अहिच्छत्र ऐतिहासिक स्थल | Ahichhatra Historic Place


Ahichhatra Historic Place


अहिच्छत्र ऐतिहासिक स्थल

रामपुर के निकट स्थित अहिच्छत्र लौह युग (1500 ईसा पूर्व से 1800 ईसा पूर्व) का एक प्रसिद्ध शहर था। जिसका उल्लेख महाभारत में पांडवों की राजधानी के रूप में कई बार किया गया है। वर्तमान समय में इसके अवशेष ही शेष रह गए हैं। जिनसे ज्ञात होता है कि यहाँ चित्रित धूसर मृदभांड संस्कृति को अपनाया गया था, जो लौह युग की प्रमुख विशेषतओं में से एक थी। यह लाल और काले मृदभाण्डों के बाद प्रचलन में आयी। यहाँ उत्तरी पांचाल की राजधानी थी।

अहिच्छत के बारे में प्रमुख तथ्य

  • अहिच्छत्र 16 महाजनपदों में से एक पांचाल की राजधानी था। यह उन पुरातात्विक स्थलों में सक एक है, जिसने लगातार विद्वानों और शोधकर्ताओं का ध्यान अपनी और आकर्षित किया है।
  • प्रसिद्ध पुरातत्वविद् कनिंघम, चीनी यात्री ह्वेन सांग के मार्ग का पता लगाते हुए 1862-64 के दौरान यहां पहुंचे। इन्होंने इस क्षेत्र का गहनता से अध्ययन किया। अपने विवरण में इन्होंने बताया कि अहिच्छत्र रामनगर गांव के निकट स्थित एक क्षेत्र है, जो 30 से 35 फीट ऊँची प्राचीर से घिरा हुआ त्रिकोणीय आकृति का पश्चिम में 1462 मीटर लंबा क्षेत्र है तथा पूर्व में यह 2000 से अधिक मीटर तक फैला हुआ है।
  • मौर्य सम्राट अशोक ने यहाँ अहिच्छत्र नामक विशाल स्तूप बनवाया था। जैनसूत्र प्रज्ञापणामें अहिच्छत्र का कई अन्य जनपदों के साथ उल्लेख है।
  • चीनी यात्री युवानच्वांग जो यहां 640 ई. के लगभग आया था, नगर के नाम के बारे में लिखता है कि किले के बाहर नागहल्द नाम एक ताल है, जिसके निकट नागराज ने बौद्ध धर्म स्वीकार करने के पश्चात इस सरोवर पर एक छत्र बनवाया था।
  • अहिच्छत्र के खंडहरों में सबसे अधिक महत्वपूर्ण ढूंह का स्तूप है, जिसकी आकृति चक्की के समान होने से इसे स्थानीय लोग पिसनहारी का छत्रकहते हैं। यह स्तूप उसी स्थान पर बना है,जहॉ किंवदंती के अनुसार बुद्ध ने स्थानीय नाग राजाओं को बौद्ध धर्म की दीक्षा दी थी। यहां से मिली हुई मुर्तियां अन्य वस्तुएं लखनऊ संग्रहालय में सुरक्षित हैं।
  • महाभारत में इसे अहिक्षेत्रतथा छत्रवतीनामों से भी अभिहित किया गया है।
  • जैन ग्रंथ विविधतीर्थकल्पमें इसका एक अन्य नाम संख्यावतीभी मिलता है। एक अन्य प्राचीन जैन ग्रंथ तीर्थमालाचौत्यवंदनमें अहिक्षेत्र का शिवपुरनाम भी बताया गया है।
  • टॉलमी ने अहिच्छत्र का अदिसद्रानाम से उल्लेख किया है।

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