SUPACE पोर्टल क्या है |ई-कोर्ट ( E-Court) परियोजना क्या है

 SUPACE पोर्टल  क्या है 

E-Court (ई-कोर्ट) परियोजना क्या है 

SUPACE पोर्टल  क्या है  |ई-कोर्ट ( E-Court) परियोजना क्या है


SUPACE पोर्टल  क्या है 


भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) ने एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित पोर्टल ’SUPACE’ लॉन्च किया है, जिसका उद्देश्य कानूनी अनुसंधान के लिये न्यायाधीशों की सहायता करना है। 


SUPACE का Full Fom 

SUPACE’ का पूर्ण रूप है- सुप्रीम कोर्ट पोर्टल फॉर असिस्टेंस इन कोर्ट्स एफिशिएंसी

Supreme Court Portal for Assistance in Court's Efficiency (SUPACE)


SUPACE पोर्टल के  बारे में जानकारी 

  • यह उपकरण प्रासंगिक तथ्यों और कानूनों को एकत्र करता है और उन्हें न्यायाधीशों के लिये उपलब्ध कराता है।
  • इस उपकरण को निर्णय लेने के लिहाज़ से डिज़ाइन नहीं किया गया हैबल्कि यह केवल तथ्यों को संसाधित करेगा और न्यायाधीशों की सहायता के लिये तथ्य उपलब्ध कराएगा।
  • प्रारंभ में इसका प्रयोग बंबई और दिल्ली उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों द्वारा प्रायोगिक आधार पर किया जाएगा।


SUPACE पोर्टल का  महत्त्व 

  • यह किसी मामले की विशिष्ट आवश्यकता और न्यायाधीश के सोचने के तरीके के अनुरूप परिणाम उत्पन्न करेगा।
  • इससे समय की काफी बचत होगीजिससे भारतीय न्याय प्रणाली में लंबित मामलों की संख्या को कम करने में मदद मिलेगी।
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) न्याय तक पहुँच के मौलिक अधिकार के लिये अधिक सुव्यवस्थितलागत प्रभावी और समयबद्ध साधन प्रस्तुत करेगा।
  • यह सेवा वितरण तंत्र को पारदर्शी और लागत प्रभावी बनाएगा।


ई-कोर्ट परियोजना क्या है  E-Court Scheme 


  • ई-कोर्ट परियोजना को सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) के माध्यम से भारतीय न्यायपालिका में बदलाव लाने की दृष्टि से संकल्पित किया गया था।
  • ई-कोर्ट परियोजनाएक पैन-इंडिया परियोजना (Pan-India Project) हैजिसकी निगरानी और वित्तपोषण न्याय विभागकानून एवं न्याय मंत्रालयभारत सरकार द्वारा की जाती है।

ई-कोर्ट परियोजना परियोजना के उद्देश्य:   

  • ई-कोर्ट प्रोजेक्ट में प्रस्तावित प्रावधानों के तहत प्रभावी और समयबद्ध तरीके से नागरिक केंद्रित सेवाएँ प्रदान करना।
  • न्यायालयों में निर्णय समर्थन प्रणाली को विकसित और स्थापित करना।
  • न्यायिक प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने और सूचना प्राप्ति को अधिक सुगम बनाने के लिये इससे जुड़ी प्रणाली को स्वचालित बनाना।
  • न्याय वितरण प्रणाली को सुलभलागत प्रभावीविश्वसनीय और पारदर्शी बनाने के लिये न्यायिक प्रक्रिया में आवश्यक (गुणवत्तापरक और मात्रात्मक) सुधार करना।

No comments:

Post a Comment

Powered by Blogger.