सामाजिक भूगोल | Samajik Bhugol


Samajik Bhugol

मानव भूगोल Human Geography

मानव भूगोल के अंतर्गत भौगोलिक वातावरण और मानव के कार्यकलापों के परिवर्तनशील संबंधों का अध्ययन किया जाता है। ब्लाश के शब्दों में ‘‘भौगोलिक परिस्थितियों का प्रभाव मानव जाति और मानव समाज पर प्रगाढ़ रूप से पड़ता है, इसी को मानव भूगोल कहते हैं‘‘
मानव भूगोल के अंतर्गत ही आर्थिक भूगोल, जनसंख्या भूगोल, सामाजिक भूगोल आते हैं।


सामाजिक भूगोल Social Geography

पृथ्वी पर मानव के विभिन्न समुदाय एवं सामाजिक वर्ग पाए जाते हैं इन विभिन्न सामाजिक वर्गों का अपना-अपना जीवनयापन का विशेष तरीका होता है। उनके उद्योग-धंधे, समाजिक रीति-रिवाज, कार्यकलाप और उनका वातावरण के साथ सामंजस्य आदि का अध्ययन सामाजिक भूगोल में किया जाता है।

जनसंख्या भूगोल Population Geography

जनसंख्या भूगोल के अंतर्गत पृथ्वी तल पर जनसंख्या वितरण, घनत्व में विभिन्नता तथा उसके कारण, ग्रामीण एवं नगरीय जनसंख्याएं, आवास तथा प्रवास, जपनसंख्या में वृद्धि की समस्याओं का विवेचन किया जाता है। 

जनांकिकी (जनसंख्या शास्त्र) का अर्थ

जनांकिकी अंग्रेजी शब्द “Demography” का हिन्दी रूपान्तर है। शाब्दिक रूप से डेमोग्राफी दो शब्दों से मिलकर बना है। 


पहला शब्द 'डेमस' (Demas) तथा दूसरा शब्द ग्राफो’ (Grapho) है। पहले शब्द का तात्पर्य जनसंख्यासे है जबकि दूसरे शब्द का अर्थ विवरण देने वाले विज्ञान से है। इस प्रकार शाब्दिक रूप से डेमोग्राफी वह विज्ञान है, जो एक विवरण के रूप में जनसंख्या सम्बन्धी विशेषताओं को स्पष्ट करता है। 

जनांकिकी शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम 1855 ई. में गुइलार्ड ने किया था, किन्तु विधिवत् रूप से जॉन ग्राण्ट ने 1862 ई. से जनांकिकी के अध्ययन का शुभारम्भ किया था, परन्तु इसे एक सामाजिक विज्ञान के रूप में स्थापित करने का कार्य प्रमुख रूप से थॉमस रॉबर्ट माल्थस द्वारा किया गया। अत: माल्थस को जनांकिकी का पिता माना जाता है। 
जनसंख्या समाज का अनिवार्य भाग है। जनसंख्या के कम या अधिक या असंतुलित होने का प्रभाव सम्पूर्ण समाज पर पड़ता है। लोगों के जीवन निर्वाह के उपक्रम, उनकी जीवन शैली, सम्बन्धों का स्वरूप, परिवर्तन, अपराध आदि अनेक सामाजिक कारक जनसंख्या से प्रत्यक्षतः जुड़े हुए हैं। इसीलिए जनसंख्या शास्त्र (जनांकिकी) समाजशास्त्र की एक शाखा के रूप में जनसंख्या उससे जुड़े सामाजिक, आर्थिक पक्ष और उनके प्रभावों का अध्ययन करता है।

 जनांकिकी की परिभाषा 

1. ए. गुइलार्ड के शब्दों में- जनांकिकी जनसंख्या की गतिशीलता तथा उससे सम्बन्धित शारीरिक, सामाजिक, नैतिक एवं बौद्धिक दशाओं का गणितीय अध्ययन है।

2. पी. एम. हाउजर एवं ओ. डी. डंकन के शब्दों में- जनांकिकी जनसंख्या के आकार, क्षेत्रीय वितरण तथा संरचना, उसमें होने वाले परिवर्तनों तथा इन परिवर्तनों के तत्वों, जो जन्म-दर, मृत्यु-दर, क्षेत्रीय गतिशीलता और सामाजिक गतिशीलता (स्थिति में परिवर्तन) के रूप में हो सकते हैं, का अध्ययन करता है।


सामाजिक भूगोल के अंतर्गत निम्न विषयों का अध्ययन करेंगे 

मानव का जीवन, सामाजिक रीति रिवाज और अर्थव्यवस्था

आदिवासी जातियों का विवरण
भारत की आदिवासी जनजातियाँ
विश्व की जनसंख्या का वितरण

मध्यप्रदेश की जनजाति
भारत की जनसंख्या
मध्यप्रदेश की जनसंख्या

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