार, इस बोर्ड की नियुक्ति/नामन चार वर्ष के लिये होती है। रिज़र्व बैंक का प्राथमिक कार्य मौद्रिक नीति तैयार कर उसका कार्यान्वयन और निगरानी सुनिश्चित करना है। इसके अतिरिक्त यह मुद्रा जारीकर्त्ता के रूप में भी कार्य करता है।

उत्कल दिवस

  • 1 अप्रैल, 2021 को ओडिशा में 85वें उत्कल दिवस अथवा ओडिशा दिवस का आयोजन किया गया। ओडिशा 1 अप्रैल, 1936 को स्वतंत्र प्रांत के रूप में अस्तित्व में आया था। वर्ष 1947 में स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् ओडिशा तथा आस-पास की रियासतों ने नवगठित भारत सरकार को अपनी सत्ता सौंप दी थी। राज्य को एक अलग ब्रिटिश भारत प्रांत के रूप में स्थापित किया गया था और उसी के याद में तथा राज्य के सभी नागरिकों के बीच एकता की भावना को बढ़ावा देने के लिये इस दिवस का आयोजन किया जाता है। उल्लेखनीय है कि आदिवासियों की जनसंख्या के मामले में ओडिशा भारत का तीसरा सबसे बड़ा राज्य है। प्राचीन भारत में उड़ीसा कलिंग साम्राज्य का हिस्सा था, 250 ईसा पूर्व अशोक द्वारा इसे जीत लिया गया, जिसके पश्चात्  लगभग एक सदी तक यहाँ मौर्य वंश का शासन रहा।

सैन्य फार्म

  • हाल ही में भारतीय सेना की सैन्य फार्म सेवा को औपचारिक रूप से बंद कर दिया गया। ज्ञात हो कि देश में पहला सैन्य फार्म वर्ष 1889 में इलाहाबाद में ब्रिटिश सरकार द्वारा स्थापित किया गया था। बाद में देश के तमाम हिस्सों में कई अन्य सैन्य फार्म स्थापित किये गए, जिनका प्राथमिक उद्देश्य भारतीय सैनिकों के लिये पोषक दूध की आपूर्ति सुनिश्चित करना था। दूध और मक्खन की आपूर्ति के अलावा सैन्य फार्म्स द्वारा भारतीय सेना की पशु परिवहन इकाइयों को घास की आपूर्ति भी की जाती थी। धीरे-धीरे, सैन्य फार्म्स की भूमिका दूध उत्पादन से बढ़कर गायों के कृत्रिम गर्भाधान तक विस्तृत हो गई और इस संबंध में पहला अग्रणी कदम वर्ष 1925 में उठाया गया था। सैन्य फार्म्स में कार्यरत सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को रक्षा मंत्रालय के विभिन्न विभागों में नियुक्त कर दिया गया है। आँकड़ों की मानें तो स्वतंत्रता प्राप्ति के समय संपूर्ण भारत में 130 सैन्य फार्म्स में 30,000 से अधिक मवेशी मौजूद थे और पिछली एक सदी से अधिक समय से ये सैन्य फार्म अपनी समग्र प्रतिबद्धता के साथ प्रतिवर्ष 3.5 करोड़ लीटर दूध और 25,000 मीट्रिक टन चारे की आपूर्ति कर रहे थे।

दादा साहेब फाल्के पुरस्कार

  • जाने-माने फिल्म अभिनेता रजनीकांत को वर्ष 2019 के प्रतिष्ठित दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। यह पुरस्कार उन्हें आगामी माह की तीन तारीख को दिया जाएगा। दादा साहेब फाल्के पुरस्कार भारतीय सिनेमा का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार है। यह पुरस्कार भारतीय सिनेमा के विकास में उत्कृष्ट योगदान के लिये प्रदान किया जाता है। यह पुरस्कार भारत सरकार द्वारा भारतीय सिनेमा के पितामहकहे जाने वाले दादा साहेब फाल्के की स्मृति में वर्ष 1969 में शुरू किया गया। यह पुरस्कार सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा प्रदान किया जाता है। वर्ष 1969 में पहली बार देविका रानी को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया। दादा साहब फाल्के पुरस्कार में एक स्वर्ण कमल (गोल्डन लोटस), एक शॉल और 10 लाख रुपए की नकद धनराशि दी जाती है। सत्यजीत रे, नागी रेड्डी, राज कपूर, लता मंगेशकर, अक्किनेनी नागेश्वर राव, दिलीप कुमार, शिवाजी गणेशन, आशा भोसले जैसे दिग्गज लोगों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। अमिताभ बच्चन को भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिये वर्ष 2018 में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

महेंद्रगिरि बायोस्फीयर रिज़र्व का प्रस्ताव

  • ओडिशा सरकार ने महेंद्रगिरि, जो कि राज्य के दक्षिणी हिस्से में स्थित है, को राज्य के दूसरे बायोस्फीयर रिज़र्व के रूप में प्रस्तावित किया है। महेंद्रगिरि बायोस्फीयर रिज़र्व का क्षेत्र लगभग 470,955 हेक्टेयर है और यह पूर्वी घाट में गजपति एवं गंजम ज़िलों तक फैला हुआ है। इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के मुताबिक, पौधों की लगभग 1,358 प्रजातियों के साथ महेंद्रगिरि में मौजूद समृद्ध वनस्पति ओडिशा की 40 प्रतिशत वनस्पतियों का प्रतिनिधित्त्व करती है। इसके अलावा इस क्षेत्र में जानवरों की 388 प्रजातियाँ मौजूद हैं, जिनमें स्तनधारियों की 27 प्रजातियाँ, पक्षियों की 165 प्रजातियाँ, साँपों की 23 प्रजातियाँ, उभयचरों की 15 प्रजातियाँ, कछुओं की तीन प्रजातियाँ और छिपकलियों की 19 प्रजातियाँ शामिल हैं। 5,569 वर्ग किलोमीटर में विस्तृत सिमलीपाल बायोस्फीयर रिज़र्व ओडिशा का पहला बायोस्फीयर रिज़र्व है, जिसे 20 मई, 1996 को अधिसूचित किया गया था।

विश्व ऑटिज़्म जागरूकता दिवस

  • विश्व भर में प्रत्येक वर्ष 2 अप्रैल को विश्व ऑटिज़्म जागरूकता दिवसमनाया जाता है। इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य ऑटिज़्म के बारे में जागरूकता फैलाने और आम लोगों को इस विकार से जुड़ी चुनौतियों को समझने में मदद करना है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2 अप्रैल, 2007 को विश्व ऑटिज़्म जागरूकता दिवस की घोषणा की थी। ऑटिज़्म (Autism) या आत्मविमोह/स्वलीनता, एक मानसिक रोग या मस्तिष्क के विकास के दौरान होने वाला एक गंभीर विकार है। नीले रंग को ऑटिज़्म का प्रतीक माना गया है। इस विकार के लक्षण जन्म या बाल्यावस्था (पहले तीन वर्षों) में ही नज़र आने लगते है। यह विकार व्यक्ति की सामाजिक कुशलता और संप्रेषण क्षमता पर विपरीत प्रभाव डालता है। यह जीवनपर्यंत बना रहने वाला विकार है। इस विकार से पीड़ित बच्चों का विकास अन्य बच्चों से अलग होता है। इससे प्रभावित व्यक्ति सीमित और दोहरावयुक्त व्यवहार करता है, जैसे- एक ही काम को बार-बार करना। वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक, देश में 19 वर्ष से कम आयु वर्ग के दिव्यांग बच्चों की कुल संख्या 78,62,921 है, जिनमें से 5,95,089 बच्चे बौद्धिक दिव्यांगता से पीड़ित हैं।

शांतिर ओग्रोशेना-2021

  • बांग्लादेश के 'राष्ट्रपिता' बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में आयोजित किये जा रहे बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास शांतिर ओग्रोशेना-2021’ (शांति का फ्रंट रनर) में भारतीय सेना हिस्सा लेगी, यह सैन्य अभ्यास बांग्लादेश की आज़ादी के 50 वर्ष पूरे होने का प्रतीक है। भारतीय सेना की टुकड़ी में डोगरा रेजिमेंट की एक बटालियन के अधिकारी, जूनियर कमीशन अधिकारी और जवान शामिल हैं, जो 4 अप्रैल से 12 अप्रैल, 2021 तक रॉयल भूटान आर्मी, श्रीलंकाई सेना और बांग्लादेश सेना की टुकड़ी के साथ अभ्यास में भाग लेंगे। इस सैन्य अभ्यास के दौरान अमेरिका, ब्रिटेन, तुर्की, सऊदी अरब, कुवैत और सिंगापुर के सैन्य पर्यवेक्षक भी उपस्थित रहेंगे। वर्ष 2021 बांग्लादेश की स्वतंत्रता की 50वीं वर्षगाँठ और शेख मुजीबुर्रहमान की जन्म शताब्दी का प्रतीक है। भारत और बांग्लादेश के निकट संबंधों को प्रतिबिंबित करने और वर्ष 1971 के युद्ध की 50वीं वर्षगाँठ को चिह्नित करने के लिये भारत कई कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है। 16 दिसंबर, 1971 को लगभग 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना और मुक्ति बाहिनीकी संयुक्त सेना के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था और इसी आत्मसमर्पण से बांग्लादेश के जन्म का मार्ग प्रशस्त हुआ था। ज्ञात हो कि हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री भी बांग्लादेश की यात्रा पर गए थे।

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे

  • स्मार्ट हाईवे के रूप में प्रसिद्ध दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे को उसके शेष हिस्सों (फेज़-2 और फेज़-4) को पूरा करने के बाद आम जनता के लिये खोल दिया गया। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का 14 किलोमीटर लंबा पहला चरण (दिल्ली के अक्षरधाम से यूपी गेट तक) और 22 किलोमीटर लंबा तीसरा चरण (डासना से हापुड़ तक) पहले ही आम जनता के लिये खोला जा चुका है। इस परियोजना के फेज़-1 को वर्ष 2018 में और फेज़-3 को वर्ष 2019 में आम जनता के लिये खोला गया था। इस समग्र परियोजना को 8,346 करोड़ रुपए की लागत से विकसित किया गया है। एक्सप्रेसवे के संबंध में जारी सूचना के मुताबिक, इस पर कुल 24 छोटे और बड़े पुल, 10 फ्लाईओवर, तीन रेलवे पुल, 95 अंडरपास और पैदल यात्रियों के लिये कई पुल बनाए गए हैं। इसके अलावा यात्रियों की सुरक्षा के लिये संपूर्ण एक्सप्रेसवे पर 4,500 से अधिक लाइट्स और कैमरे लगाए गए हैं। एक्सप्रेसवे से यात्रा करने वाले यात्रियों को इस दौरान मौसम तथा इससे संबंधित कई अन्य महत्त्वपूर्ण सूचनाएँ प्रदान की जाएंगी। इस एक्सप्रेसवे की शुरुआत के परिणामस्वरूप दिल्ली और मेरठ के बीच यात्रा का समय 2.5 घंटे से घटकर 45 मिनट रह जाएगा।

जॉइंट लॉजिस्टिक नोड

  • चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने हाल ही में मुंबई में तीनों सेनाओं के लिये जॉइंट लॉजिस्टिक नोडका उद्घाटन किया, इसे तीनों सेनाओं के कामकाज में अधिक-से-अधिक एकीकरण लाने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है। जॉइंट लॉजिस्टिक नोड छोटे हथियारों, गोला-बारूद, राशन, ईंधन, जनरल स्टोर, सिविल ट्रांसपोर्ट, पुर्जों और इंजीनियरिंग कार्यों में सहयोग के लिये तीनों सेनाओं को एकीकृत लॉजिस्टिक कवर प्रदान करेंगे। सशस्त्र बलों के सफल संचालन के लिये यह आवश्यक है कि उन्हें युद्ध के सभी चरणों में यथासंभव लॉजिस्टिक समर्थन प्रदान किया जाए। यह वित्तीय बचत के अलावा मानव शक्ति और संसाधनों के इष्टतम उपयोग को सुनिश्चित करने में भी लाभदायक होगा। साथ ही लॉजिस्टिक क्षेत्र में एकीकरण, तीनों सेनाओं को राष्ट्रीय स्तर पर बुनियादी अवसंरचना और लॉजिस्टिक में हो रहे सुधारों से लाभ प्राप्त करने में मदद करेगा।

मुक्तिजोद्धा छात्रवृत्ति

  • भारत सरकार ने अपनी नई मुक्तिजोद्धा छात्रवृत्ति योजना के तहत बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में हिस्सा लेने वाले सेनानियों के 2000 वंशजों को छात्रवृत्ति देने की घोषणा की है। इस संबंध में जारी अधिसूचना के मुताबिक, हायर सेकेंडरी और अंडर ग्रेजुएट श्रेणियों में से प्रत्येक में 1000 छात्रों को छात्रवृत्ति की राशि प्रत्यक्ष तौर पर उनके बैंक खाते में प्रदान की जाएगी। योजना का उद्देश्य आगामी पाँच वर्ष की अवधि में बांग्लादेश के 10,000 छात्रों को लाभान्वित करना है। इस छात्रवृत्ति के तहत बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में हिस्सा लेने वाले सेनानियों यानी मुक्तिजोद्धाओं के प्रत्यक्ष वंशजों को उच्च माध्यमिक श्रेणी में 20,000 टका और स्नातक श्रेणी में 50,000 टके की राशि प्रदान की जाती है। इस योजना के तहत अब तक 17,082 छात्रों को लाभ प्राप्त हुआ है और इस प्रयोजन हेतु 37.99 करोड़ टके की राशि का उपयोग किया गया है।

H1-B वीज़ा प्रतिबंध

  • अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लागू किये गए वीज़ा प्रतिबंधों का विस्तार न करने का फैसला लिया है। बीते वर्ष जून माह में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अधिरोपित प्रतिबंध मुख्य रूप से H1-B वीज़ा पर केंद्रित थे, साथ ही इन प्रतिबंधों का कुछ प्रभाव L-1 वीज़ा पर भी पड़ा था। राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा लागू किये गए इन प्रतिबंधों का प्राथमिक प्रभाव आतिथ्य उद्योग के श्रमिकों और अध्ययन के साथ-साथ कार्य कर रहे छात्रों पर देखा गया था। राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन और कोरोना वायरस महामारी के बीच राष्ट्रपति ट्रंप ने घोषणा करते हुए H1-B सहित कई अस्थायी या गैर-आप्रवासीवीज़ा श्रेणियों के आवेदकों का अमेरिका में प्रवेश निलंबित कर दिया था। राष्ट्रपति ट्रंप ने यह तर्क दिया था कि इन वीज़ा कार्यक्रमों के कारण अमेरिकी श्रम बाज़ार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। संयुक्त राज्य अमेरिका में रोज़गार के इच्छुक लोगों को H1-B वीज़ा प्राप्त करना आवश्यक होता है। H1-B वीज़ा वस्तुतः इमीग्रेशन एंड नेशनलिटी एक्टकी धारा 101(a) और 15(h) के अंतर्गत संयुक्त राज्य अमेरिका में रोज़गार के इच्छुक गैर-अप्रवासी नागरिकों को दिया जाने वाला वीज़ा है। यह अमेरिकी नियोक्ताओं को विशेषज्ञतापूर्ण व्यवसायों में अस्थायी तौर पर विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करने की अनुमति देता है।

राष्ट्रीय समुद्री दिवस

  • भारत में प्रत्येक वर्ष 5 अप्रैल को राष्ट्रीय समुद्री दिवसमनाया जाता है। इस दिवस का प्राथमिक उद्देश्य सुरक्षित और पर्यावरण की दृष्टि से अनुकूल अंतर-महाद्वीपीय वाणिज्य एवं व्यापार तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था में समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के महत्त्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। यह दिवस देश के समुद्री क्षेत्र की रक्षा और संरक्षण पर केंद्रित है। ज्ञात हो कि लगभग 100 वर्ष पूर्व 5 अप्रैल, 1919 को पहला भारतीय समुद्री जहाज़ मुंबई से ब्रिटेन की यात्रा पर रवाना हुआ था, उसी की याद में 1964 से प्रत्येक वर्ष 5 अप्रैल को राष्ट्रीय समुद्री दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का लक्ष्य आम लोगों को भारतीय जहाज़रानी उद्योग की गतिविधियों के साथ-साथ भारत की अर्थव्यवस्था में इसकी अहम भूमिका से रूबरू कराना है। इतिहासकारों की मानें तो भारत के समुद्री इतिहास की शुरुआत तब हुई थी जब तीसरी सहस्राब्दी ईसा पूर्व सिंधु घाटी के लोगों ने मेसोपोटामिया के साथ अपने समुद्री व्यापार की शुरुआत की थी और जब रोमन साम्राज्य द्वारा मिस्र का अतिक्रमण किया गया, तो रोम के साथ भी व्यापार शुरू हो गया। नौवहन महानिदेशालय द्वारा प्रस्तुत आँकड़ों के मुताबिक, भारत में दिसंबर 2018 तक कुल 43 शिपिंग कंपनियाँ हैं, जिनके पास कुल 1,401 समुद्री जहाज़ मौजूद हैं।

राष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस रजिस्टर

  • डुप्लीकेट ड्राइविंग लाइसेंस को समाप्त करने के उद्देश्य से सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 31 मार्च से राष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस रजिस्टरकी शुरुआत की है। इस रजिस्टर का उद्देश्य डुप्लीकेट ड्राइविंग लाइसेंस और उसके दुरुपयोग को रोकना है, साथ ही इसके माध्यम से ड्राइविंग लाइसेंस में होने वाले सभी परिवर्तन इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से किये जाएंगे। भारत में सड़क दुर्घटनाओं के कारण प्रतिवर्ष लगभग 1.5 लाख लोगों की मृत्यु होती है, जिनमें से अधिकांश दुर्घटनाओं में ड्राइवर की गलती होती है। यद्यपि राज्यों के अधिकांश ड्राइविंग लाइसेंस पहले से ही राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के सारथीपोर्टल पर मौजूद हैं, इस रजिस्टर के प्रभाव में आने पर आगामी कुछ महीनों में सभी राज्य सरकारों के लिये राज्य के सभी पुराने ड्राइविंग लाइसेंस संबंधित डेटा को ऑनलाइन स्थानांतरित करना अनिवार्य हो जाएगा।

इनसाइट लैंडर

  • अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के इनसाइट लैंडर ने हाल ही में मंगल ग्रह पर भूकंप के दो झटकों को रिकॉर्ड किया है। क्रमशः 3.3 और 3.1 की तीव्रता के ये भूकंप के झटके सर्बरस फॉसएनामक क्षेत्र में महसूस किये गए, जहाँ इससे पूर्व भी भूकंप के दो अन्य झटकों को महसूस किया गया था। ज्ञात हो कि ये भूकंप के झटके इस तथ्य की पुष्टि करते हैं कि मंगल ग्रह पर सर्बरस फॉसएभूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्र है। नासा द्वारा प्रस्तुत आँकड़ों की मानें तो नवंबर 2018 में जब से इनसाइट लैंडर ने मंगल ग्रह पर लैंड किया है, तब से 500 से अधिक भूकंप के झटकों को रिकॉर्ड किया जा चुका है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी की मानें तो मंगल ग्रह पर पृथ्वी की तरह टेक्टोनिक प्लेट नहीं हैं, किंतु वहाँ ज्वालामुखी गतिविधियों की दृष्टि से सक्रिय क्षेत्र ज़रूर मौजूद हैं, जो सतह पर कंपन उत्पन्न कर सकते हैं। इनसाइटका पूरा नाम इंटीरियर एक्सप्लोरेशन यूज़िंग सिस्मिक इन्वेस्टिगेशंस जियोडेसी एंड हीट ट्रांसपोर्ट’ (InSight) है। इनसाइट लैंडर मिशन मंगल ग्रह की सतह के नीचे विस्तृत अध्ययन के लिये समर्पित पहला मिशन है, यह 26 नवंबर, 2018 को मंगल ग्रह की सतह पर उतरा था।

संकल्प से सिद्धिड्राइव

  • समाज के वंचित आदिवासी वर्गों तक पहुँच बनाने के लिये सरकार ने देश भर के लगभग 1,500 गाँवों में वन धन विकास केंद्रों को सक्रिय करने हेतु 100 दिन की ड्राइव शुरू की है। जनजातीय मामलों के मंत्रालय के तहत भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास परिसंघ (TRIFED) द्वारा शुरू की गई संकल्प से सिद्धिड्राइव, एक गाँव और डिजिटल कनेक्शन ड्राइव है, जिसका उद्देश्य जनजातीय पारिस्थितिकी तंत्र के पूर्ण परिवर्तन में सहायता करना है। 1 अप्रैल, 2021 से शुरू हुए इस 100 दिवसीय अभियान में ट्राइफेड और राज्य सरकार की कुल 150 एजेंसियाँ शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक एजेंसी 10 गाँवों का दौरा करेंगी। संकल्प से सिद्धिअभियान देश भर में जनजातीय पारितंत्र के पूर्ण परिवर्तन को प्रभावी बनाने में सहायता करेगा। ट्राइफेड, भारत सरकार के जनजातीय मामलों के मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में एक राष्ट्रीय स्तर की सहकारी संस्था है, जिसका गठन वर्ष 1987 में जनजातीय कार्य मंत्रालय के तत्त्वावधान में राष्ट्रीय नोडल एजेंसी के रूप में किया गया था। इसने अपने कार्यों की शुरुआत वर्ष 1988 में नई दिल्ली स्थित मुख्य कार्यालय से की थी। इसका प्राथमिक उद्देश्य जनजातीय लोगों का सामाजिक-आर्थिक विकास, आर्थिक कल्याण को बढ़ावा देना, ज्ञान, उपकरण और सूचना के साथ जनजातीय लोगों का सशक्तीकरण एवं क्षमता निर्माण करना है।

अंबेडकर जयंती- सार्वजानिक अवकाश

  • हाल ही में केंद्र सरकार ने नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट अधिनियम, 1881 की धारा 25 के तहत अंबेडकर जयंती (14 अप्रैल) पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय द्वारा इस संबंध में जारी अधिसूचना के मुताबिक, इस वर्ष से 14 अप्रैल को सभी केंद्रीय सरकारी कार्यालयों (जिसमें औद्योगिक प्रतिष्ठान भी शामिल हैं) में सार्वजनिक अवकाश रहेगा। विदित हो कि 14 अप्रैल, 2021 को बाबासाहेब अंबेडकर की 130वीं जयंती मनाई जाएगी। बाबासाहेब अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को मध्य प्रदेश में हुआ था। एक सामाजिक विचारक, दलित नेता और जाति-विरोधी सुधारक के रूप में उन्होंने देश के संविधान के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की। बाबासाहेब ने अपना जीवन समाज से छुआछूत व अस्पृश्यता को समाप्त करने के लिये समर्पित कर दिया था। उनका मानना था कि अस्पृश्यता को हटाए बिना राष्ट्र की प्रगति नहीं हो सकती है। बाबासाहेब ने देश की मुद्रा और बैंकिंग व्यवस्था में भी अग्रणी भूमिका निभाई थी। उन्होंने भारत में महिला सशक्तीकरण की नींव रखी और महिलाओं के लिये संपत्ति तथा मातृत्व लाभ की वकालत की। बाबासाहेब अंबेडकर को वर्ष 1990 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

नहर आधारित पेयजल परियोजना के लिये ऋण

  • विश्व बैंक और एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक ने पंजाब में 300 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 2,190 करोड़ रुपए) की नहर आधारित पेयजल परियोजना के लिये ऋण को स्वीकृति दे दी है। इस परियोजना का उद्देश्य पीने योग्य जल की गुणवत्ता सुनिश्चित करना और अमृतसर तथा लुधियाना में जल के नुकसान को कम करना है। इस संपूर्ण परियोजना को विश्व बैंक की ओर से अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (IBRD)- 105 मिलियन डॉलर, एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक- 105 मिलियन डॉलर और पंजाब सरकार- 90 मिलियन डॉलर द्वारा संयुक्त रूप से वित्तपोषित किया जाएगा। अमृतसर में जलापूर्ति का मुख्य स्रोत ऊपरी बारी दोआब नहरहै और इस क्षेत्र के सतही जल के उपचार हेतु अमृतसर के वल्लाह गाँव में 440 मिलियन लीटर प्रतिदिन की क्षमता वाला जल उपचार संयंत्र स्थापित किया जाएगा। इसी तरह लुधियाना में जलापूर्ति का मुख्य स्रोत सरहिंद नहरहै और इस क्षेत्र में सतही जल के उपचार के लिये 580 MLD जल उपचार संयंत्र का निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना के माध्यम से अमृतसर और लुधियाना के निवासियों को स्वच्छ जल की आपूर्ति सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।

बाबू जगजीवन राम

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबू जगजीवन राम की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि सामाजिक रूप से शोषित और वंचित वर्ग के उत्थान हेतु उनके प्रयास हमेशा सभी के लिये प्रेरणा का स्रोत रहेंगे। सामान्यतः बाबूजी के नाम से प्रसिद्ध बाबू जगजीवन राम सुप्रसिद्ध राष्ट्रीय नेता, स्वतंत्रता सेनानी, सामाजिक न्याय और वंचित वर्ग के पक्षधर, एक उत्कृष्ट नीतिनिर्माता और सच्चे लोकतंत्रवादी थे। बाबू जगजीवन राम का जन्म 5 अप्रैल, 1908 को ब्रिटिश भारत के भोजपुर (बिहार) में हुआ था। वर्ष 1928 में कलकत्ता (अब कोलकाता) के वेलिंगटन स्क्वायर में एक मज़दूर रैली के दौरान इनकी मुलाकात नेताजी सुभाष चंद्र बोस से हुई। उन्होंने वर्ष 1935 में अखिल भारतीय शोषित वर्ग लीगकी नींव रखने में अहम योगदान दिया था, जो अछूतों के लिये समानता का अधिकार प्राप्त करने हेतु एक समर्पित संगठन था। स्वतंत्रता संग्राम में योगदान देने के अलावा बाबूजीने भारतीय राजनीति में भी महत्त्वपूर्ण कार्य किया। अपने पाँच दशक लंबे राजनीतिक कॅरियर में उन्होंने एक राजनीतिज्ञ के तौर पर काफी ख्याति हासिल की।

 

एन.वी. रमण

  • राष्ट्रपति ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124 के खंड (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश नथालपति वेंकट रमण को भारत का मुख्य न्यायाधीश (CJI) नियुक्त किया है। न्यायमूर्ति एन.वी. रमण 24 अप्रैल, 2021 को भारत के मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभालेंगे। वे देश के 48वें मुख्य न्यायाधीश होंगे। वे आंध्र प्रदेश के एक किसान परिवार से हैं, जिन्होंने आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय, केंद्रीय तथा आंध्र प्रदेश प्रशासनिक न्यायाधिकरण और भारत के सर्वोच्च न्यायालय में वकालत की है। इसके अलावा उन्होंने आंध्र प्रदेश के अतिरिक्त महाधिवक्ता के रूप में भी अपनी सेवाएँ प्रदान की हैं। भारत के मुख्य न्यायाधीश और सर्वोच्च न्यायालय (SC) के न्यायाधीशों को राष्ट्रपति द्वारा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124 के खंड (2) के तहत नियुक्त किया जाता है। मुख्य न्यायाधीश पद के मामले में देश के निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश द्वारा अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश की जाती है। द्वितीय न्यायाधीश वाद में वर्ष 1993 में सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय दिया था कि सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश को ही मुख्य न्यायाधीश के पद पर नियुक्त किया जाना चाहिये। केंद्रीय विधि मंत्री द्वारा मुख्य न्यायाधीश की सिफारिश प्रधानमंत्री को हस्तांतरित की जाती है और प्रधानमंत्री उसी आधार पर राष्ट्रपति को सलाह देता है।

विश्व स्वास्थ्य दिवस

  • वैश्विक स्तर पर प्रत्येक वर्ष 07 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस का आयोजन किया जाता है। इस दिवस का प्राथमिक उद्देश्य सभी लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है। इस वर्ष इस दिवस की थीम है- सभी के लिये निष्पक्ष और स्वस्थ विश्व का निर्माण। इस दिवस के माध्यम से विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के इस संवैधानिक सिद्धांत को रेखांकित करने का प्रयास किया जाता है कि प्रत्येक व्यक्ति को जाति, धर्म, राजनीतिक विचारधारा, आर्थिक या सामाजिक स्थिति के आधार पर बिना किसी भेदभाव के बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं को प्राप्त करने का अधिकार है। कोरोना वायरस महामारी ने स्वास्थ्य लाभ को सीमित कर लोगों को गरीबी और खाद्य असुरक्षा की दिशा में धकेल दिया है तथा महिलाओं और पुरुषों के बीच अंतर, सामाजिक और स्वास्थ्य संबंधी असामानताओं को और बढ़ा दिया है। विश्वे स्वाधस्य् म  संगठन की स्थापना 7 अप्रैल, 1948 को की गई थी और इस दिवस के आयोजन की शुरुआत वर्ष 1950 में हुई थी। बीते 50 वर्षों में मानसिक स्वास्थ्य, मातृत्व और शिशु देखभाल तथा जलवायु परिवर्तन से संबंधित स्वास्थ्य मुद्दों को संबोधित करने की दिशा में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने महत्त्वपूर्ण कार्य किया है।

समन्वित स्वास्थ्य सूचना प्लेटफाॅर्म

  • केंद्रीय  मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन ने हाल ही में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समन्वित स्वास्थ्य सूचना प्लेटफाॅर्म’ (IHIP) का शुभारंभ किया है। यह प्लेटफाॅर्म मौजूदा समन्वित रोग निगरानी कार्यक्रमका अत्याधुनिक और अपडेटेड रूप है। इसी के साथ भारत विश्व का पहला ऐसा देश बन गया है, जिसने बीमारियों की निगरानी के लिये ऐसी परिष्कृत प्रणाली अपनाई है। जहाँ एक ओर पुराने कार्यक्रम के तहत केवल 18 बीमारियों की निगरानी की व्यवस्था की गई थी, वहीं नए प्लेटफाॅर्म में 33 बीमारियों की निगरानी की व्यवस्था की गई है। इस प्रणाली के माध्यम से रोगों के बारे में डिजिटल रूप में आँकड़े तत्का ल उपलब्ध  हो सकेंगे। इस प्लेटफाॅर्म के माध्यम से किसी भी प्रकोप की जाँच संबंधी गतिविधियों की शुरुआत और निगरानी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से ही की जा सकेगी। साथ ही इसे आसानी से अन्य निगरानी कार्यक्रमों के साथ एकीकृत किया जा सकता है।

अंबोली क्षेत्र: जैव विविधता विरासत स्थल

  • हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने पश्चिमी घाट के सिंधुदुर्ग ज़िले में अंबोली क्षेत्र को जैव विविधता विरासत स्थल घोषित किया है। इससे पूर्व महाराष्ट्र सरकार ने गढ़चिरौली ज़िले में अल्लापल्ली, जलगाँव में लैंडोर खोरी पार्क, पुणे में गणेश खिंड, सिंधुदुर्ग ज़िले में मिरिस्टिका दलदल वनस्पति को जैव विविधता विरासत स्थलों के रूप में घोषित किया है। ज्ञात हो कि बीते दिनों महाराष्ट्र में वन्यजीव शोधकर्त्ताओं के एक समूह ने सिंधुदुर्ग ज़िले की सावंतवाड़ी तहसील में अंबोली के पास मीठे पानी (Fresh Water) में पाई जाने वाली मछली की दुर्लभ प्रजाति- शिस्टुरा हिरण्यकेशीकी खोज की थी। शिस्टुरा हिरण्यकेशी’, मीठे जल में पाई जाने वाली शिस्टुरामछली की एक दुर्लभ उप-प्रजाति है। शोधकर्त्ताओं का मत है कि आसपास की मत्स्य पालन संबंधी गतिविधियों के कारण यह दुर्लभ प्रजाति जल्द ही विलुप्त हो सकती है, ऐसे में इसके संरक्षण के लिये इस क्षेत्र को जैव विविधता विरासत स्थल घोषित किया गया है।

 

मिसाइल प्रणाली के विकास में निजी क्षेत्र को अनुमति

  • जटिल सैन्य हार्डवेयर के विकास में घरेलू निजी उद्योग की विशेषज्ञता का लाभ प्राप्त करने के लिये रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने निजी क्षेत्र की घरेलू कंपनियों को स्वदेशी रूप से मिसाइल प्रणालियों के विकास और उत्पादन में भागीदारी करने की अनुमति दे दी है। डेवलपमेंट-कम-प्रोडक्शन पार्टनर कार्यक्रम के तहत निजी क्षेत्र के लिये शुरू किये गए प्रारंभिक मिसाइल कार्यक्रमों में वर्टिकल लॉन्च- शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल सिस्टम’ (VL-SRSAM) भी शामिल है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन का उद्देश्य भारत सरकार की मेक इन इंडियापहल के तहत भारत के निजी उद्योग को जटिल सैन्य प्रणाली के विकास में सक्षम बनाना है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने इससे पूर्व निजी क्षेत्र के कई उद्योगों को एडवांस टोड आर्टिलरी गन सिस्टमविकसित करने में सहायता की थी, जिसे जल्द ही भारतीय सेना द्वारा प्रयोग किया जाएगा। विदित हो कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्य करता है। DRDO अत्याधुनिक और महत्त्वपूर्ण रक्षा प्रौद्योगिकियों एवं प्रणालियों में आत्मनिर्भरता की स्थिति हासिल करने के लिये भारत को सशक्त बनाने की दृष्टि से कार्य करता है तथा तीनों सेवाओं द्वारा निर्धारित आवश्यकताओं के अनुसार हमारे सशस्त्र बलों को अत्याधुनिक हथियार प्रणालियों और उपकरणों से लैस करता है।

कार्निवैक-कोव

  • विश्व की पहली कोरोना वायरस वैक्सीन स्पुतनिक वी (Sputnik V) के विकास के बाद रूस ने हाल ही में घोषणा की है कि उसने जानवरों के लिये कोरोना वायरस की पहली वैक्सीन विकसित कर ली है। रूस के मुताबिक, वायरस को जानवरों में उत्परिवर्तित होने से रोकने के लिये इस प्रकार की वैक्सीन काफी महत्त्वपूर्ण है। रूस की कृषि नियामक एजेंसी- रोसेलखोजनाज़ोर के अनुसार, अक्तूबर 2020 में बिल्लियों, कुत्तों, मिंक, लोमड़ियों और अन्य जानवरों पर इस वैक्सीन का परीक्षण किया जा चुका है और जल्द ही व्यापक पैमाने पर इसका उत्पादन शुरू किया जाएगा। मनुष्यों के लिये कोरोना वायरस वैक्सीन के विकास के बावजूद वायरस के उत्परिवर्तित संस्करण, आम लोगों के समक्ष नए खतरे उत्पन्न कर रहे हैं और यदि यह उत्परिवर्तन जानवरों में और भी गंभीर हो सकता है। गौरतलब है कि बीते वर्ष 2020 में डेनमार्क ने वायरस के प्रसार पर अंकुश लगाने के लिये 15 मिलियन मिंक को मारने का निर्णय लिया था, क्योंकि उनमें से कुछ में वायरस का उत्परिवर्तित संस्करण पाया गया था। ऐसे में रूस द्वारा कार्निवैक-कोव का विकास जानवरों में वायरस के उत्परिवर्तन को रोक सकता है।

वुल्फ-रेएटतारे

  • भारतीय खगोलविदों ने एक दुर्लभ सुपरनोवा विस्फोट की निगरानी के दौरान वुल्फ-रेएट’ (Wolf-Rayet) नामक सबसे गर्म तारों में से एक के बारे में पता लगाया है। दुर्लभ वुल्फ-रेएटतारे सूर्य से एक हज़ार गुना अधिक प्रकाशमान और काफी अधिक गर्म होते हैं। नासा के मुताबिक, ऐसे तारों का सतही तापमान सूर्य की तुलना में 10 से 40 गुना अधिक होता है। भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अधीन नैनीताल स्थित स्वायत्त संस्थान आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान के खगोलविदों की एक टीम ने अंतर्राष्ट्रीय सहयोगियों के साथ वर्ष 2015 में मिले एनएसजी 7371 आकाशगंगा में SN 2015dj नाम के सुपरनोवा की ऑप्टिकल मॉनीटरिंग की। उन्होंने उस सितारे के द्रव्यमान की गणना की जिसके कारण सुपरनोवा का निर्माण हुआ था। वैज्ञानिकों ने पाया कि असल में यह तारा दो सितारों का मिश्रण था- जिनमें से एक विशाल वुल्फ-रेएटतारा था और दूसरा तारे का द्रव्यमान सूर्य से कम था। विदित हो कि सुपरनोवा, ब्रह्मांड में होने वाले अत्यधिक ऊर्जावान विस्फोट हैं, जिसमें बड़ी संख्या में ऊर्जा मौजूद होती है। इन विस्फोटों की दीर्घकालीन निगरानी विस्फोट वाले तारे की प्रकृति और विस्फोट के विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद करते हैं। यह विशालकाय तारों की गणना में भी मदद करता है।

विकास और शांति हेतु अंतर्राष्ट्रीय खेल दिवस

  • प्रत्येक वर्ष 06 अप्रैल को वैश्विक स्तर पर विकास और शांति हेतु अंतर्राष्ट्रीय खेल दिवस का आयोजन किया जाता है। इस दिवस का प्राथमिक उद्देश्य सतत् विकास को बढ़ावा देना और मानव अधिकारों के संरक्षण में खेलों के सकारात्मक योगदान को रेखांकित करना है। इस दिवस की शुरुआत वर्ष 2013 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा की गई थी। विकास और शांति हेतु अंतर्राष्ट्रीय खेल दिवस 2021 आम लोगों को उनके जीवन में संपूर्ण समुदाय के विकास और वैश्विक महामारी से उबरने में खेलों की भूमिका को पहचानने का अवसर प्रदान करता है। खेल जनमानस में भागीदारी और एकजुटता की भावना को बढ़ावा देता है और राष्ट्र के विकास में सहायता करता है। यह संवाद की संस्कृति का निर्माण करने के साथ-साथ समावेश को बढ़ावा देने और संवेदनशील वर्ग के लोगों के विरुद्ध भेदभाव को समाप्त करने का भी कार्य करता है।

मंगल पांडे और बंकिम चंद्र चट्टोपाध्यारय

  • देश भर में 08 अप्रैल को महान स्वतंत्रता सेनानी मंगल पांडे और राष्ट्रगीत वंदे मातरमके रचयिता तथा बंगाल के प्रसिद्ध साहित्यकार बंकिम चंद्र चट्टोपाध्यांय को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। मंगल पांडे का जन्म 19 जुलाई, 1827 को अकबरपुर (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। मंगल पांडे 29 मार्च, 1857 को ब्रिटिश अधिकारियों पर हमला करने वाले पहले भारतीय सैनिक थे, यह पहला बड़ा विद्रोह था, जिसे 1857 के सिपाही विद्रोहके रूप में जाना गया। इस विद्रोह को प्रायः स्वतंत्रता संग्राम का पहला युद्ध माना जाता है। इस विद्रोह की शुरुआत तब हुई जब, ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपने सैनिकों के लिये एनफील्ड राइफल मस्कटनाम से एक नया हथियार प्रस्तुत किया। इस नए हथियार (कारतूस) के कारण भारतीय सैनिकों में असंतोष पैदा हो गया और इस असंतोष ने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासकों के विरुद्ध व्यापक पैमाने पर विद्रोह को जन्म दिया। इस विद्रोह ने ब्रिटिश प्रशासन को भारत सरकार अधिनियम 1858 के माध्यम से ब्रिटिश भारत के प्रशासन में व्यापक बदलाव करने पर मज़बूर किया। वहीं बंगाली साहित्यकार बंकिम चंद्र चट्टोपाध्या य का जन्म 27 जून, 1838 को पश्चिम बंगाल के नैहाटी में एक रूढ़िवादी बंगाली ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उन्होंने प्रसिद्ध उपन्यास आनंदमठकी रचना और उसमें वंदे मातरमगीत को शामिल किया। बंकिम चंद्र द्वारा रचित उपन्यास आनंदमठवर्ष 1882 में प्रकाशित हुआ था। दुर्गेश नंदिनीऔर कपालकुंडलाउनकी प्रारंभिक प्रमुख रचनाओं में शामिल हैं। दोनों उपन्यासों का कई अन्य भाषाओं में भी अनुवाद किया गया है।

भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक

  • हाल ही में सरकार ने एस. रमन को भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक’ (SIDBI) का नया अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक नियुक्त किया है। सिडबी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के तौर पर एस. रमन की नियुक्ति तीन वर्षीय कार्यकाल के लिये की गई है। दिसंबर में राज्य के स्वामित्व वाले बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों के प्रमुख बैंक बोर्ड ब्यूरो (BBB) ने इस पद के लिये एस. रमन के नाम की सिफारिश की थी। वर्ष 1991 बैच के भारतीय लेखा एवं लेखापरीक्षा सेवा अधिकारी एस. रमन वर्तमान में नेशनल ई-गवर्नेंस सर्विसेज़ लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं। भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) एक सांविधिक निकाय है, जिसकी स्थापना 2 अप्रैल, 1990 को की गई थी। SIDBI, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) क्षेत्र के संवर्द्धन, वित्तपोषण एवं विकास के साथ-साथ समान गतिविधियों से जुड़े संस्थानों के कार्यों के समन्वय के लिये प्रमुख वित्तीय संस्थान के रूप में कार्य करता है। इसका मुख्यालय लखनऊ (उत्तर प्रदेश) में है। वहीं BBB एक स्वायत्त संस्तुतिकर्त्ता संस्था के रूप में कार्य करती है, जिसका प्राथमिक कार्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के निदेशक मंडल की नियुक्ति हेतु सरकार को सुझाव देना है।

CRPF का शौर्य दिवस

  • 09 अप्रैल, 2021 को केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) का शौर्य दिवस मनाया गया। 09 अप्रैल,1965 को केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल की एक छोटी सी टुकड़ी ने गुजरात के रन ऑफ कच्छमें सरदार पोस्ट पर पाकिस्तानी ब्रिगेड द्वारा किये गए हमले को विफल कर दिया था। इस हमले में 34 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे, जबकि 4 सैनिकों को गिरफ्तार कर लिया गया था। यह लड़ाई इस मायने में काफी खास है कि सैन्य युद्ध के इतिहास में कभी भी इतनी छोटी सैन्य टुकड़ी ने इस तरह से एक पैदल सेना ब्रिगेड से युद्ध नहीं लड़ा था। इस संघर्ष में भारत के 6 बहादुर सैनिक शहीद हुए थे। इस युद्ध में भारत की जीत और भारतीय सैनिकों की शहादत को चिह्नित करने के लिये प्रतिवर्ष 09 अप्रैल को शौर्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) एक ऐसा अर्द्ध-सैन्य बल है, जिसका प्राथमिक कार्य देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करना है। केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल 27 जुलाई, 1939 को रॉयल रिप्रेज़ेंटेटिव पुलिस के रूप में अस्तित्व में आया था, जो 28 दिसंबर, 1949 को CRPF अधिनियम लागू होने पर केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल बन गया।

टोक्यो ओलंपिक में शामिल नहीं होगा उत्तर कोरिया

  • कोरोना वायरस के तीव्र प्रसार का हवाला देते हुए उत्तर कोरिया ने टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा नहीं लेने का निर्णय लिया है और वह ऐसा करने वाला विश्व का पहला देश बन गया है। इससे पूर्व उत्तर कोरिया ने वर्ष 1988 में शीत युद्ध के दौरान ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों में हिस्सा नहीं लेने का निर्णय किया था। टोक्यो ओलंपिक का आयोजन मूलतः वर्ष 2020 में किया जाना था, किंतु महामारी के मद्देनज़र इसे वर्ष 2021 तक के लिये स्थगित कर दिया गया था। एक अनुमान के मुताबिक, इस वर्ष जुलाई माह में शुरू हो रहे टोक्यो ओलंपिक में लगभग 11,000 एथलीट और 10 हज़ार से भी अधिक कोच हिस्सा लेंगे। जापान में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए कई जानकारों का मत है कि महामारी के कारण टोक्यो ओलंपिक के आयोजन में बाधा उत्पन्न हो सकती है।

प्रिंस फिलिप

  • 09 अप्रैल, 2021 को ब्रिटेन के प्रिंस फिलिप का 99 वर्ष की आयु में निधन हो गया। एडिनबर्ग के ड्यूक प्रिंस फिलिप ने वर्ष 1947 में ब्रिटेन की राजकुमारी एलिज़ाबेथ-II से विवाह किया था, जो कि ब्रिटिश इतिहास में सबसे लंबे समय तक शासन करने वाली महिला हैं। प्रिंस फिलिप का जन्म 10 जून, 1921 को कोर्फू (ग्रीस) में हुआ था और वे ग्रीस के राजकुमार एंड्रयू के इकलौते पुत्र थे। उनकी माँ बैटलबर्ग की राजकुमारी थीं, इसलिये प्रिंस फिलिप को 'प्रिंस ऑफ ग्रीस एंड डेनमार्क' भी कहा जाता था। राजकुमारी एलिज़ाबेथ-II के साथ विवाह के बाद, प्रिंस फिलिप को ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग’, ‘अर्ल ऑफ मेरियोनेथऔर बैरन ग्रीनविचकी उपाधियों से सम्मानित किया गया था। प्रिंस फिलिप वर्ष 1939 में एक कैडेट के रूप में रॉयल नेवी में शामिल हुए। अपना प्रारंभिक प्रशिक्षण पूरा करने के बाद, प्रिंस फिलिप ने वर्ष 1940 में युद्धपोत HMS रैमिलीज़ पर मिडशिपमैन के रूप में हिंद महासागर में छह माह तक अपनी सेवाएँ दी थीं। बाद में प्रिंस फिलिप को सब-लेफ्टिनेंट के रूप में पदोन्नत दे दी गई। वर्ष 1947 में उन्होंने राजकुमारी एलिज़ाबेथ से विवाह किया और वर्ष 1952 में उन्हें रॉयल नेवी के कमांडर के तौर पर पदोन्नत किया गया, हालाँकि राजकुमारी एलिज़ाबेथ-II के पिता, किंग जॉर्ज-VI की मृत्यु के बाद रॉयल नौसेनिक के तौर पर प्रिंस फिलिप का कॅरियर समाप्त हो गया।

दुती चंद

  • जकार्ता एशियाई खेलों में 100 और 200 मीटर में रजत पदक जीतने वाली भारत की महिला धावक दुती चंद को छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य के वीरानी पुरस्कारसे सम्मानित किया जाएगा। इस संबंध में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, खेल के क्षेत्र में दुती चंद के योगदान को देखते हुए उन्हें इस पुरस्कार से सम्मानित करने का निर्णय लिया गया है। ज्ञात हो कि वर्ष 2019 में, ओडिशा की धावक दुती चंद, इटली में आयोजित विश्व विश्वविद्यालय खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं। दुती चंद ने 100 मीटर की दौड़ 11.22 सेकंड में पूरी कर राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया है। छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा खेल, साहित्य, शिक्षा, कानून, संगीत, इतिहास, सामाजिक कार्य और व्यवसाय सहित विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के योगदान को रेखांकित करने के लिये छत्तीसगढ़ वीरानी पुरस्कारों का गठन किया गया था। इस पुरस्कार का उद्देश्य, भारतीय समाज में महिलाओं को सशक्त बनाना और उनकी उपलब्धियों को रेखांकित करना है, साथ ही यह महिलाओं को विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभाने के लिये भी प्रेरित करता है।

हॉन्गकॉन्ग प्रवासियों के लिये ब्रिटेन का फंड

  • ब्रिटिश सरकार ने हाल ही में ब्रिटेन के पूर्व उपनिवेश-हॉन्गकॉन्ग में राजनीतिक दमन से बच कर आने वाले  प्रवासियों को एक नया जीवन शुरू करने के लिये 59 मिलियन डॉलर (43 मिलियन पाउंड) का कोष स्थापित करने की घोषणा की है। इस कोष के तहत हॉन्गकॉन्ग के ऐसे सभी ब्रिटिश नेशनल (ओवरसीज़) पासपोर्ट धारक लाभ प्राप्त करने के लिये पात्र होंगे, जिन्हें विशेष वीज़ा की पेशकश की गई है। यह ब्रिटेन में कार्य करने, निवास करने और अंततः वहाँ की नागरिकता प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त करता है। हॉन्गकॉन्ग की कुल 7.4 मिलियन आबादी में से 5 मिलियन लोग इस कोष के तहत लाभ प्राप्त करने हेतु पात्र होंगे। इस कोष के तहत शुरू किये जाने वाले एकीकृत कार्यक्रमों के माध्यम से आवास, शिक्षा और रोज़गार तक पहुँच प्राप्त करने में मदद करने का प्रयास किया जाएगा। चीन ने ब्रिटेन के इस कदम की कड़ी आलोचना की है और उसे पासपोर्ट प्रणालीके दुरुपयोग के रूप में परिभाषित किया है, साथ ही चीन ने ब्रिटिश नेशनल (ओवरसीज़) पासपोर्ट को एक यात्रा अथवा पहचान दस्तावेज़ के रूप में मान्यता नहीं दी है। गौरतलब है कि वर्ष 1997 तक हॉन्गकॉन्ग ब्रिटिश साम्राज्य के नियंत्रण में था। 'वन कंट्री, टू सिस्टम' के सिद्धांत के तहत, हॉन्गकॉन्ग 1 जुलाई, 1997 को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का एक विशेष प्रशासनिक क्षेत्र (SAR) बन गया।

थ्री बैंडेड रोज़फिंच

  • बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (BNHS) के वैज्ञानिकों ने पूर्वी हिमालय में पक्षी की नए नई प्रजाति की उपस्थिति दर्ज की है। थ्री बैंडेड रोज़फिंचनामक यह पक्षी प्रजाति प्रायः दक्षिणी चीन और भूटान में पाई जाती है। बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के शोधकर्त्ताओं द्वारा इस पक्षी प्रजाति को अरुणाचल प्रदेश में समुद्र तल से लगभग 3800 मीटर ऊँचाई पर देखा गया है, जो कि भारत की जैव-विविधता की दृष्टि से काफी महत्त्वपूर्ण है। इसी के साथ ही यह भारत में पक्षी परिवार की 1,340वीं प्रजाति बन गई है। ज्ञात हो कि वर्ष 2016 के बाद से, भारत में पाई जाने वाली पक्षी प्रजातियों की सूची में 104 नई प्रजातियाँ शामिल की गई हैं। थ्री बैंडेड रोज़फिंचपक्षी प्रजाति, फ्रिंजिलिडे  परिवार से संबंधित है। भारत में इस पक्षी प्रजाति को जिस ऊँचाई पर रिकॉर्ड किया गया है, वह चीन में ज्ञात ऊँचाई से काफी अधिक है। इससे इस प्रजाति पर पारिस्थितिक अनुसंधान की संभावनाएँ और अधिक बढ़ गई हैं।

लिटिल गुरुएप

  • बांग्लादेश में ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग के इंदिरा गांधी सांस्कृतिक केंद्र द्वारा आम जनमानस को संस्कृत सिखाने वाले एक एप लिटिल गुरुकी शुरुआत की गई है। यह एप विश्वस भर में विद्यार्थियों, धार्मिक विद्वानों, भारतविदों और इतिहासकारों के बीच संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिये भारतीय सांस्कृातिक संबंध परिषद की ओर से चलाए जा रहे अभियान का हिस्सा है। लिटिल गुरुनाम का यह संवादात्मक एप संस्कृत सीखने को आसान और मज़ेदार बनाएगा। यह एप संस्कृत सीख रहे लोगों और संस्कृत सीखने की इच्छा  रखने वाले लोगों को खेल, प्रतियोगिता, पुरस्कार जैसे आसान तरीको से यह भाषा सीखने में मदद करेगा। इस एप को शिक्षा के साथ-साथ मनोरंज़न को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया गया है। भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के मुताबिक, दुनिया के उन विभिन्न विश्वविद्यालयों ने इस लिटिल गुरुएप में रुचि ज़ाहिर की है, जहाँ संस्कृशत पढ़ाई जाती है। माना जाता है कि भारत में संस्कृत भाषा की उत्पत्ति लगभग 3500 पूर्व हुई थी। संस्कृत को लगभग सभी भारतीय भाषाओं की जननी माना जाता है और यह भारत में बोली जाने वाली प्राचीनतम भाषाओं में से एक है। गौरतलब है कि संस्कृत को कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के लिये सबसे अनुकूल वैज्ञानिक भाषा माना जाता है।

विश्व पार्किंसन दिवस

  • विश्व भर में प्रत्येक वर्ष 11 अप्रैल को विश्व पार्किंसन दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य आम लोगों को पार्किंसन रोग के बारे में जागरूक करना है। पार्किंसन एक ऐसी बीमारी है, जिसमें तंत्रिका तंत्र लगातार कमज़ोर होता जाता है। इस बीमारी का कोई इलाज़ उपलब्ध नहीं है। पार्किंसन के कारण चलने-फिरने की गति धीमी पड़ जाती है और मासपेशियाँ सख्त हो जाती है तथा शरीर में कंपन की समस्या पैदा हो जाती है। सामान्यतः 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में पार्किंसन रोग के लक्षण दिखते हैं किंतु यह रोग किसी भी उम्र में हो सकता है।  शरीर में कंपन, जकड़न, शिथिल गतिशीलता, झुककर चलना, याद्दाश्त संबंधी समस्याएँ और व्यवहार में बदलाव आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं। यह मस्तिष्क में तंत्रिका कोशिकाओं को नुकसान पहुँचाता है, जिससे डोपामाइन के स्तर में कमी हो जाती है। डोपामाइन एक रसायन है, जो मस्तिष्क से शरीर में व्यवहार संबंधी संकेत भेजता है। यद्यपि दवा रोग के लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है, किंतु इस रोग को पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है। आँकड़ों की माने तो दुनिया भर में, लगभग 10 मिलियन लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं।

विश्वम होम्योैपैथी दिवस

  • होम्योपैथी के महत्त्व और चिकित्सा जगत में इसके योगदान को उजागर करने के लिये प्रत्येक वर्ष 10  अप्रैल को विश्वे होम्यो पैथी दिवस का आयोजन किया जाता है। यह दिवस होम्योपैथी के संस्थापक डॉ. क्रिश्चियन फ्रेडरिक सैमुअल हैनीमैन की जयंती को भी संदर्भित करता है। होम्योपैथी के संस्थापक और विभिन्न चिकित्सीय पद्धतियों के जन्मनदाता डॉ. क्रिश्चियन हैनीमैन का जन्म 10 अप्रैल, 1775 को जर्मनी में हुआ था। डॉ. क्रिश्चियन हैनीमैन द्वारा होम्योकपैथी की खोज अठारहवीं सदी के अंत के दशक में की गई थी। 'होम्योपैथी' शब्द की उत्पत्ति दो ग्रीक शब्दों से हुई है, जिसमें होमोइसका अर्थ समानसे तथा पैथोसका अर्थ दुखसे है। यह सम: समम् शमयतिया समरूपतादवा सिद्धांत पर आधारित एक चिकित्सीय प्रणाली है। यह प्रणाली दवाओं द्वारा रोगी का उपचार करने की एक ऐसी विधि है, जिसमें किसी स्वस्थ व्यक्ति में प्राकृतिक रोग का अनुरूपण करके समान लक्षण उत्पन्न किया जाता है जिससे रोगग्रस्त व्यक्ति का उपचार किया जा सकता है।

लीलावती पुरस्कार

  • केंद्रीय शिक्षा मंत्री हाल ही में नई दिल्ली् में महिला सशक्तीतकरण से संबंधित अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) के लीलावती पुरस्कारों का वितरण किया। लीलावती पुरस्कार अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) की एक पहल है, जिसका उद्देश्य AICTE के अनुमोदित संस्थानों द्वारा महिलाओं के बीच समानता और निष्पक्षताको बढ़ावा देने हेतु किये जा रहे प्रयासों को मान्यता प्रदान करना है। इस पुरस्कार का विषय महिला सशक्तीकरणहै और इसका लक्ष्य स्वच्छता, स्वास्थ्य और पोषण जैसे मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने के लिये पारंपरिक भारतीय मूल्योंका उपयोग करना है। इस पुरस्कार के माध्यम से AICTE साक्षरता, रोज़गार, प्रौद्योगिकी, ऋण, विपणन, नवाचार, कौशल विकास, प्राकृतिक संसाधन और महिलाओं के अधिकार जैसे मुद्दों के बारे में जागरूकता पैदा करने का प्रयास कर करता है। प्रत्येक उप-श्रेणी में, शीर्ष तीन विजेताओं को प्रमाण पत्र के साथ-साथ पुरस्कार राशि से सम्मानित किया जाएगा। प्रथम पुरस्कार विजेता को 1 लाख रुपए, दूसरे विजेता को 75,000 रुपए और तीसरे विजेता को 50,000 रुपए की पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी। इस पुरस्कार का नाम 12वीं शताब्दी में भारतीय गणितज्ञ भास्कर II द्वारा रचित पुस्तक लीलावतीके नाम पर रखा गया है। लीलावती भारतीय गणितज्ञ भास्कर II की बेटी का नाम था।

UAE की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री

  • दुबई के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के आगामी अंतरिक्ष अभियान के लिये चुने गए दो नए अंतरिक्ष यात्रियों के नामों की घोषणा की है। इनमें से एक नोरा अल-मातरोशीहैं, जो कि संयुक्त अरब अमीरात और संपूर्ण अरब जगत की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री हैं। संयुक्त अरब अमीरात के अंतरिक्ष अन्वेषण कार्यक्रमों के लिये चुने गए आवेदकों में नोरा अल मातरोशी के अलावा मोहम्मद अल मुल्लाभी शामिल हैं, दोनों उम्मीदवारों को संयुक्त राज्य अमेरिका में नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर में प्रशिक्षण के लिये भेजा जाएगा। वर्ष 1993 में जन्मी 27 वर्षीय नोरा अल-मातरोशी, एक मैकेनिकल इंजीनियर हैं और वर्तमान में अबू धाबी की नेशनल पेट्रोलियम कंस्ट्रक्शन कंपनीमें कार्यरत हैं। नोरा अमेरिकन सोसाइटी ऑफ मैकेनिकल इंजीनियर्स की भी सदस्य हैं। संयुक्त अरब अमीरात अपनी वैज्ञानिक और तकनीकी क्षमताओं को विकसित करने तथा तेल पर अपनी निर्भरता को कम करने के लिये अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम का उपयोग कर रहा है। ज्ञात हो कि इसी वर्ष फरवरी माह में संयुक्त अरब अमीरात ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक महत्त्वपूर्ण प्रगति हासिल करते हुए अपने होपमिशन को मंगल ग्रह की कक्षा में पहुँचाया था। संयुक्त अरब अमीरात ने वर्ष 2017 में स्थानीय विशेषज्ञता विकसित करने के उद्देश्य से अपने राष्ट्रीय अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत की थी।

जलियाँवाला बाग हत्याकांड

  • 13 अप्रैल, 2021 को जलियाँवाला बाग हत्याकांड की 102वीं वर्षगाँठ मनाई जा रही है। प्रथम विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद, भारतीय नेताओं को उम्मीद थी कि अब ब्रिटिश सरकार द्वारा उन्हें स्वशासन की अनुमति दी जाएगी, किंतु इसके विपरीत ब्रिटिश सरकार ने रोलैट एक्ट लागू कर दिया, जिसके मुताबिक ब्रिटिश सरकार किसी भी व्यक्ति को बिना कोई मुकदमा चलाए किसी भी प्रकार की देशद्रोही गतिविधि में शामिल होने का आरोप लगाकर गिरफ्तार कर सकती थी। इस अधिनियम के पारित होने से देश भर में व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए और 9 अप्रैल, 1919 को रॉलेट एक्ट का विरोध करने के आरोप में पंजाब के दो लोकप्रिय नेताओं डॉ. सत्यपाल और डॉ. सैफुद्दीन किचलू को सरकार ने गिरफ्तार कर लिया। इनकी गिरफ्तारी के विरोध में 13 अप्रैल, 1919 को बैशाखी के दिन अमृतसर के जलियाँवाला बाग में एक विशाल सभा का आयोजन किया गया। जनरल डायर ने इसे अपने आदेश की अवहेलना माना तथा सभास्थल पर पहुँचकर निहत्थे लोगों पर गोली चलाने का आदेश दे दिया। आँकड़ों के अनुसार, मरने वालों की संख्या 379 थी लेकिन वास्तव में इससे कहीं ज्यादा लोग मारे गए थे। इस नरसंहार के विरोध में रवींद्रनाथ टैगोर ने ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रदान की गई नाइटहुडकी उपाधि त्याग दी थी। इस हत्याकांड की जाँच के लिये कॉन्ग्रेस ने मदन मोहन मालवीय की अध्यक्षता में एक समिति नियुक्त की। ब्रिटिश सरकार ने इस हत्याकांड की जाँच के लिये हंटर आयोग गठित किया।

बाफ्टा फिल्म अवार्ड्स

  • चीन की फिल्म निर्देशक क्लो झाओ की नोमैडलैंडने बाफ्टा फिल्म अवार्ड्स 2021 में सर्वश्रेष्ठ फिल्म सहित चार प्रमुख पुरस्कारों प्राप्त किये हैं। फिल्म की मुख्य अभिनेत्री फ्रांसिस मैकडोरमैंड ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री, जबकि स्वयं क्लो झाओ ने सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार जीता है। नोमैडलैंडफिल्म ने सिनेमाटोग्राफी श्रेणी में भी पुरस्कार जीता है। वहीं प्रसिद्ध ब्रिटिश अभिनेता एंथनी हॉपकिंसको उनकी फिल्म द फादरके लिये सर्वश्रेष्ठ अभिनेता चुना गया। बाफ्टा को ब्रिटेन के सबसे प्रसिद्ध फिल्म पुरस्कारों में से एक माना जाता है। ये पुरस्कार ब्रिटिश एकेडमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन आर्ट्सद्वारा प्रदान किये जाते हैं। अकादमी का गठन वर्ष 1947 में ब्रिटिश फिल्म निर्माताओं के एक समूह द्वारा किया गया था, इसका उद्देश्य फिल्म एवं टेलीविजन का विकास करना और इनके महत्त्व को रेखांकित करना है। यह अकादमी प्रतिवर्ष विभिन्न श्रेणियों में फिल्म पुरस्कार प्रदान करती है। बाफ्टा अवार्ड्स के विजेताओं को दी जाने वाली ट्रॉफी, प्राचीन ग्रीस के नाटकीय मुखौटे पर आधारित होती है।

एडवांस एंटीक्यूटिस मैनेजमेंट सिस्टम (AAMS)

  • गोवा सरकार के अभिलेखागार और पुरातत्त्व निदेशालय (DAA) ने हाल ही में एडवांस एंटीक्यूटिस मैनेजमेंट सिस्टम (AAMS) का उद्घाटन किया था, जो कि एंटीक वस्तुओं के भंडारण और प्रबंधन के लिये देश में अपनी तरह की पहली प्रणाली है। लगभग 3 मीटर लंबा एडवांस एंटीक्यूटिस मैनेजमेंट सिस्टम एक बंद कंटेनर जैसा दिखता है, जिसमें 350 किलोग्राम की क्षमता वाले आठ ट्रे शामिल हैं। वर्तमान में इस प्रणाली में कुल 83 एंटीक वस्तुओं को सूचीबद्ध किया गया है, जिसका उद्देश्य सॉफ्टवेयर से जुड़ी एंटीक वस्तुओं के बारे में त्वरित जानकारी प्रदान कर उनका बेहतर संरक्षण सुनिश्चित करना है। इस प्रणाली में शामिल सॉफ्टवेयर एंटीक यानी पुरातन वस्तु की अनुमानित आयु, उसके निर्माण में प्रयोग की गई सामग्री और उसके संक्षिप्त इतिहास से संबंधित सूचना प्रदान करेगा। सिस्टम के तहत सूचीबद्ध की गईं कुल 83 एंटीक वस्तुओं में 10वीं शताब्दी का एक शिवलिंगसबसे पुरातन वस्तु है।

पोषण ज्ञान'- डिजिटल कोष

  • हाल ही में नीति आयोग ने, बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन तथा सेंटर फॉर सोशल एंड बिहेवियर चेंज’ (अशोका यूनिवर्सिटी) के साथ साझेदारी में स्वास्थ्य एवं पोषण पर आधारित एक राष्ट्रीय डिजिटल कोष पोषण ज्ञान' की शुरुआत की है। यह कोष पोषण क्षेत्र में ज्ञान जागरूकता और व्यवहार परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिये सरकारी एजेंसियों और अन्य विकास संगठनों द्वारा बनाया गया एक प्रभावी सामग्री संग्रह है। इस डिजिटल कोष में मौजूद सामग्री में विभिन्न प्रकार के विषय जैसे- प्रसवपूर्व देखभाल, पूरक आहार, किशोर स्वास्थ्य, आहार विविधता, एनीमिया की रोकथाम आदि शामिल हैं। इस डिजिटल कोष का रख-रखाव नीति आयोग द्वारा किया जाएगा। यह कोष, भारत में पोषण क्षेत्र में कार्यरत विशेषज्ञों के लिये एक विश्वसनीय और व्यापक ऑनलाइन स्रोत के रूप में कार्य करेगा। पोषण ज्ञानडिजिटल मंच मानवीय व्यवहार में सकारात्मक बदलाव लाने के माध्यम से पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में सकारात्मक योगदान दे सकता है। यह एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण पहल है, जो पोषण को जन आंदोलन बनाने में काफी मददगार साबित हो सकती है।

रायसीना डायलॉग

  • हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भू-राजनीति संबंधी भारत के प्रमुख वैश्विक सम्मेलन, रायसीना डायलॉग के 6वें संस्करण का उद्घाटन किया है। इस चार-दिवसीय सम्मेलन का आयोजन वर्चुअल माध्यम से किया जा रहा है। यह भू-राजनीतिक एवं भू-आर्थिक मुद्दों पर चर्चा करने हेतु एक वार्षिक सम्मेलन है जिसका आयोजन भारत के विदेश मंत्रालय और ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है। भारत के विदेश मंत्रालय का मुख्यालय रायसीना हिल (साउथ ब्लॉक), नई दिल्ली में स्थित है, इसलिये इसे रायसीना डायलॉग के नाम से जाना जाता है। यह एक बहु-हितधारक, क्रॉस-सेक्टरल बैठक है जिसमें नीति-निर्माताओं एवं निर्णयकर्त्ताओं, विभिन्न राष्ट्रों के हितधारकों, राजनेताओं, पत्रकारों, उच्चाधिकारियों तथा उद्योग एवं व्यापार जगत के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाता है। रायसीना डायलॉग का आरंभ वर्ष 2016 में किया गया था। भारत द्वारा आयोजित इस वैश्विक सम्मेलन का प्राथमिक उद्देश्य वैश्विक समुदाय के समक्ष मौजूद विभिन्न चुनौतीपूर्ण मुद्दों को संबोधित करना और उन पर विचार-विमर्श करना है। साथ ही रायसीना डायलॉग से सरकार की कूटनीतिक क्षमता में भी वृद्धि होती है।

सियाचिन दिवस

  • 13 अप्रैल, 2021 को भारतीय सेना ने सियाचिन के वीर शहीदों को याद करते हुए 37वाँ सियाचिन दिवस मनाया। सियाचिन दिवस पर भारतीय सैनिकों द्वारा दुनिया में सबसे ऊँचे और सबसे ठंडे युद्धक्षेत्र को सुरक्षित करने के लिये उनके अदम्य साहस को याद किया जाता है। दरअसल 13 अप्रैल, 1984 को भारतीय सेना द्वारा ऑपरेशन मेघदूतलॉन्च किया गया था। इस ऑपरेशन के तहत भारतीय सैनिकों ने संपूर्ण सियाचिन ग्लेशियर पर सफलतापूर्वक नियंत्रण हासिल कर लिया था। सियाचिन ग्लेशियर या सियाचिन हिमनद हिमालय की काराकोरम रेंज में भारत-पाक नियंत्रण रेखा के समीप स्थित है। सियाचिन ग्लेशियर 76.4 किमी लंबा है और लगभग 10,000 वर्ग किमी. क्षेत्र को कवर करता है। सामरिक दृष्टिकोण से यह स्थान अत्यंत महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यहाँ पर भारत और पाकिस्तान की सीमाएँ मिलती हैं। पर्यावरण की दृष्टि से यह अति-संवेदनशील क्षेत्र है इसलिये यहाँ पर मानवीय हस्तक्षेप को सीमित रखा गया था। हालाँकि इस क्षेत्र में पर्यटकों द्वारा किये जाने वाले प्रदूषण की समस्या काफी गंभीर है और भारतीय सेना लगातार इस चुनौती से निपटने का प्रयास कर रही है।

राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस

  • भारत में प्रत्येक वर्ष 11 अप्रैल को राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस का आयोजन किया जाता है। यह दिवस व्हाइट रिबन एलायंस इंडिया’ (WRAI) की एक पहल है, जिसके अनुरोध पर भारत सरकार ने वर्ष 2003 में प्रत्येक वर्ष 11 अप्रैल को राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस का आयोजन करने की घोषणा की थी। इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य सुरक्षित मातृत्व के संबंध में जागरूकता पैदा करना और गर्भावस्था एवं प्रसव के दौरान तथा प्रसव बाद महिलाओं के लिये आवश्यक देखभाल सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। भारत दुनिया में गर्भावस्था और प्रसव के लिहाज़ से सबसे अधिक जोखिमपूर्ण स्थानों में से एक है, जहाँ दुनिया भर में होने वाली कुल मातृ मृत्यु के 12 प्रतिशत से अधिक मामले दर्ज किये जाते हैं। हालाँकि विशेषज्ञों का मत है कि भारत में होने वाली कुल मातृ मृत्यु के मामलों में से अधिकांश में बचाव किया जा सकता है।

फुकुशिमा परमाणु संयंत्र

  • जापान ने वर्ष 2011 की सुनामी में तबाह हुए फुकुशिमा परमाणु संयंत्र के एक मिलियन टन से अधिक दूषित जल को समुद्र में छोड़ने की योजना को मंज़ूरी दे दी है। समुद्र में छोड़े जाने से पूर्व इस दूषित जल को यथासंभव उपचारित किया जाएगा, जिससे जल का रेडिएशन/विकिरण स्तर कम होगा और वह पीने योग्य बन सकेगा। हालाँकि स्थानीय मत्स्यपालन उद्योग ने जापान सरकार के इस कदम का कड़ा विरोध किया है, क्योंकि इससे स्थानीय जैव-विविधता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा तथा मत्स्यपालकों की आजीविका भी प्रभावित होगी। ज्ञात हो कि फुकुशिमा पॉवर प्लांट के परमाणु रिएक्टर की इमारत वर्ष 2011 में आए भूकंप और सुनामी के बाद हुए हाइड्रोजन विस्फोट के कारण ध्वस्त हो गई थी। इस भूकंप और सुनामी ने परमाणु संयंत्र के रिएक्टर की कूलिंग/शीतलन प्रणाली को प्रभावित किया था, जिससे वहाँ मौजूद तीन रिएक्टर पिघलने लगे थे। पिघले हुए रिएक्टरों को ठंडा करने के लिये एक मिलियन टन से अधिक जल का उपयोग किया गया। वर्तमान में, इसी रेडियोएक्टिव जल का उपचार करने के लिये एक जटिल फिल्ट्रेशन प्रक्रिया का उपयोग किया जा रहा है ताकि इसमें मौजूद अधिकांश रेडियोएक्टिव तत्त्व समाप्त हो जाएँ, किंतु इस प्रक्रिया के बाद भी कुछ तत्त्व पानी में मौजूद रहेंगे, जिसमें ट्राइटियम भी शामिल है। ट्राइटियम की बहुत अधिक मात्रा मनुष्यों के लिये हानिकारक मानी जाती है।

बलबीर सिंह जूनियर

  • 13 अप्रैल, 2021 को पूर्व हॉकी खिलाड़ी बलबीर सिंह जूनियर का 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया। 2 मई, 1932 को पंजाब के संसारपुर में जन्मे बलबीर सिंह जूनियर ने मात्र छह वर्ष की आयु में हॉकी खेलना शुरू किया था। 1950 के दशक में भारतीय रेलवे टीम में शामिल होने से पूर्व बलबीर सिंह जूनियर ने इंटर यूनिवर्सिटी हॉकी टूर्नामेंट में पंजाब विश्वविद्यालय टीम की कप्तानी भी की थी। वर्ष 1958 में टोक्यो में आयोजित एशियाई खेलों में, बलबीर सिंह जूनियर को बलबीर सिंह सीनियर के बैकअप (सेंटर फॉरवर्ड) के रूप में भारतीय टीम में शामिल किया गया, हालाँकि टूर्नामेंट में वे इनसाइड-लेफ्ट के रूप में खेले। बलबीर सिंह जूनियर वर्ष 1962 में सेना में एक आपातकालीन कमीशन अधिकारी के रूप में शामिल हुए थे और बाद में सेना की ऑर्डिनेंस कोर से मेजर के पद से सेवानिवृत्त हुए। विदित हो कि बलबीर सिंह जूनियर वर्ष 1958 में आयोजित एशियाई खेलों में रजत पदक जीतने वाली भारतीय टीम का भी हिस्सा थे।

हिमाचल दिवस

  • प्रत्येक वर्ष 15 अप्रैल को हिमाचल दिवस आयोजित किया जाता है। ध्यातव्य है कि 15 अप्रैल, 1948 को हिमाचल प्रदेश मुख्य आयुक्त प्रांत के रूप में अस्तित्त्व में आया था। भारतीय संविधान लागू होने के साथ 26 जनवरी, 1950 को हिमाचल प्रदेश '' श्रेणी का राज्य बन गया। इसके पश्चात् 1 जुलाई, 1956 को हिमाचल प्रदेश को केंद्रशासित प्रदेश घोषित किया गया। वर्ष 1966 में कांगड़ा और पंजाब के अन्य पहाड़ी इलाकों को हिमाचल में मिला दिया गया, किंतु इसका स्वरूप केंद्रशासित प्रदेश का ही रहा। दिसंबर 1970 में संसद द्वारा हिमाचल प्रदेश राज्य अधिनियम पारित किया गया, जिसके फलस्वरूप 25 जनवरी, 1971 को नया राज्य अस्तित्त्व में आया। इस प्रकार हिमाचल प्रदेश, भारतीय गणराज्य का 18वाँ राज्य बना। क्षेत्र के प्राचीनतम ज्ञात जनजातीय निवासियों को दासकहा जाता था, बाद में आर्य आए और वे भी इसी क्षेत्र में रहने लगे। राज्य उत्तर में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख से, दक्षिण-पश्चिम में पंजाब से, दक्षिण मंच हरियाणा से, दक्षिण-पूर्व में उत्तराखंड से तथा पूर्व में तिब्बत (चीन) की सीमाओं से घिरा हुआ है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, राज्य की संख्या तकरीबन 68 लाख है और राज्य का कुल क्षेत्रफल लगभग 55,673 वर्ग किलोमीटर है।

लक्षद्वीप और बडगाम: क्षयरोग मुक्त

  • केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में लक्षद्वीप और जम्मू-कश्मीर के बडगाम को क्षयरोग-मुक्त घोषित किया है। इसे ऐतिहासिक उपलब्धि बताते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने वर्ष 2025 तक संपूर्ण भारत से क्षयरोग को समाप्त करने को समाप्त करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। भारत से टीबी का उन्मूलन न सिर्फ भारत के लिये महत्त्वपूर्ण है, बल्कि यह समूचे विश्व पर गहरा प्रभाव डालेगा और अन्य देशों को भी इस दिशा में आगे बढ़ने के लिये प्रेरणा मिलेगी। ज्ञात हो कि क्षयरोग बैक्टीरिया (माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस) के कारण होने वाला एक रोग है, जो फेफड़ों को सबसे अधिक प्रभावित करता है। यह एक संक्रामक रोग है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में खांसने, छींकने या थूकने के दौरान हवा के माध्यम से या फिर संक्रमित सतह को छूने से फैलता है। इस रोग से पीड़ित व्यक्ति में बलगम और खून के साथ खांसी, सीने में दर्द, कमज़ोरी, वजन कम होना, तथा  बुखार इत्यादि के लक्षण देखे जाते हैं। इस संबंध में सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों में- राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम’ (NTEP), ‘निक्षय पोषण योजनाऔर टीबी हारेगा देश जीतेगा अभियानआदि शामिल हैं।

 

सोने की अनिवार्य हॉलमार्किंग

  • 1 जून, 2021 से सोने के आभूषण और कलाकृतियों की अनिवार्य हॉलमार्किंग से संबंधित नियम लागू हो जाएंगे। नवंबर 2019 में, केंद्र सरकार ने घोषणा की थी कि 15 जनवरी, 2021 से देश भर में सोने के आभूषण और कलाकृतियों की हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी जाएगी। हालाँकि, कोरोना वायरस महामारी के मद्देनज़र इन नियमों के क्रियान्वयन को चार माह के लिये आगे बढ़ा दिया गया था। सोने की हॉलमार्किंग का आशय उसकी शुद्धता के प्रमाण से है और वर्तमान में सोने की हॉलमार्किंग पूर्णतः स्वैच्छिक है। सरकार का तर्क है कि सोने और चांदी के आभूषणों की अनिवार्य हॉलमार्किंग का उद्देश्य सोने या चांदी की अनियमित गुणवत्ता के कारण उपभोक्ताओं को होने वाले नुकसान से aबचाना है। 1 जून, 2021 से नए नियम लागू होने के बाद सोने के विक्रेताओं को केवल 14, 18 और 22 कैरेट सोने के आभूषण बेचने की ही अनुमति होगी। आँकड़ों की माने तो वर्तमान में केवल 40 फीसदी सोने के आभूषणों की ही हॉलमार्किंग होती है। एक अनुमान के अनुसार, भारत में घरों और मंदिरों में लगभग 25,000 टन सोना मौजूद है, जिसकी कीमत लगभग 110 लाख करोड़ रुपए है, किंतु इसके बावजूद भारत सोने के सबसे बड़े आयातकों में से एक है और वित्तीय वर्ष 2020 में भारत ने कुल 1.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य से अधिक सोने का आयात किया था।

कृषि मंत्रालय और माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के बीच समझौता

  • कृषि प्रबंधन और वितरण प्रणाली में सुधार करने के लिये कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय तथा माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए हैं। इस समझौते के तहत फसलोपरांत प्रबंधन एवं वितरण सहित स्मामर्ट एवं सुव्य्वस्थि।त कृषि के लिये किसान इंटरफेस विकसित करने हेतु 6 राज्यों (उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात, हरियाणा, राजस्थान व आंध्रप्रदेश) के 10 ज़िलों में चयनित 100 गाँवों में पायलेट प्रोजेक्ट शुरू किये जाएंगे। इस परियोजना की अवधि तकरीबन एक वर्ष है। इस प्रोजेक्ट में चयनित 100 गाँवों में किसानों की बेहतरी के लिये विविध कार्य शामिल हैं, जो किसानों की आय में बढ़ोतरी करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे। यह प्रोजेक्ट किसानों की आदान लागत को कम करेगा व खेती में सुगमता सुनिश्चित करेगा। गौरतलब है कि सरकार का प्राथमिक लक्ष्य असंगत सूचना की समस्या को दूर कर किसानों की आय में वृद्धि करना है। इस लक्ष्य् को प्राप्ती करने के उद्देश्यर से कई नई पहलें शुरू की गई हैं। इस संबंध में एक प्रमुख पहल राष्ट्री य कृषक डेटाबेस पर आधारित कृषि-कोषबनाना है। सरकार देशभर से किसानों के भू-रिकार्डों को जोड़कर किसान डेटाबेस तैयार कर रही है।

विश्व कला दिवस

  • आम जनमानस के बीच ललित कला को लेकर जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष 15 अप्रैल को विश्व कला दिवस का आयोजन किया जाता है। यह दिवस सर्वप्रथम 15 अप्रैल, 2012 को आयोजित किया गया था और यह इटली के महान चित्रकार, मूर्तिकार, वास्तुशिल्पकार और संगीतज्ञ लियोनार्डो दा विंची के जन्मदिवस को चिह्नित करता है। विश्व शांति, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, सहिष्णुता और भाईचारे के प्रतीक के रूप में, लियोनार्डो दा विंची अन्य विभिन्न क्षेत्रों पर ललित कला के प्रभाव का एक प्रमाण हैं। विदित हो कि कला विश्व भर के सभी लोगों में रचनात्मकता, नवाचार और सांस्कृतिक विविधता का पोषण करती है और ज्ञान साझा करने तथा जिज्ञासा एवं संवाद को प्रोत्साहित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। विश्व कला दिवस आम लोगों को आपस में जोड़ने में मदद करता है और लोगों को अपने आस-पास की विविधता के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिये प्रोत्साहित करता है।

न्यूज़ीलैंड का जलवायु परिवर्तन कानून

  • न्यूज़ीलैंड ने हाल ही में एक कानून के माध्यम से बैंकों, बीमा कंपनियों और निवेश प्रबंधकों के लिये उनके द्वारा किये गए निवेश के कारण जलवायु परिवर्तन पर पड़ने वाले प्रभावों की रिपोर्ट करना अनिवार्य बना दिया है, इस तरह न्यूज़ीलैंड जलवायु परिवर्तन के संबंध में कानून बनाने वाला विश्व का पहला देश बन गया है। 1 बिलियन न्यूज़ीलैंड डॉलर (तकरीबन 703 मिलियन डॉलर) से अधिक की कुल संपत्ति वाले सभी बैंकों, 1 बिलियन न्यूज़ीलैंड डॉलर से अधिक की कुल संपत्ति वाले सभी बीमाकर्त्ताओं और स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध सभी इक्विटी तथा ऋण जारीकर्त्ताओं को इस संबंध में खुलासा करना होगा। ज्ञात हो कि न्यूज़ीलैंड ने वर्ष 2050 तक शुद्ध-शून्य/नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य निर्धारित किया है, किंतु इस लक्ष्य को तब तक प्राप्त नहीं किया जा सकता जब तक कि वित्तीय क्षेत्र को यह ज्ञात न हो कि उनके द्वारा किये जा रहे निवेश का जलवायु परिवर्तन पर क्या प्रभाव पड़ रहा है। इस कानून का प्राथमिक उद्देश्य जलवायु जोखिम को वित्तीय और व्यावसायिक निर्णय लेने के आधार के रूप में स्थापित करना है।

इसरो और फ्रांँस के बीच समझौता

  • भारत और फ्रांँस की अंतरिक्ष एजेंसियों ने भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयानके लिये सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं। समझौते के मुताबिक, फ्रांँस की अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल सेंटर ऑफ स्पेस रिसर्च’ (CNES) मिशन में शामिल चिकित्सकों और मिशन कंट्रोल टीम को प्रशिक्षित करेगी। साथ ही समझौते के तहत खाद्य पैकेजिंग तथा पोषण कार्यक्रम के बारे में सूचना का आदान-प्रदान और उपभोग्य सामग्रियों तथा चिकित्सा उपकरणों के भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा उपयोग किया जाना शामिल है। इस तरह CNES द्वारा विकसित फ्रांँसीसी उपकरण, जिन्हें अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में प्रयोग किया जा रहा है, भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों के लिये भी उपलब्ध होंगे। फ्रांँस और भारत के बीच पहला अंतरिक्ष समझौता वर्ष 1964 में हुआ था। दोनों राष्ट्रों के बीच मौजूदा समझौता अंतरिक्ष गतिविधि के लगभग सभी क्षेत्रों को कवर करता है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) की स्थापना वर्ष 1969 में हुई थी। यह भारत सरकार की अंतरिक्ष एजेंसी है और इसका मुख्यालय बंगलूरु में स्थित है। इसे अंतरिक्ष अनुसंधान के लिये देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और उनके करीबी सहयोगी एवं वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के प्रयासों से स्थापित किया गया था। इसे भारत सरकार के अंतरिक्ष विभागद्वारा प्रबंधित किया जाता है, जो सीधे भारत के प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करता है। इसरो अपने विभिन्न केंद्रों के देशव्यापी नेटवर्क के माध्यम से संचालित होता है।

विश्व हीमोफीलिया दिवस

  • प्रत्येक वर्ष 17 अप्रैल को विश्व हीमोफीलिया दिवसका आयोजन किया जाता है। गौरतलब है कि यह दिवस हीमोफीलिया तथा रक्तस्राव संबंधी अन्य आनुवंशिक विकारों के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ हीमोफीलिया के संस्थापक फ्रैंक कैनबेल के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में 17 अप्रैल को विश्व हीमोफीलिया दिवस के रूप मंा मनाया जाता है और इस दिवस की शुरुआत वर्ष 1989 में की गई थी। हीमोफीलिया एक दुर्लभ विकारहै, जिसमें रक्त में सामान्य रूप से थक्का नहीं जमता, क्योंकि इसमें क्लॉटिंग फैक्टरनामक प्रोटीन पर्याप्त मात्रा में नहीं पाया जाता है, जो कि रक्त के थक्कों के लिये उत्तरदायी होता है। यह रक्त के थक्के बनने की क्षमता को प्रभावित करने वाला एक आनुवंशिक रोग है। इसके लक्षण त्वरित चिकित्सा सहायता की आवश्यकता को इंगित करते हैं, इनमें गंभीर सिरदर्द, लगातार उल्टी, गर्दन का दर्द, अत्यधिक नींद और चोट से लगातार खून बहना आदि शामिल हैं। हीमोफीलिया एक लाइलाज़ बीमारी है। हीमोफीलिया के मुख्यतः तीन रूप होते हैं- A, B और C, इनमें से हीमोफीलिया A सबसे सामान्य प्रकार का हीमोफीलिया है।

हैती के प्रधानमंत्री का इस्तीफा

  • हाल ही में कैरिबियाई देश हैती के प्रधानमंत्री जोसेफ जूथ ने राजनीतिक अस्थिरता और अपराधिक मामलों की बढ़ती संख्या के चलते अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा स्वीकार करते हुए हैती के राष्ट्रपति ने क्लॉपर्ड जोसेफ को हैती का नया प्रधानमंत्री मनोनीत किया है। विदित हो कि जोसेफ जूथ को मार्च 2020 में हैती का प्रधानमंत्री चुना गया था। कैरेबियन सागर में स्थित देश हैती, हिसपनिओला द्वीप के पश्चिमी हिस्से में स्थिति एक छोटा सा देश है। हैती तैनो भाषाका एक शब्द है, जिसका अर्थ है पहाड़ी देश। वर्तमान में हैती के लगभग 9 मिलियन निवासी मुख्य रूप से अफ्रीकी मूल के हैं। 19वीं सदी की शुरूआत में फ्राँँसीसी औपनिवेशिक नियंत्रण और दासता को समाप्त कर, हैती दुनिया का पहला अश्वेत नेतृत्त्व वाला गणराज्य तथा स्वतंत्र कैरिबियन राज्य बना था। पोर्ट-ऑ-प्रिंसहैती की राजधानी है। हैती दोनों अमेरिकी महाद्वीपों का एकमात्र देश है जिसे दुनिया के सबसे कम विकसित देशों में गिना जाता है।

रामानुजाचार्य

  • 18 अप्रैल, 2021 को महान हिंदू दार्शनिक और चिंतक रामानुजाचार्य की 1004वीं जयंती है। रामानुजाचार्य ने आम जनमानस को समानता और भक्ति का मार्ग दिखाया था। उनका जन्म वर्ष 1017 में तमिलनाडु के श्रीपेरूमबुदूर गाँव में हुआ था। रामानुजाचार्य जयंती की तिथि तमिल सौर कैलेंडर के आधार पर तय की जाती है। वह एक महान धर्मशास्त्री थे, जिन्होंने सार्वभौमिक भाईचारे का संदेश दिया। रामानुजाचार्य, वेदांत और वैष्णववाद दर्शन के महान समर्थक थे। संत रामानुजाचार्य ने तथाकथित अछूतों के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव न करने की बात करते हुए कहा कि विश्व के रचयिता ने कभी भी किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया। श्री रामानुजाचार्य ने ऐसा सिद्धांत प्रतिपादित किया जिसमें जन्म या जाति के बजाय व्यक्ति के आध्यात्मिक ज्ञान के आधार पर सम्मान दिया जाता है। उन्होंने वेदों के गोपनीय और सर्वोत्कृष्ट ज्ञान को मंदिरों से निकाल कर आम लोगों तक पहुँचाया। श्री रामानुजाचार्य महान दार्शनिक, संत, चिंतक, समाज सुधारक और वेदांत की विशिष्टाकद्वैत धारा के मुख्यु उद्घोषक थे। माना जाता है कि उनका निधन 120 वर्ष की आयु में वर्ष 1137 में तमिलनाडु के श्रीरंगम में हुआ था।

डॉ. नरेंद्र कोहली

  • 17 अप्रैल, 2021 को हिंदी के प्रख्यात साहित्यकार नरेंद्र कोहली का 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। नरेंद्र कोहली को हिंदी के प्रमुख उपन्यासकार, कहानीकार, नाटककार और व्यंग्यकार के रूप में जाना जाता था। 06 जनवरी, 1940 को पाकिस्तान के सियालकोट में जन्मे नरेंद्र कोहली का परिवार वर्ष 1947 में विभाजन के बाद बिहार में विस्थापित हो गया था। नरेंद्र कोहली की प्रारंभिक शिक्षा लाहौर और जमशेदपुर में हुई। उन्होंने राँची विश्वविद्यालय और दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में शिक्षा प्राप्त की। साहित्य में पौराणिक और ऐतिहासिक चरित्रों के जीवंत चित्रण के लिये उनका योगदान अविस्मरणीय है। उन्होंने भारतीय पौराणिक पात्रों को एक नए संदर्भ में दुनिया के समक्ष प्रस्तुत किया। नरेंद्र कोहली को रामायण और महाभारत के पात्रों के बारे में उनके लेखन के लिये जाना जाता है। महाभारत पर आधारित महाकाव्यत्मक उपन्यास- 'महासमर' जोकि आठ-खंडों में विभाजित है, को एक उत्कृष्ट कृति माना जाता है। उन्होंने लेखन के माध्यम से संस्कृति के पुनरुद्धार पर ज़ोर दिया। उन्होंने उपन्यास, निबंध, व्यंग्य और संस्मरण सहित 100 से अधिक पुस्तकों की रचना की। उनके प्रमुख उपन्यासों में अभ्युदय, दीक्षा, अवसर और अभिज्ञान आदि शामिल हैं। उनके द्वारा रचिय नाटकों में शम्बूक की हत्या, निर्णय रुका हुआ और गारे की दीवार आदि शामिल हैं। हिंदी साहित्य में योगदान के लिये उन्हें वर्ष 2017 में पद्म पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।

विश्व यकृत दिवस

  • लिवर/यकृत के महत्त्व और उससे संबंधित रोगों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिये दुनिया भर में प्रत्येक वर्ष 19 अप्रैल को विश्व लिवर/यकृत दिवस का आयोजन किया जाता है। यकृत, मानव शरीर को स्वस्थ रखने के लिये डिटॉक्सिफिकेशन और पाचन सहित विभिन्न जटिल कार्य करता है। ज्ञात हो कि यकृत/लिवर मानव शरीर का दूसरा सबसे बड़ा अंग है और पाचनतंत्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यकृत मानव शरीर मे मुख्य रूप से संक्रामक बीमारियों से निपटने, ब्लड शुगर को नियंत्रित करने, शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने, कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने और  रक्त का थक्का जमने में मदद करने आदि का कार्य करता है। एक व्यक्ति में विभिन्न कारणों की वजह से यकृत संबंधी रोग उत्पन्न हो सकते हैं, जिसमें अस्वास्थ्यकर जीवन एवं खानपान की शैली, अल्कोहॉल एवं फास्ट फूड का अत्यधिक प्रयोग और अत्यधिक वज़न तथा टाइप 2 डायबिटीज आदि शामिल हैं। इसके अलावा यकृत संबंधी रोग वंशानुगत और अनुवांशिक भी हो सकते हैं।

तुर्की में क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध

  • डिजिटल मुद्रा में मौजूद जोखिम को मद्देनज़र रखते हुए तुर्की के केंद्रीय बैंक ने क्रिप्टोकरेंसी के भुगतान के रूप में उपयोग किये जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। नए नियमों के तहत उन कंपनियों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है, जो क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म से जुड़े भुगतान और इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर को नियंत्रित करती हैं। तुर्की के केंद्रीय बैंक के मुताबिक, आपराधिक गतिविधियों में प्रयोग होने की क्षमता तथा बाज़ार मूल्य की अत्यधिक अस्थिरता के साथ-साथ संयुक्त विनियमन, पर्यवेक्षण तंत्र या केंद्रीय नियामक प्राधिकरण के अभाव के कारण क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग काफी जोखिमपूर्ण है और इसके कारण अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। तुर्की के इस निर्णय से बिटकॉइन के मूल्य में 4 प्रतिशत की कमी हुई है। ध्यातव्य है कि भारत भी ऐसे कानून के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है, जो क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने के साथ-साथ ऐसी किसी भी संपत्ति को रखने या इसका व्यापार करने वाले व्यक्ति को प्रतिबंधित करता हो। क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की डिजिटल करेंसी (मुद्रा) होती है, जिसमें लेन-देन संबंधी सभी जानकारियों को कूटबद्ध’ (Encrypt) तरीके से विकेंद्रित डेटाबेसमें सुरक्षित रखा जाता है।

ब्लड ऑक्सीजन सेचुरेशन (SpO2) सप्लीमेंटल ऑक्सीजन डिलीवरी सिस्टम

  • कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने ब्लड ऑक्सीजन सेचुरेशन (SpO2) सप्लीमेंटल ऑक्सीजन डिलीवरी सिस्टमविकसित की है, जो कि अत्यधिक ऊँचाई वाले इलाकों में युद्धरत भारतीय सैनिकों के लिये बहुत उपयोगी होगी। साथ ही इस प्रणाली का उपयोग कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों द्वारा भी किया जा सकता है। इस प्रणाली को DRDO की बंंगलूरू स्थित रक्षा जैव अभियांत्रिकी और इलेक्ट्रो मेडिकल प्रयोगशाला’ (DEBEL) ने विकसित किया है। यह ऑटोमेटिक प्रणाली SpO2 पर आधारित अनुपूरक ऑक्सीजन की आपूर्ति करता है और लोगों को हाईपोक्सिया से बचाती है। हाईपोक्सिया ऑक्सीजन की कमी को कहते हैं और अधिकतर मामलों में यह स्थिति जानलेवा होती है। महामारी के मौजूदा दौर में यह प्रणाली बहुत उपयोगी मानी जा रही है, क्योंकि इसे ऑक्सीजन फ्लो थेरेपी के लिये सामान्या कोविड मरीज़ अपने घर पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं। SpO2 का स्तर कम होने पर यह प्रणाली ऑक्सीजन का प्रवाह बढाकर उसे स्वयं समायोजित कर सकती है। इस प्रणाली की उपलब्धयता और आसानी से उपयोग की क्षमता के कारण डॉक्टतरों और चिकित्साकर्मियों पर कार्य का बोझ कम होगा तथा रोगी के SpO2 स्तर की निगरानी के लिये डॉक्ट रों और चिकित्साकर्मियों को संक्रमण का जोखिम नहीं लेना होगा।

भारत में इटली का मेगा फूड पार्क

  • भारत और इटली के द्विपक्षीय संबंधों में सुधार करने के उद्देश्य से इटली ने हाल ही में भारत में अपनी पहली मेगा फूड पार्क परियोजना शुरू की है, जिसमें खाद्य प्रसंस्करण सुविधाएँ और इकाइयाँ शामिल हैं। इस परियोजना का उद्देश्य दोनों देशों के कृषि एवं औद्योगिक क्षेत्रों के बीच तालमेल स्थापित करना है और इन क्षेत्र में नई एवं अधिक कुशल प्रौद्योगिकियों के अनुसंधान और विकास पर ध्यान केंद्रित करना है। इस परियोजना के माध्यम से इटली का लक्ष्य भारतीय बाज़ार में मौजूद विभिन्न अवसरों का पता लगाना है। यह परियोजना खाद्य-प्रसंस्करण क्षेत्र, जो कि भारत और इटली के बीच साझेदारी का एक महत्त्वपूर्ण स्तंभ है, के विकास में काफी सहायक हो सकती है। ध्यातव्य है कि इटली, दक्षिण-मध्य यूरोप का एक महत्त्वपूर्ण देश है और भारत तथा इटली के मध्य वर्ष 1947 में राजनयिक संबंध स्थापित किये गए थे, तब से दोनों देशों के बीच सौहार्दपूर्ण द्विपक्षीय संबंध रहे हैं। इटली वर्तमान में यूरोपीय संघ में भारत का पाँचवाँ सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है और वर्ष 2019 में दोनों देशों के मध्य लगभग 9.52 बिलियन यूरो का द्विपक्षीय व्यापार हुआ था। भारत में इटली की लगभग 600 बड़ी कंपनियाँ सक्रिय हैं, जबकि लगभग 4,000 भारतीय छात्र और 250,000 कर्मचारी (मुख्यतः कृषि क्षेत्र में) इटली में मौजूद हैं।

लूनर 25मिशन

  • रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रॉसकॉसमॉस, इसी वर्ष अक्तूबर माह में अपने लूनर 25मिशन को लॉन्च करने की योजना बना रही है। रूस का लूनर लैंडिंग मिशन लूनर 25चंद्रमा की सतह के नीचे जमी बर्फ का अध्ययन करेगा, जिसे भविष्य में अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा एक संसाधन के रूप में प्रयोग किया जा सकेगा। इसके अलावा इस मिशन के माध्यम से चंद्रमा पर धूल के कणों के कारण उत्पन्न खतरों का भी अध्ययन किया जाएगा। हालाँकि लूनर 25को रूस के अंतरिक्ष अभियानों की शुरुआत के तौर पर देखा जा सकता है, और भविष्य में रूस नियोजित चरणों में कुल पाँच अंतरिक्ष अभियानों की योजना बना रहा है। रूस के अगले मिशन यानी लूनर 26को वर्ष 2023 या वर्ष 2024 में लॉन्च किया जाएगा और चंद्रमा में चुंबकीय एवं गुरुत्वाकर्षण विसंगतियों की तलाश करेगा तथा संभावित लैंडिंग स्थानों की इमेज भी कैप्चर करेगा। ध्यातव्य है कि सोवियत संघ द्वारा लूनर 24को वर्ष 1976 में लॉन्च किया गया था और इसके बाद से रूस ने अब तक चंद्रमा पर लैंडिंग संबंधी कोई मिशन नहीं किया है। ज्ञात हो कि इसरो भी वर्ष 2022 में चंद्रयान-3 मिशन को लॉन्च करने की योजना बना रहा है।

इंडियन जंपिंग आंट

  • हाल ही में वैज्ञानिकों ने पाया है कि इंडियन जंपिंग आंटअपने शरीर को प्रजनन के लिये तैयार करने हेतु अपने मस्तिष्क को लगभग 20 प्रतिशत तक कम कर सकती है, और प्रजनन के बाद हफ्तों के भीतर अपने मस्तिष्क के आकार को पुनः बढ़ा सकती है। मधुमक्खियों समेत कुछ अन्य कीटों में केवल अपने मस्तिष्क के आकार को बढ़ाने की क्षमता पाई जाती है, किंतु इंडियन जंपिंग आंटऐसे पहले कीट हैं जिनमें अपने मस्तिष्क के आकार को बढ़ाने के साथ-साथ घटाने की भी क्षमता है। भारत के मैदानी इलाकों में पाई जाने वाली इंडियन जंपिंग आंट’ (वैज्ञानिक नाम: हार्पेग्नाथोस सॉल्टेटर) एक बड़ी आँखों वाली चींटी होती है, जिसमें तकरीबन चार इंच तक कूदने/ छलांग लगाने की अद्भुत क्षमता होती है, साथ ही इसमें अपने आकार से दोगुने आकार के जीव का शिकार करने की भी क्षमता होती है।

भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग

  • प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग (CCI) और ब्राज़ील की एडमिनिस्ट्रेटिव काउंसिल ऑफ इकोनॉमिक डिफेंस (CADE) के बीच समझौता ज्ञापन को मंज़ूरी  दे दी है। प्रतिस्पर्द्धा अधिनियम, 2002 की धारा 18, भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग को अपने कार्यों और दायित्वों  के निर्वहन हेतु किसी अन्यड देश की संस्था के साथ समझौता करने की अनुमति प्रदान करती है। भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग ने अमेरिकी संघीय व्यापार आयोग और न्यातय विभाग के साथ भी समझौते किये हैं। इसके अलावा प्रतिस्पर्द्धा आयोग ने यूरोपीय संघ, रूस, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और ब्रिक्सा देशों की प्रतिस्पर्द्धा और एकाधिकार निगरानी संस्था,ओं के साथ भी समझौता ज्ञापन किये हैं। भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग (CCI) भारत सरकार का एक सांविधिक निकाय है, जो प्रतिस्पर्द्धा अधिनियम, 2002 के प्रवर्तन के लिये उत्तरदायी है। आयोग का प्राथमिक कार्य देश में एक सुदृढ़ प्रतिस्पर्द्धी वातावरण तैयार करना है। यह आधुनिक प्रतिस्पर्द्धा विधानों के दर्शन का अनुसरण करता है।

राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस

  • लोक प्रशासन में संलग्न अधिकारियों के कार्य के महत्त्व को रेखांकित करने के लिये प्रत्येक वर्ष 21 अप्रैल को राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस का आयोजन किया जाता है। साथ ही यह दिवस सिविल सेवकों को बदलते समय की चुनौतियों के साथ भविष्य के बारे में आत्मनिरीक्षण एवं सोचने का अवसर प्रदान करता है। ज्ञात हो कि 21 अप्रैल, 1947 को स्वतंत्र भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने दिल्ली के मेटकाॅफ हाउस में प्रशासनिक सेवा के प्रोबेशनरी अधिकारियों को पहली बार संबोधित करते हुए सिविल सेवकों को 'भारत का स्टील फ्रेम' (Steel Frame of India) कहा था। सिविल सेवा दिवस को पहली बार दिल्ली के विज्ञान भवन में 21 अप्रैल, 2006 को मनाया गया था। ब्रिटिश काल में सिविल सेवाशब्द का प्रयोग ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की प्रशासनिक नौकरियों में शामिल नागरिक कर्मचारियों के लिये किया जाता था। भारत में चार्ल्स कॉर्नवॉलिस को सिविल सेवाओं के जनक के रूप में जाना जाता है।

विश्व रचनात्मकता और नवाचार दिवस

  • मानव विकास के विभिन्न पहलुओं में रचनात्मकता और नवाचार की महत्त्वपूर्ण भूमिका को लेकर जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 21 अप्रैल को विश्व रचनात्मकता और नवाचार दिवसका आयोजन किया जाता है। इस दिवस का प्राथमिक उद्देश्य आम लोगों को नए विचारों का उपयोग करने, नए निर्णय लेने और रचनात्मक सोच के माध्यम से दुनिया को बेहतर बनाने की दिशा में कदम उठाने के लिये प्रोत्साहित करना है। संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2017 में प्रतिवर्ष 21 अप्रैल को विश्व रचनात्मकता और नवाचार दिवस' के रूप में मनाने के संबंध में प्रस्ताव पारित किया था और वर्ष 2018 में पहली बार इस दिवस का आयोजन किया गया था। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, नवाचार, रचनात्मकता और बड़े पैमाने पर उद्यमशीलता आर्थिक विकास और रोज़गार सृजन को गति दे सकती हैं। आँकड़ों की मानें तो सांस्कृतिक और रचनात्मकता उद्योग वैश्विक स्तर पर कुल 2.25 बिलियन डॉलर राजस्व और 29.5 मिलियन नौकरियों का सृजन करता है।

संयुक्त सैन्य अभ्यास खंजर

  • हाल ही में भारत और किर्गिज़स्तान के विशेष बलों ने आतंकवाद विरोधी गतिविधियों पर केंद्रित सैन्य अभ्यास की शुरुआत की है। खंजरनामक इस सैन्य अभ्यास को की राजधानी बिश्केक में किया जा रहा है। यह भारत और किर्गिज़स्तान के संयुक्त विशेष बलों के बीच आयोजित होने वाले खंजर' सैन्य अभ्यास का आठवाँ संस्करण है। वर्ष 2011 में शुरू हुआ दो सप्ताह लंबा खंजर' सैन्य अभ्यास मुख्य तौर पर ऊँचाई वाले तथा पहाड़ी क्षेत्रों और आतंकवाद एवं अतिवाद पर केंद्रित है। मध्य एशिया का देश किर्गिज़स्तान उत्तर-पश्चिम और उत्तर में कज़ाखस्तान, दक्षिण-पूर्व में चीन तथा दक्षिण-पश्चिम में ताजिकिस्तान एवं उज़्बेकिस्तान के साथ अपनी सीमा साझा करता है। किर्गिज़स्तान की राजधानी बिश्केक है। किर्गिज़स्तान में मुख्य तौर पर मुस्लिम और ईसाई आबादी पाई जाती है। किर्गिज़स्तान वर्ष 1991 में एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अस्तित्त्व में आया था और तभी से भारत तथा किर्गिज़स्तान के बीच सौहार्दपूर्ण द्विपक्षीय संबंध बने हुए हैं। वर्ष 1992 में भारत, किर्गिज़स्तान के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाला पहला देश था। वर्ष 2018 में भारत और किर्गिज़स्तान ने चार समझौतों पर हस्ताक्षर किये थे, जिनमें से एक रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने और वार्षिक संयुक्त सैन्य अभ्यास आयोजित करने से संबंधित था।

संयुक्त राष्ट्र के तीन प्रमुख निकायों में भारत का चुनाव

  • भारत को संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद’ (ECOSOC) के तीन प्रमुख निकायों के लिये चुना गया है। इन निकायों में कमीशन ऑन क्राइम प्रिवेंशन एंड क्रिमिनल जस्टिस’ (CCPCJ), ‘यूएन वीमेन' का कार्यकारी बोर्ड और विश्व खाद्य कार्यक्रम’ (WFP) का कार्यकारी बोर्ड शामिल हैं। वियना स्थित कमीशन ऑन क्राइम प्रिवेंशन एंड क्रिमिनल जस्टिसअपराध रोकथाम और आपराधिक न्याय के क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख नीति-निर्माण निकाय के रूप में कार्य करता है। CCPCJ में कुल 40 सदस्य देश हैं, जिन्हें ECOSOC द्वारा चुना जाता है। वहीं विश्व खाद्य कार्यक्रमसंयुक्त राष्ट्र की खाद्य-सहायता शाखा है,  जो वैश्विक स्तर पर भुखमरी की समस्या से लड़ने और खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य करता है। विश्व खाद्य कार्यक्रम का कार्यकारी बोर्ड उसका सर्वोच्च शासी निकाय है। यह बोर्ड WFP की गतिविधियों को अंतर-सरकारी समर्थन, नीति निर्देशन और पर्यवेक्षण प्रदान करता है, इसमें कुल 36 देश शामिल हैं। इसके अतिरिक्त वर्ष 2010 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा गठित यूएन वीमेन' मुख्य तौर पर महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तीकरण के क्षेत्र में कार्य करता है। यूएन वीमेन' के कार्यकारी बोर्ड में कुल 41 देश शामिल होते हैं, जिन्हें क्षेत्रीय आधार पर चुना जाता है।

ब्लू नेचर एलायंस

  • आगामी पाँच वर्षों में महत्त्वपूर्ण जलीय क्षेत्रों और महासागरों का संरक्षण सुनिश्चित करने के लिये एक नई वैश्विक समुद्री पहल शुरू की गई है। ब्लू नेचर एलायंसनामक इस पहल को विभिन्न परोपकारी संगठनों, राष्ट्रीय सरकारों, स्थानीय समुदायों, स्वदेशी लोगों, वैज्ञानिकों और शिक्षाविदों के सहयोग से शुरू किया गया है। ब्लू नेचर एलायंसप्रारंभ में अपने संरक्षण कार्यों के तहत 4.8 मिलियन वर्ग किलोमीटर (1.9 मिलियन वर्ग मील) क्षेत्र में फैले तीन समुद्री क्षेत्रों यथा- फिजी का लाउ सीस्केप, अंटार्कटिका का दक्षिणी महासागर और दक्षिणी अटलांटिक महासागर में ट्रिस्टन दा कुन्हा द्वीप को कवर करेगा। इस पहल का प्राथमिक उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के कारण सबसे अधिक प्रभावित होने वाले स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर कार्य करना है और ऐसे में यह पहल समुद्री संरक्षण में मददगार होने के साथ-साथ पारिस्थितिकी तंत्र का लचीलापन बढ़ाने में भी मददगार साबित हो सकती है। पृथ्वी की सतह के दो-तिहाई से अधिक हिस्से पर मौजूद महासागर मानवीय जीवन को काफी अधिक प्रभावित करते हैं और ये तटीय या छोटे द्वीप क्षेत्रों में रहने वाले समुदायों की आजीविका के लिये विशेष तौर पर महत्त्वपूर्ण होते हैं। इसके बावजूद दुनिया भर में महासागर गंभीर तनाव का सामना कर रहे हैं।

शिव सुब्रमणियम रमण

  • हाल ही में शिव सुब्रमणियम रमण ने भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यभार संभाला है। इस संबंध में जारी आधिकारिक सूचना के मुताबिक, सुब्रमणियम रमण की नियुक्ति कुल वर्षीय कार्यकाल के लिये की गई है। इस नियुक्ति से पूर्व सुब्रमणियम रमण राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सर्विसेज़ लिमिटेड (NeSL) के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में सेवारत थे। तमिलनाडु से ताल्लुक रखने वाले सुब्रमणियम रमण वर्ष 1991 बैच के भारतीय लेखापरीक्षा और लेखा सेवा (IA&AS) अधिकारी हैं। इसके अलावा वे वर्ष 2015-2016 के झारखंड के प्रधान महालेखाकार के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। वहीं भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) की स्थापना 2 अप्रैल, 1990 को संसद के एक अधिनियम के तहत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) क्षेत्र के संवर्द्धन, वित्तपोषण और विकास हेतु एक प्रमुख वित्तीय संस्था के रूप में की गई थी।

विश्व पुस्तक दिवस

  • विश्व भर में प्रतिवर्ष 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक दिवसअर्थात् विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवसका आयोजन किया जाता है। विश्व पुस्तक दिवस का आयोजन मुख्य तौर पर पुस्तकों को पढ़ने और प्रकाशन तथा कॉपीराइट के महत्त्व को रेखांकित करने और उन्हें बढ़ावा देने के लिये किया जाता है। ध्यातव्य है कि वर्ष 1995 में पेरिस में आयोजित यूनेस्को के सम्मेलन के दौरान 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस’ (विश्व पुस्तक दिवस) के रूप में आयोजित करने का निर्णय लिया गया था। 23 अप्रैल की तारीख का इस लिहाज़ से भी काफी महत्त्व है कि इसी दिन विश्व के कई प्रसिद्ध लेखकों का या तो जन्म हुआ था या उनकी मृत्यु हुई थी। उदाहरण के तौर पर विलियम शेक्सपियर, जोसेप प्ला और इंका गार्सिलसो डे ला वेगा ने 23 अप्रैल को अंतिम साँस ली थी, जबकि इसी दिन मैनुएल मेजिया वाल्लीजो, हालडोर लाक्सनेस और मौरिस ड्रून का जन्म हुआ था। यूनेस्को हर वर्ष इस मौके पर कार्यक्रमों का आयोजन करता है। किताबी दुनिया में कॉपीराइट एक अहम मुद्दा है, इसलिये विश्व पुस्तक दिवस के अवसर पर इस मुद्दे पर भी ज़ोर दिया जाता है। इस अवसर पर जॉर्जिया की राजधानी त्बिलिसी’ (Tbilisi) को वर्ष 2020 के लिये वर्ल्ड बुक कैपिटल’ (World Book Capital) के तौर पर चुना गया है।

अंग्रेज़ी भाषा दिवस

  • प्रतिवर्ष 23 अप्रैल को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंग्रेज़ी भाषा दिवस मनाया जाता है। यह दिवस अंग्रेज़ी भाषा के महान साहित्यकार विलियम शेक्सपियर के जन्मदिवस को चिह्नित करता है। अंग्रेज़ी भाषा के सबसे प्रसिद्ध नाटककार होने के साथ-साथ शेक्सपियर का आधुनिक अंग्रेज़ी पर भी काफी अधिक प्रभाव देखने को मिलता है। शेक्सपियर ने अपने संपूर्ण जीवन काल में कुल 38 नाटक लिखे थे। अंग्रेज़ी भाषा की उत्पत्ति मध्यकालीन इंग्लैंड में मानी जाती है और वर्तमान में यह विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। उपलब्ध आँकड़ों की मानें तो विश्व के कुल 195 देशों में से 67 देशों में अंग्रेज़ी भाषा का प्रयोग किया जाता है। विदित हो कि फरवरी 2010 में सांस्कृतिक विविधता और बहुभाषावाद को मनाने के लिये संयुक्त राष्ट्र ने भाषा दिवस का शुभारंभ किया था। संयुक्त राष्ट्र, भाषा दिवस संगठन की 6 आधिकारिक भाषाओं को संरक्षण प्रदान करता है। संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषाएँ अंग्रेज़ी (23 अप्रैल), अरबी (18 दिसंबर), चीनी (20 अप्रैल), स्पेनिश (23 अप्रैल ), रूसी (6 जून) और फ्रेंच (20 मार्च) हैं।

मंगल ग्रह पर ऑक्सीजन का उत्पादन

  • अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने हाल ही में घोषणा की है कि उसके पर्सिवरेंस रोवरपर मौजूद एक उपकरण ने पहली बार मंगल ग्रह के बहुत ही पतले वातावरण से ऑक्सीजन का उत्पादन करने में सफलता हासिल कर ली है। इस महत्त्वपूर्ण वैज्ञानिक सफलता को भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिये काफी महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इस तकनीक के माध्यम से भविष्य में मंगल ग्रह पर जाने वाले यात्रियों को ऑक्सीजन उपलब्ध हो सकेगा। अपने इस परीक्षण के तहत नासा के पर्सिवरेंस रोवरके उपकरण ने मंगल ग्रह के वातावरण में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड से 5 ग्राम ऑक्सीजन का उत्पादन किया, जो एक अंतरिक्ष यात्री के लिये 10 मिनट तक साँस लेने हेतु पर्याप्त है। ज्ञात हो कि मंगल ग्रह के वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड सबसे अधिक मात्रा (तकरीबन 96 प्रतिशत) में मौजूद है, वहीं ऑक्सीजन का स्तर मात्र 0.13 प्रतिशत है। ऑक्सीजन का उत्पादन करने के लिये ऑक्सीजन परमाणुओं को कार्बन डाइऑक्साइड अणुओं से अलग किया जाता है, ऐसा करने के लिये तकरीबन 800 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान की ऊष्मा की आवश्यकता होती है और इस प्रक्रिया में अपशिष्ट उत्पाद के रूप में कार्बन मोनोऑक्साइड भी उत्पन्न होता है, जिसे वातावरण में वापस छोड़ दिया जाता है। मंगल पर मानव अभियानों की शुरुआत के लिये ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा काफी महत्त्वपूर्ण है, यह न केवल अंतरिक्ष यात्रियों के लिये आवश्यक है, बल्कि मंगल ग्रह से वापस पृथ्वी पर आने हेतु रॉकेट की उड़ान के लिये भी काफी आवश्यक है।

रासायनिक हथियार निषेध संगठन

  • भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) गिरीश चंद्र मुर्मू को रासायनिक हथियार निषेध संगठन’ (OPCW) का बाह्य लेखा परीक्षक चुना गया है। गिरीश चंद्र मुर्मू का चुनाव तीन वर्षीय कार्यकाल के लिये किया गया है। रासायनिक हथियार निषेध संगठन’ (OPCW) संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा समर्थित एक स्वतंत्र संस्था (संयुक्त राष्ट्र संघ से स्वतंत्र) है, जिसका प्राथमिक कार्य रासायनिक हथियार कन्वेंशन (CWC) के प्रावधानों को क्रियान्वित करना है। यह 29 अप्रैल, 1997 को अस्तित्व में आया था और इसका मुख्यालय नीदरलैंड के हेग में स्थित है। OPCW में कुल 193 हस्ताक्षरकर्त्ता देश शामिल हैं, जो कि वैश्विक आबादी के 98 प्रतिशत हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं। गौरतलब है कि इज़रायल ने संधि पर हस्ताक्षर तो किये हैं, किंतु रासायनिक हथियार कन्वेंशनकी पुष्टि नहीं की है। इसका प्राथमिक कार्य रासायनिक हथियारों के खतरों से सदस्य देशों की सुरक्षा तथा उन्हें सहायता प्रदान करना है। OPCW को वर्ष 2013 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

कोविरैपटेस्ट किट

  • हाल ही में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान- खड़गपुर (IIT-K) ने कोरोना संक्रमण की जाँच से संबंधित अपने प्रमुख उत्पाद कोविरैप’ (COVIRAP) का सफलतापूर्वक वाणिज्यीकरण कर लिया है। व्यवसायीकरण के के माध्यम से यह पूर्णतः स्वदेशी रूप से विकसित उत्पाद भारतीय बाज़ार समेत अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में किफायती मूल्य पर उपलब्ध हो सकेगा। ज्ञात हो कि बीते वर्ष अक्तूबर माह में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने इस टेस्ट की प्रभावकारिता को मान्यता प्रदान की थी। हालाँकि अनुसंधानकर्त्ताओं की टीम ने SARS-CoV-2 सहित विभिन्न रोगजनक संक्रमणों के तीव्र डायग्नोस्टिक के लिये कोविरैपउत्पाद के और अधिक उन्नत संस्करण विकसित किया है। इसके तहत RNA निष्कर्षण के लिये किसी भी विशिष्ट सुविधा की आवश्यकता के बिना, समूह द्वारा विकसित पोर्टेबल डिवाइस के माध्यम से मानव स्वाब नमूनों का प्रयोग करके कोविड-19 नैदानिक परीक्षण किया जा सकता है। इस किट के माध्यम से रोगी से प्राप्त नमूनों के आधार पर मात्र 45 मिनट के भीतर परिणाम प्राप्त किया जा सकता है। अनुसंधानकर्त्ताओं के मुताबिक, इस टेस्ट किट का क्षेत्र काफी अधिक व्यापक है, जिसका अर्थ है कि यह कोरोना संक्रमण के अलावा इन्फ्लूएंज़ा, मलेरिया, डेंगू, जापानी इंसेफेलाइटिस, टीबी आदि रोगों का पता लगाने में भी सक्षम है।

अमेरिका में हेट क्राइम के विरुद्ध बिल

  • हाल ही में अमेरिकी संसद के उच्च सदन 'सीनेट' ने एशियाई अमेरिकियों और प्रशांत द्वीप समूह के निवासियों के विरुद्ध बढ़ रहे हेट क्राइमका मुकाबला करने के लिये एक बिल को मंज़ूरी दी है।  यह बिल अमेरिकी न्याय विभाग में हेट क्राइमकी समीक्षा में तीव्रता लाएगा और पिछले वर्ष हुईं हज़ारों हिंसक घटनाओं की प्रतिक्रिया के रूप में स्थानीय कानून प्रवर्तन का समर्थन करेगा। आँकड़ों की मानें तो अमेरिका में पुलिस ने एशियाई-अमेरिकियों और प्रशांत द्वीप समूह के निवासियों के विरुद्ध हेट क्राइमकी संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। हेट क्राइम ऐसे आपराधिक कृत्यों को संदर्भित करता है जो कुछ मतभेदों, प्रमुख रूप से धार्मिक और सांस्कृतिक प्रथाओं तथा रीति-रिवाजों आदि के कारण एक व्यक्ति या सामाजिक समूह के विरुद्ध पूर्वाग्रह से प्रेरित होते हैं। मौजूदा दौर में इसकी परिभाषा के तहत मॉब लिंचिंग, भेदभाव और आपत्तिजनक भाषणों के साथ-साथ अपमानजनक तथा ऐसे भाषणों को भी शामिल किया जाता है, जो एक समुदाय विशिष्ट को हिंसा के लिये उकसाते हों। हेट स्पीचमें मुख्य तौर पर जाति, नस्ल, धर्म या वर्ग आदि के आधार पर की गई टिप्पणियाँ शामिल होती हैं। भारतीय कानूनों के तहत धर्म, जातीयता, संस्कृति या नस्ल पर आधारित कोई भी अभद्र भाषा अथवा टिप्पणी पूर्णतः निषिद्ध है।

वनिता गुप्ता

  • हाल ही में भारतीय मूल की अमेरिकी सिविल राइट्स अधिवक्ता वनिता गुप्ता को अमेरिका में एसोसिएट अटॉर्नी जनरल के रूप में नियुक्त किया गया है, जिसके साथ ही वे अमेरिकी न्याय विभाग के इस तीसरे सबसे महत्त्वपूर्ण पद पर कार्य करने पहली भारतीय-अमेरिकी बन गई हैं। वनिता गुप्ता ने न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय के लॉ स्कूलसे कानून की पढाई की है और उन्हें वर्ष 2014 में तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा कार्यवाहक सहायक अटॉर्नी जनरल और अमेरिकी न्याय विभाग के नागरिक अधिकार प्रभाग के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया था। एसोसिएट अटॉर्नी जनरल के पद पर नियुक्त होने से पूर्व वह अमेरिका के सबसे पुराने नागरिक अधिकार गठबंधन- द लीडरशिप काॅॅन्फ्रेंस ऑन सिविल एंड ह्यूमन राइट्सके मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में कार्य चुकी हैं। अमेरिकी न्याय विभाग के एसोसिएट अटॉर्नी जनरल के रूप में वनिता गुप्ता, विभाग के सिविल राइट्स लिटिगेशनविभाग के साथ-साथ उसके एंटीट्रस्ट, नागरिक और पर्यावरण प्रभागों की भी प्रभारी होंगी।

माउंट अन्नपूर्णा

  • पश्चिमी महाराष्ट्र के सतारा से ताल्लुक रखने वाली पर्वतारोही प्रियंका मोहिते ने विश्व की दसवीं सबसे ऊँची पर्वत चोटी माउंट अन्नपूर्णापर चढ़ाई कर एक नया रिकॉर्ड स्थापित कर दिया है, इसी के साथ वह यह उपलब्धि हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला पर्वतारोही बन गई हैं। प्रियंका मोहिते ने इससे पूर्व वर्ष 2013 में दुनिया की सबसे ऊँची चोटी माउंट एवरेस्ट’ (8,849 मीटर), वर्ष 2018 में माउंट ल्होत्से’ (8,516 मीटर), ‘माउंट मकालू’ (8,485 मीटर) और 2016 में माउंट किलिमंजारो’ (5,894 मीटर) को भी फतह किया है। प्रियंका मोहिते को वर्ष 2017-2018 के लिये महाराष्ट्र सरकार द्वारा साहसिक खेलों हेतु शिव छत्रपति राज्य पुरस्कारभी प्रदान किया गया है। माउंट अन्नपूर्णानेपाल में स्थित हिमालय का एक पर्वतीय पुंजक है, जिसमें 8,000 मीटर से अधिक ऊँची चोटियाँ शामिल हैं और इसे चढ़ाई करने के लिये सबसे कठिन पर्वतों में से एक माना जाता है। यद्यपि माउंट अन्नपूर्णाविश्व का दसवाँ सबसे ऊँचा पर्वत है, किंतु इसे विश्व के सबसे खतरनाक पर्वतों में से एक माना जाता है। 3 जून, 1950 को फ्राँँसीसी पर्वतारोही मौरिस हर्ज़ोग और लुई लाचेनल ने माउंट अन्नपूर्णाको पहली बार फतह किया था।

विश्व मलेरिया दिवस

  • प्रत्येक वर्ष 25 अप्रैल को वैश्विक स्तर पर मलेरिया जैसी घातक बीमारी के संबंध में जागरूकता फैलाने के लिये विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा विश्व मलेरिया दिवसका आयोजन किया जाता है। विश्व मलेरिया दिवस पर विभिन्न गतिविधियों और कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिनका उद्देश्य मलेरिया को लेकर जागरूकता फैलाने के लिये सरकारी तथा गैर-सरकारी संगठनों, समुदायों और आम जनमानस के बीच सहयोग स्थापित करना है। वर्ष 2021 में विश्व मलेरिया दिवस की थीम 'शून्य मलेरिया लक्ष्य तक पहुँचना' रखी गई है। विश्व मलेरिया दिवस का विचार मूल रूप से अफ्रीकी मलेरिया दिवससे विकसित हुआ है। अफ्रीकी मलेरिया दिवस, वर्ष 2001 के बाद से अफ्रीकी देशों की सरकारों द्वारा किया जा रहा है। वर्ष 2007 में, विश्व स्वास्थ्य सभा के 60वें सत्र के दौरान अफ्रीका मलेरिया दिवस को विश्व मलेरिया दिवस के रूप में परिवर्तित करने का प्रस्ताव पारित किया गया था। यह प्लास्मोडियम परजीवियोंके कारण होने वाला एक मच्छर जनित रोग है। यह परजीवी संक्रमित मादा एनोफिलीज़ मच्छरके काटने से फैलता है। विश्व मलेरिया रिपोर्ट2020 के मुताबिक, विश्व स्तर पर मलेरिया के लगभग 229 मिलियन मामले प्रतिवर्ष सामने आते हैं। हालाँकि रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने मलेरिया उन्मूलन की दिशा में महत्त्वपूर्ण प्रगति हासिल की है। रिपोर्ट की मानें तो भारत एकमात्र उच्च स्थानिक देश है, जिसने वर्ष 2018 की तुलना में वर्ष 2019 में 17.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है।

पनडुब्बी केआरआई नांगला

  • इंडोनेशियाई नौसेना ने हाल ही में इंडोनेशियाई पनडुब्बी केआरआई नांगला’ (KRI Nanggala) के गहरे समुद्र में डूबने की सूचना दी है, जो कि बीते दिनों अपने 53 चालक दल के सदस्यों के साथ बाली (इंडोनेशिया) के पास से लापता हो गई थी। इंडोनेशिया की यह पनडुब्बी 21 अप्रैल, 2021 को एक टारपीडो ड्रिल के आयोजन के दौरान लापता हुई थी, हालाँकि इंडोनेशिया की नौसेना ने पनडुब्बी के गायब होने के कारणों को स्पष्ट नहीं किया है। 1,300 टन वजन वाली केआरआई नांगला-402जर्मनी की टाइप-209 डीज़ल-इलेक्ट्रिक अटैकपनडुब्बी है। इसका निर्माण वर्ष 1978 में शुरू हुआ था और इंडोनेशिया को यह पनडुब्बी अक्तूबर 1981 में प्राप्त हुई थी। नांगलाजैसी पनडुब्बियों में कम-से-कम 260 मीटर को एक सुरक्षित गहराई माना जाता है। इसके नीचे की गहराई को क्रश डेप्थके रूप में जाना जाता है, जहाँ पानी का वजन इतना अधिक हो जाता है कि उसे सहना पनडुब्बी के लिये लगभग असंभव होता है। नौसेना द्वारा दी गई सूचना के मुताबिक, सोनार स्कैन ने 850 मीटर (2,790 फीट) की गहराई पर पनडुब्बी का पता लगाया है, जो कि नांगलाकी डाइविंग रेंज से काफी नीचे है और क्रश डेप्थमें शामिल है। नवीनतम दुर्घटना से पूर्व इंडोनेशियाई नौसेना के पास कुल पाँच पनडुब्बियाँ थीं, जिसमें दो जर्मन निर्मित टाइप-209पनडुब्बियाँ और तीन दक्षिण कोरियाई निर्मित पनडुब्बियाँ शामिल थीं।

विश्व बौद्धिक संपदा दिवस

  • विश्व भर में प्रत्येक वर्ष 26 अप्रैल को विश्व बौद्धिक संपदा दिवसका आयोजन किया जाता है। इस दिवस के आयोजन का उद्देश्य रोज़मर्रा के जीवन पर पेटेंट, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क तथा डिज़ाइन आदि के प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाना और वैश्विक समाज के विकास में रचनात्मकता तथा नवोन्मेष के महत्त्व को रेखांकित करना है। विश्व बौद्धिक संपदा दिवस की शुरुआत विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) द्वारा बौद्धिक संपदा (IP) के संबंध में आम जनमानस के बीच समझ विकसित करने के लक्ष्य के साथ वर्ष 2000 में की गई थी। 26 अप्रैल, 1970 को ही ‘WIPO कन्वेंशनलागू हुआ था। विदित हो कि वैश्विक स्तर पर रचनात्मक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने और बौद्धिक संपदा संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विश्व बौद्धिक संपदा संगठनका गठन किया गया है। WIPO का मुख्यालय जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड में है। भारत वर्ष 1975 में WIPO का सदस्य बना था। बौद्धिक संपदा के अंतर्गत ऐसी संपत्तियों को शामिल किया जाता है, जो मानव बुद्धि द्वारा निर्मित होती हैं और जिन्हें छूकर महसूस नहीं किया जा सकता है। इसमें मुख्य तौर पर कॉपीराइट, पेटेंट और ट्रेडमार्क आदि को शामिल किया जाता है।

ऑक्सीजन परिवहन करने वाले जहाज़ों के लिये शुल्क में छूट

  • केंद्र सरकार ने देश भर के सभी प्रमुख बंदरगाहों को कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में हो रही बढ़ोतरी के मद्देनज़र ऑक्सीजन और उससे संबंधित उपकरणों को ले जाने के लिये सभी शुल्क माफ करने का निर्देश दिया है। पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के मुताबिक, सभी प्रमुख बंदरगाहों पर मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन, ऑक्सीजन टैंक, ऑक्सीजन बोतल, पोर्टेबल ऑक्सीजन जनरेटर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की खेप ले जाने वाले जहाजों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी और उनसे किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा। इसके अलावा सरकार ने हाल ही में कोरोना वैक्सीन के आयात के साथ-साथ मेडिकल-ग्रेड ऑक्सीजन और संबंधित उपकरणों के लिये भी सीमा शुल्क पर छूट देने की घोषणा की है। ध्यातव्य है कि कोरोना वायरस महामारी के बढ़ते मामलों के बीच ऑक्सीजन की कमी एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आई है, इस स्थिति को मद्देनज़र विभिन्न संस्थानों पर अपने-अपने स्तर पर प्रयास किया जा रहा है, उदाहरण के लिये भारतीय रेलवे द्वारा हाल ही में ऑक्सीजन एक्सप्रेसकी शुरुआत की है।

सिंगल क्रिस्टल ब्लेडतकनीक

  • रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने हाल ही में सिंगल क्रिस्टल ब्लेडतकनीक विकसित करने की घोषणा की है, जिसे संगठन के लिये एक महत्त्वपूर्ण तकनीकी सफलता माना जा रहा है। ज्ञात हो कि विश्व में कुछ चुनिंदा देशों जैसे- संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांँस और रूस आदि के पास ही इस प्रकार की सिंगल क्रिस्टल ब्लेडतकनीक को डिज़ाइन करने और उनका विनिर्माण करने की क्षमता है। इस संबंध में DRDO द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, यह तकनीक एयरो इंजन का एक महत्त्वपूर्ण और अनिवार्य घटक है, जिस पर संगठन बीते लंबे समय से काम कर रहा है। सामरिक और रक्षा कार्यों में उपयोग किये जाने वाले हेलीकाप्टरों को कठिन परिस्थितियों में विश्वसनीय संचालन के लिये छोटे, हल्के लेकिन शक्तिशाली एयरो-इंजन की आवश्यकता होती है और ऐसे में इस क्षमता को प्राप्त करने के लिये जटिल आकार और ज्यामिति वाली सुपर-मिश्र धातुओं से निर्मित अत्याधुनिक एकल क्रिस्टल ब्लेडका उपयोग किया जाता है, अत्यधिक तापमान में भी कार्य करने में सक्षम होते हैं। प्रारंभिक चरण में स्वदेशी हेलीकॉप्टर विकास कार्यक्रमके हिस्से के रूप 60 सिंगल क्रिस्टल ब्लेडोंं की आपूर्ति हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को की गई है। ज्ञात हो कि इस तकनीक के विकास से भारत में प्रौद्योगिकी के स्वदेशीकरण के लक्ष्य को बल मिलेगा।

गाम्बिया में ट्रेकोमा की समाप्ति

  • गाम्बिया ने, दुनिया भर में अंधेपन के प्रमुख कारणों में से एक, ट्रेकोमा (Trachoma) को समाप्त कर एक महत्त्वपूर्ण स्वास्थ्य उपलब्धि हासिल की है। इसी के साथ ही गाम्बिया इस महत्त्वपूर्ण उपलब्धि को हासिल करने वाला दूसरा अफ्रीकी देश बन गया है, इससे पूर्व वर्ष 2018 में घाना को ट्रेकोमा मुक्त घोषित किया गया था। ट्रेकोमा आंखों का एक दीर्घकालिक संक्रमण रोग है, जिसे अंधेपन का सबसे अहम कारण माना जाता है। यह खराब पर्यावरण और निजी स्तर पर स्वच्छता के अभाव तथा पर्याप्त पानी नहीं मिलने के कारण होने वाला एक रोग है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, ट्रेकोमा उन रोगों में से एक है, जो दुनिया भर के गरीब और वंचित समूहों पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। यह आंखों की पलकों के नीचे की झिल्ली को प्रभावित करता है। बार-बार संक्रमण होने पर आंखों की पलकों पर घाव होने लगते हैं। इससे कोर्निया को नुकसान पहुँचता है और अंधापन होने का खतरा पैदा हो जाता है। यदि सर्जरी के माध्यम से इस रोग का उपचार नहीं किया जाता है, तो इससे दृष्टिहीनता और अंधापन जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। ज्ञात हो कि 2000 के दशक के बाद से वैश्विक स्तर पर ट्रेकोमा संक्रमण के मामलों में 90 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है, हालाँकि यह अभी भी विश्व के 40 से अधिक देशों में मौजूद है, जिसमें अधिकांशतः अफ्रीकी देश शामिल हैं।

93वें अकादमी पुरस्कार

  • हाल ही में 93वें अकादमी पुरस्कारों अथवा ऑस्कर (Oscars) पुरस्कारों की घोषणा की गई है। ज्ञात हो कि इससे पूर्व कोरोना महामारी के मद्देनज़र फरवरी, 2021 में आयोजित होने वाले 93वें अकादमी पुरस्कारों को दो माह के लिये स्थगित कर दिया गया था। वर्ष 2021 के लिये चीन की फिल्म निर्देशक क्लो झाओने सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार जीता है, जिससे वह यह पुरस्कार जीतने वाली दूसरी महिला बन गई हैं। इसके अलावा क्लो झाओकी फिल्म नोमैडलैंडने सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार भी जीता है, जबकि फिल्म की मुख्य अभिनेत्री फ्रांसिस मैकडोरमैंडको सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के रूप में चुना गया है। वहीं प्रसिद्ध ब्रिटिश अभिनेता एंथनी हॉपकिंसको उनकी फिल्म द फादरके लिये सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के रूप में चुना गया है। अकादमी पुरस्कालर अथवा ऑस्कर, कैलिफोर्निया स्थित एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज़द्वारा प्रतिवर्ष प्रदान किये जाते हैं। यह पुरस्कार फिल्म उद्योग में तमाम उपलब्धियों को सम्मानित करने के लिये प्रदान किया जाता है। अकादमी पुरस्कार पहली बार वर्ष 1929 मं् प्रदान किये गए थे और विजेताओं को सोने की एक प्रतिमा प्रदान की गई थी, जिसे आमतौर पर ऑस्करकहा जाता है।

पंडित राजन मिश्र

  • 25 अप्रैल, 2021 को सुप्रसिद्ध हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत गायक पंडित राजन मिश्र का कोरोना संक्रमण के चलते 70 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। बनारस घराने से ताल्लुक रखने वाले पंडित राजन मिश्र हिंदुस्तानी संगीत के एक प्रमुख दिग्गज थे, जिन्होंने अपने भाई साजन मिश्र के साथ दशकों तक भारतीय और वैश्विक दर्शकों के समक्ष संगीत गायन किया। उनकी रचनात्मकता और कला में उनके योगदान के कारण उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक ख्याति प्राप्त हुई और उन्हें विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिसमें पद्म भूषण (वर्ष 2007) और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार (वर्ष 1998) शामिल हैं। इसके अलावा उन्हें संगीत भूषण, गंधर्व राष्ट्रीय पुरस्कार और राष्ट्रीय तानसेन सम्मान आदि से भी सम्मानित किया गया था। पंडित राजन मिश्र और भाई पंडित साजन मिश्र को भारतीय शास्त्रीय संगीत की ख्याल गायकीशैली के प्रमुख प्रतिपादकों में से एक माना जाता है।

कोविड-19 राहत प्रयासों के तहत गूगल और माइक्रोसॉफ्ट का योगदान

  • भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच दिग्गज टेक कंपनी गूगल और माइक्रोसॉफ्ट ने महामारी के विरुद्ध भारत की इस जंग में सहायता की घोषणा की है। गूगलऔर उसकी पेरेंट कंपनी अल्फाबेटके प्रमुख सुंदर पिचाई ने भारत में बढ़ते मामलों और संक्रमण की दूसरी लहर पर चिंता ज़ाहिर करते हुए तकरीबन 18 मिलियन डॉलर (135 करोड़ रुपए) के वित्तपोषण की घोषणा की है। गूगल द्वारा प्रदान की जा रही अनुदान राशि दो गैर-लाभकारी संगठनों यथा- गिव इंडियाऔर यूनिसेफको दी जाएगी, और दोनों ही संगठन चिकित्सीय आपूर्ति की खरीद करने और महामारी से प्रभावित देशों की सहायता के लिये इस राशि का प्रयोग करेंगे। गिव इंडियासंकटग्रस्त परिवारों को नकद सहायता प्रदान करेगा, जो उन्हें उनके रोज़मर्रा के खर्चों में मदद करेगा, जबकि यूनिसेफइस राशि का प्रयोग ऑक्सीजन तथा परीक्षण उपकरण समेत तत्काल चिकित्सा आपूर्ति की खरीद के लिये करेगा, जो कि वर्तमान समय में भारत की चिकित्सा अवसंरचना के लिये काफी महत्त्वपूर्ण है। वहीं हैदराबाद में जन्मे सत्य नडेला ने माइक्रोसॉफ्ट की ओर से भारत के राहत प्रयासों में मदद करने और ऑक्सीजन कंसंट्रेशन डिवाइसकी खरीद करने के लिये प्रतिबद्धता ज़ाहिर की है।

जलवायु परिवर्तन के लिये सबसे शक्तिशाली सुपर कंप्यूटर

  • मौसम और जलवायु-परिवर्तन से संबंधित फोरकास्टिंग और पूर्वानुमान के लिये दिग्गज टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्टऔर ब्रिटेन के मेट ऑफिसने दुनिया के सबसे शक्तिशाली सुपर कंप्यूटर के निर्माण के लिये सहयोग करने की घोषणा की है। अनुमान के मुताबिक, यह सुपर कंप्यूटर वर्ष 2022 तक अपना परिचालन शुरू कर देगा और इसके माध्यम से चरम और गंभीर मौसम घटनाओं की सटीक फोरकास्टिंग की जा सकेगी और चेतावनी जारी की जा सकेगी, जिससे आम लोगों को ब्रिटेन में लगातार बढ़ रहे तूफान, बाढ़ और बर्फ के प्रभाव से बचाने में मदद मिलेगी। यह सुपर कंप्यूटर जोखिम आधारित योजना के निर्माण के लिये बेहतर पूर्वानुमान प्रदान करने के साथ-साथ वायु और तापमान की सूचना से संबंधित सटीक पूर्वानुमान प्रदान करेगा, जो कि ब्रिटेन के उड्डयन उद्योग के लिये काफी महत्त्वपूर्ण होगा। इसके अतिरिक्त, यह उपकरण स्थानीय तूफानों, भारी बारिश और बाढ़ आदि को लेकर स्थानीय स्तर पर मौसम के बेहतर पूर्वानुमान के माध्यम से आपातकालीन तत्परता और तैयारियों को बढ़ाएगा। सुपर कंप्यूटर, किसी सामान्य उद्देश्य के लिये प्रयोग किये जाने वाले पारंपरिक कंप्यूटर की तुलना में उच्च स्तरीय कम्प्यूटेशनल क्षमता वाला एक कंप्यूटर होता है, जिसका प्रयोग प्रायः ऐसी समस्याओं को हल करने के लिये किया जाता है, जिन्हें पारंपरिक या नियमित कंप्यूटर के माध्यम से हल नहीं किया जा सकता है।

चेरनोबिल परमाणु दुर्घटना

  • 26 अप्रैल, 1986 को यूक्रेन में स्थित चेरनोबिल पावर स्टेशन (Chernobyl power station) पर एक परमाणु रिएक्टर में प्रयोग के दौरान हुए विस्फोट के कारण 31 लोगों की मौत हुई थी, जिसे आधुनिक युग की सबसे भयंकर परमाणु दुर्घटनाओं में से एक माना जाता है और जिसका प्रभाव अभी तक देखने को मिलता है। यह आपदा चेरनोबिल पावर स्टेशन रिएक्टर के यूनिट 4 में किये जा रहे एक वैज्ञानिक प्रयोग के दौरान हुई थी। प्रयोग के दौरान प्रयोगकर्त्ताओं ने विभिन्न आपातकालीन सुरक्षा उपायों के साथ रिएक्टर की शक्ति विनियमन प्रणाली को बंद कर दिया। इसके अलावा, पावर स्टेशन के नियंत्रण रॉड को भी कोर से बाहर निकाल लिया गया और रिएक्टर को 7 प्रतिशत शक्ति पर चालू रखा गया। इन्हीं वजहों से रिएक्टर प्रयोगकर्त्ताओं के नियंत्रण से बाहर हो गया। नतीजतन रिएक्टर में भारी विस्फोट हुआ और जिसके बाद ग्रेफाइट रिएक्टर में आग भी लग गई, परिणामस्वरूप रेडियोएक्टिव तत्त्व हवा में प्रवाहित हुए और आसपास के क्षेत्रों में तेज़ी से फैल गए। घटना के बाद सोवियत यूनियन ने तेज़ी से बचाव कार्य शुरू किया और अनुमान के मुताबिक, इस दौरान 30000 से अधिक लोगों को बचाया गया था। इस पावर प्लांट को वर्ष 2000 में बंद कर दिया गया।

निजी बैंकों में उच्च पदों संबंधी रिज़र्व बैंक के निर्देश

  • हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने निजी क्षेत्र के बैंक में प्रबंध निदेशक (MD), मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) और पूर्णकालिक निदेशक (WTD) का कार्यकाल 15 वर्षों तक सीमित करने और ऐसे अधिकारियों के लिये अधिकतम आयु 70 वर्ष निर्धारित करने का निर्देश जारी किये हैं। ये नियम रिज़र्व बैंक द्वारा हाल ही में जारी बोर्ड बैठक, उसकी संरचना, सदस्यों की आयु, उनका कार्यकाल और निदेशकों के पारिश्रमिक तथा पूर्णकालिक निदेशकों की नियुक्ति के संबंध में जारी निर्देशों का हिस्सा हैं। 15 वर्षीय कार्यकाल के बाद एक व्यक्ति बैंक में तीन वर्ष के अंतराल के बाद पुनः प्रबंध निदेशक (MD), मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) और पूर्णकालिक निदेशक (WTD) के रूप में नियुक्ति के लिये पात्र होगा। हालाँकि इस तीन वर्षीय अवधि के दौरान उस व्यक्ति को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी क्षमता में बैंक या उसके समूह संस्थाओं के साथ नियुक्त या संबद्ध नहीं किया जाएगा।


मनोज दास

  • 28 अप्रैल, 2021 को ओडिशा के  प्रख्यात शिक्षाविद और जाने-माने द्विभाषी लेखक मनोज दास का 87 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। वर्ष 1934 में ओडिशा में जन्मेा मनोज दास ने ओडिया और अंग्रेज़ी दोनों ही भाषाओं में महत्त्वपूर्ण साहित्यिक रचनाएँ कीं। मनोज दास ने छोटी उम्र में ही लेखन कार्य शुरू कर दिया था और ओडिया भाषा में उनकी कविता की पहली किताब वर्ष 1949 में तब प्रकाशित हुई थी, जब वे हाई स्कूल में पढ़ते थे, इसके बाद उन्होंने एक साहित्यिक पत्रिका और लघु कथाओं का संग्रह भी प्रकाशित किया। एक विपुल द्विभाषी लेखक के रूप में मनोज दास अपनी नाटकीय अभिव्यक्ति के साथ-साथ बेहतरीन व्यंग्य के लिये भी जाने जाते थे। दास ने अपनी रचनाओं में विभिन्न सामाजिक और मनोवैज्ञानिक समस्याओं जैसे विस्थापन, प्राकृतिक आपदाएँ (बाढ़, भूकंप और सुनामी आदि), अलौकिक चीज़ों पर मानवों का विश्वास, राजनेताओं का दोहरे व्यवहार और मनोवैज्ञानिक विकार आदि को शामिल किया। मनोज दास को साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिये वर्ष 2001 में पद्मश्री और वर्ष 2020 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार फैलोशिप से भी सम्मानित किया गया था।

भारत और ब्रिटेन के बीच सीमा शुल्क सहयोग समझौते को मंज़ूरी

  • प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने सीमा शुल्क सहयोग और सीमा शुल्क के मामलों में पारस्परिक प्रशासनिक सहायता को लेकर भारत सरकार और यूनाइटेड किंगडम की सरकार के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर को मंज़ूरी दी है। इस समझौते से सीमा शुल्क से संबंधित अपराधों की रोकथाम और जाँच के लिये उपयोगी जानकारी की उपलब्धता में मदद मिलेगी। साथ ही इस समझौते से व्यापार को आसान बनाने और दोनों देशों के बीच व्यापार किये गए माल का आसान क्लीयरेंस सुनिश्चित किया जा सकेगा। संबंधित सरकारों द्वारा अनुमोदित किये जाने के बाद दोनों देशों की सरकारों की ओर से इस समझौते पर हस्ताक्षर किये जाएंगे। यह समझौता दोनों देशों के सीमा शुल्क अधिकारियों के बीच सूचना एवं खुफिया जानकारी साझा करने का एक कानूनी ढाँचा प्रदान करेगा और सीमा शुल्क कानूनों के उपयुक्त अमल और सीमा शुल्क अपराधों की रोकथाम एवं जाँच और वैध व्यापार को सहज बनाने में मदद करेगा। इस समझौते में सीमा शुल्क मूल्य, टैरिफ वर्गीकरण और दोनों देशों के बीच व्यापार किये गए माल के स्रोत के बारे में जानकारी के आदान-प्रदान से जुड़ी आवश्यकताओं का विशेष रूप से ध्यान रखा गया है।

ऑक्सीजन कंसंट्रेटर

  • कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों और ऑक्सीजन की कमी के मद्देनज़र विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत को 4,000ऑक्सीजन कंसंट्रेटरप्रदान करने की घोषणा की है। ऑक्सीजन कंसंट्रेटरएक चिकित्सा उपकरण है, जो परिवेशी वायु से ऑक्सीजन को संकेंद्रित करता है। विदित हो कि वायुमंडल में लगभग 78 प्रतिशत नाइट्रोजन और 21 प्रतिशत ऑक्सीजन है तथा अन्य गैसों का हिस्सा 1 प्रतिशत है। ऑक्सीजन कंसंट्रेटरवायुमंडल में मौजूद वायु को फिल्टरके माध्यम से साफ करता है और नाइट्रोजन को अलग कर उसे वापस वायुमंडल में छोड़ देता है। इस प्रक्रिया के माध्यम से प्राप्त ऑक्सीजन 90-95 प्रतिशत तक शुद्ध होता है। यद्यपि इसे प्राप्त ऑक्सीजन पूर्णतः शुद्ध नहीं होती है, किंतु विशेषज्ञों की मानें तो यह 85% या उससे अधिक ऑक्सीजन सेचुरेशन स्तर वाले हल्के और मध्यम कोविड-19 रोगियों के लिये पर्याप्त होता है। ऑक्सीजन कंसंट्रेटरमें मौजूद दबाव वाल्व ऑक्सीजन की आपूर्ति को 1-10 लीटर प्रति मिनट तक सीमित कर उसे विनियमित करने में मदद करता है। ऑक्सीजन कंसंट्रेटरको निरंतर संचालन के लिये डिज़ाइन किया जाता है और वह तकरीबन 5 वर्ष अथवा उससे लंबी अवधि तक चौबीसों घंटे ऑक्सीजन का उत्पादन कर सकता है।

झुरोंगरोवर

  • चीन की सरकार ने हाल ही में चीन के पहले मंगल रोवर का नाम पारंपरिक अग्नि देवता के नाम पर झुरोंग’ (Zhurong) रखने की घोषणा की है। यह रोवर तियानवेन-1प्रोब पर मौजूद है, जो कि बीते दिनों 24 फरवरी को मंगल ग्रह की कक्षा में पहुँचा था और जीवन के साक्ष्य की तलाश के लिये मई माह में मंगल ग्रह की सतह पर उतरेगा। यह परियोजना चीन की अंतरिक्ष योजनाओं का एक हिस्सा है, जिसमें एक ऑर्बिट स्टेशन को लॉन्च करना और चंद्रमा पर मानव को उतारना भी शामिल है। वर्ष 2019 में चीन चंद्रमा की सतह पर सुदूर क्षेत्र में लैंड करने वाला पहला देश बना था, साथ ही 1970 के दशक के बाद पहली बार पृथ्वी पर चंद्रमा की चट्टानों को वापस था। चीन के मुताबिक, ‘तियानवेन-1मिशन के तहत मंगल ग्रह की सतह और भूविज्ञान का विश्लेषण और मानचित्रण करना, पानी की खोज करना और जलवायु तथा पर्यावरण का अध्ययन करना शामिल है। चीन, पूर्ववर्ती सोवियत संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद मंगल ग्रह पर रोबोट रोवर लैंड करने वाला तीसरा देश बन जाएगा।

आयुष्मान भारत दिवस

  • भारत में प्रतिवर्ष 30 अप्रैल को आयुष्मान भारत दिवस का आयोजन किया जाता है। इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य देश के दूरदराज़ के क्षेत्रों में सस्ती चिकित्सा सुविधाओं को बढ़ावा देना है। साथ ही यह दिवस समाज के वंचित और गरीब वर्गों को स्वास्थ्य लाभ और बीमा कवर प्रदान करने पर भी ज़ोर देता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2018 में आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की गई थी, ताकि उन करोड़ों भारतीयों को स्वास्थ्य लाभ प्रदान किया जा सके जो चिकित्सा सुविधाएँ प्राप्त करने में सक्षम नहीं हैं। यह भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसे सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (UHC) के लक्ष्य को प्राप्त करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति (2017) के तहत की गई अनुशंसा के आधार पर शुरू किया गया था। यह पहल सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) को पूरा करने और इनके प्रति भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करने हेतु शुरू की गई है। इस योजना का उद्देश्य भारत में प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक सभी स्तरों पर स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में महत्त्वपूर्ण बदलावों को बढ़ावा देना और आम लोगों तक स्वास्थ्य प्रणाली की पहुँच सुनिश्चित करना है। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) आयुष्मान भारत योजना का एक प्रमुख घटक है, जिसे 23 सितंबर, 2018 को रांची में लॉन्च किया गया था। यद्यपि योजनाओं के निर्माण के बावजूद ज़मीनी स्तर पर भारत की स्वास्थ्य अवसंरचना में कोई महत्त्वपूर्ण बदलाव नहीं आया है और महामारी ने इस तथ्य को भलीभाँति उजागर किया है।

माइकल कॉलिन्स

  • अपोलो 11 अंतरिक्ष यान के पायलट माइकल कॉलिन्स, जिन्होंने नील आर्मस्ट्रांग और एडविन बज़ एल्ड्रिन को चंद्रमा तक पहुँचाया, का हाल ही में 90 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। अपोलो 11 मिशन की शुरुआत 16 जुलाई, 1969 को हुई थी। नासा द्वारा अपोलो 11 मिशन को लगभग 24 बिलियन डॉलर की लागत से तीन मनुष्यों को चंद्रमा तक ले जाने और उन्हें सुरक्षित पृथ्वी पर लाने के लिये डिज़ाइन किया गया था। जब नील आर्मस्ट्रांग और एडविन बज़ ने पहली बार चंद्रमा की सतह पर कदम रखा, तब माइकल कॉलिन्स भी वहीं मौजूद थे, हालाँकि वह चंद्रमा की सतह पर नहीं उतरे बल्कि वे चंद्रमा के ऑर्बिट में 21 घंटे से अधिक समय तक कोलंबिया नामक कमांड मॉड्यूल में चंद्रमा के चक्कर लगाते रहे। माइकल कॉलिन्स इस दौरान मिशन कंट्रोल और अंतरिक्ष यात्रियों के बीच एक महत्त्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य कर रहे थे। अपोलो-11मिशन में पायलट के तौर पर शामिल होने से पूर्व माइकल कॉलिन्स तीन दिवसीय जैमिनी-X’ मिशन में भी बतौर पायलट शामिल हुए थे, जिसे 18 जुलाई, 1966 को लॉन्च किया गया था।

ब्रिटेन में स्वचालित कार को अनुमति

  • हाल ही में यूनाइटेड किंगडम की सरकार ने सड़कों पर धीमी गति वाली स्वचालित कारों को अनुमति देने और उन्हें नियंत्रित करने की घोषणा की है, जिसके साथ ही ब्रिटेन स्वचालित करने को अनुमति देने वाला विश्व का पहला देश बन गया है। ब्रिटेन में ऑटोमेटेड लेन कीपिंग सिस्टम (ALKS) के साथ शुरुआत की जाएगी, जो कि कारों को लेन के भीतर रखने हेतु सेंसर और सॉफ्टवेयर का उपयोग करता है, जिससे उन्हें चालक के इनपुट के बिना आगे बढ़ने और आवश्यकता पड़ने पर ब्रेक लगाने की अनुमति मिलती है। हालाँकि सड़कों पर ऑटोमेटेड लेन कीपिंग सिस्टम (ALKS) के उपयोग को 37 मील (60 किलोमीटर) प्रति घंटे की गति तक सीमित किया जाएगा। यह घोषणा ब्रिटेन की सरकार की स्वचालित ड्राइविंग तकनीक को आगे बढ़ाने के प्रयासों का हिस्सा है और ब्रिटेन के परिवहन मंत्रालय की घोषणा के मुताबिक, वर्ष 2035 तक ब्रिटेन के तकरीबन 40 प्रतिशत वाहनों में स्वचालन की क्षमता होगी, इससे देश में 38000 नए कुशल रोज़गार का सृजन होगा।

टी.वी. सोमनाथान

  • कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय द्वारा जारी हालिया आदेश के मुताबिक, वित्त मंत्रालय में व्यय सचिव के रूप में कार्यरत टी.वी. सोमनाथान को वित्त सचिव के रूप में नामित किया गया है। टी.वी. सोमनाथन 1987 बैच के तमिलनाडु कैडर के IAS अधिकारी हैं। टी.वी. सोमनाथान वर्तमान में वित्त मंत्रालय में सभी सचिवों में सबसे वरिष्ठ अधिकारियों में से एक है। वित्त सचिव के तौर पर टी.वी. सोमनाथान की नियुक्ति को अंतिम मंज़ूरी केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा नियुक्त समिति द्वारा दी गई है। टी.वी. सोमनाथान ने कलकत्ता विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी डिग्री हासिल की है, इसके अलावा उन्होंने हार्वर्ड बिज़नेस स्कूल से एग्ज़ीक्यूटिव डेवलपमेंट प्रोग्रामडिप्लोमा भी प्राप्त किया है।

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