Agriculture based industries of MP | मध्य प्रदेश के कृषि आधारित उद्योग


MP ke Krishi aadhari Udyog

 कृषि आधारित उद्योग (Argo Based industry)

मध्यप्रदेश में कृषि आधारित उद्योग , कृषि क्षेत्र द्वारा उत्पादित कच्चे माल पर निर्भर है। औद्योगिक उत्पादन में कृषि क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान है,  जो राज्य में रोजगार का सबसे बड़ा साधन है।
चीनी , वस्त्र , खाद प्रसंस्करण , रेशम तथा वनस्पति घी आदि राज्य के प्रमुख कृषि आधारित उद्योग है।

चीनी उद्योग (Sugar Industry)

  • चीनी उद्योग देश का दूसरा सबसे बड़ा कृषि आधारित उद्योग है। यह कच्चे माल पर आधारित एक भारह्रासी  उद्योग है ,  जिससे प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन होता है। इस उद्योग का प्रमुख कच्चा माल गन्ना है
  • मध्यप्रदेश में प्रथम चीनी मिल की स्थापना वर्ष 1934 में जावरा (रतलाम) में की गई थी। वर्तमान में राज्य में चीनी मिलों की संख्या लगभग 26 है. जिसमें मुख्य रूप से भोपाल शुगर मिल (सीहोर) बरलाई शुगर मिल देवास (प्रदेश की सबसे बड़ी चीनी मिल), डाबरा शुगर मिल (ग्वालियर), एवं सेठ गोविंद दास मिल (उज्जैन ),कैलारस शुगर मिल (मुरैना ) तथा जीवाजी शुगर मिल (मंदसौर) आदि है। इसके अतिरिक्त सारंगपुर एवं आलोट आलोट में भी चीनी के कारखाने स्थापित किए गए हैं।

 सूती वस्त्र उद्योग (Cotton Textile Industry)

  • सूती वस्त्र उत्पादन में राज्य का देश में तीसरा स्थान है स्थान है। इस समय राज्य में कुल 65 सूती वस्त्र मिलें संचालित है। राज्य का सबसे बड़ा सूती वस्त्र उत्पादन केंद्र इंदौर में स्थित है।
  •  मध्य प्रदेश में सूती वस्त्र उद्योग की प्रथम मिल बुरहानपुर में वर्ष 1906 में स्थापित की गई थी, जो असफल रही। किंतु वर्ष 1907 में स्थापित मालवा मिल (इंदौर) सूती वस्त्र उद्योग की दिशा में सफल सिद्धि हुई थी। में सफल सिद्धि हुई थी। हुई थी।
मध्यप्रदेश की प्रमुख सूती मिलें

मिल स्थापना वर्ष 
जिला
कल्याणमिल  
1934-35 इंदौर
स्वदेशी  
1928-29 इंदौर
मालवा 
1907-08 इंदौर
हीरामल  
1934-35 उज्जैन
ताप्ती  
1906-1907 बुरहानपुर
द न्यू टेक्सटाइल 
1938-39  भोपाल
कॉटन सीड साल्वेंट
एक्ट्रेक्शन प्लांट  
1963-64 उज्जैन

 रेशम उद्योग (Silk Industry)

  • मध्य प्रदेश में शहतूत , टसर और इरी रेशम का उत्पादन किया जाता है। रेशम उद्योग भारत में कुटीर उद्योग के अंतर्गत आता है। राज्य में मंडला प्रमुख रेशम उत्पादक क्षेत्र है ।
  • मध्य प्रदेश की वर्धा तथा पूर्णा नदी घाटियों में रेशम की खेती की जाती है।
  • 1 सितंबर , 1984 को पंचायत एवं ग्रामीण विभागमध्य प्रदेश के अंतर्गत के अंतर्गत रेशम संचालनालय का गठन किया गया।  इसके अंतर्गतमलबरी स्वावलंबन योजना के द्वारा मलबरी रेशम का विकास एवं विस्तार कार्यक्रम चलाया जा रहा है।

 कृत्रिम रेशा उद्योग  (Synthetic Fibre Industry)

  • राज्य में कृत्रिम रेशे या रेयान का सबसे बड़ा कारखाना पश्चिमी मालवा के नागदा जिले में स्थित है।
  •  मध्यप्रदेश में प्रमुख कपड़ा औद्योगिक केंद्र देवास,  उज्जैन , ग्वालियर ,  इंदौर तथा नागदा  आदि जिलों में स्थित है। जिलों में स्थित है।

 वनस्पति जी उद्योग (Vegetable Oil Industry)

  • वनस्पति घी बनाने के लिए मुख्यतः मूंगफली , बिनौला ,  सोयाबीन , तिल ,  सूरजमुखी आदि के तेल की आवश्यकता होती है।
  •  इसके कारखाने मालवा पठार,  मध्य नर्मदा घाटी,  चंबल घाटी और छिंदवाड़ा पठार में स्थित है।
  • राज्य में वनस्पति घी के 10 कारखाने हैं, जिनमें अधिकतर कारखानों का संकेंद्रण गंजबासौदा (विदिशा) , इंदौर,  खंडवा ,  जबलपुर तथा ग्वालियर आदि जिलों में है।

 खाद्य प्रसंस्करण उद्योग (Food Processing Industry)

  • खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के अंतर्गत कच्चे खाद पदार्थों को मानव या पशुओं के उपभोग के लिए अन्य रूपों में बदला जाता है।
  •  केंद्र सरकार की सहायता से देश का प्रथम मेगा फूड पार्क चित्तूर (आंध्र प्रदेश),  जबकि मध्य प्रदेश का प्रथम मेगा फूड पार्क कसरावद (खरगौन ) में स्थापित किया गया है। मध्य प्रदेश के अन्य मेगा फूड पार्क दालोद बाजार( मंदसौर )और कटनी में जबकि निजी क्षेत्र निजी क्षेत्र का मेगा फूड पार्क देवास में स्थित है।
  • मध्य प्रदेश का प्रथम खाद प्रसंस्करण उद्योग बावई (होशंगाबाद) में स्थित है। इसके अतिरिक्त , मालनपुर (भिंड) , घिरोगी पिपरिया (होशंगाबाद ) , मनेरी (मंडला) , जग्गाखेड़ी (मंदसौर ) , बोरेगांव (छिंदवाड़ा),  निमरानी (खरगौन) , आदि क्षेत्रों में भी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की स्थापना की गई है।

 सोयाबीन उद्योग (Soyabean Industry)

  • मध्य प्रदेश देश के कुल सोयाबीन का लगभग 51.3 प्रतिशत उत्पादित करता है। इस दृष्टि से मध्य प्रदेश का देश में प्रथम स्थान है।
  • राज्य में सोयाबीन से तेल निकालने का कारखाना सिवनी , जबकि सोयाबीन से बिस्कुट बनाने का कारखाना भोपाल में स्थापित किया गया है।
  • एशिया का सबसे बड़ा सोयाबीन का कारखाना उज्जैन में स्थित है तथा देश का सबसे बड़ा सहकारी सोयाबीन कारखाना सिवनी में में स्थित है।
  • प्रदेश में सोयाबीन से तेल निकालने के लिए विलायक निष्कर्षण संयंत्र (Solvent Extraction Plant) स्थापित किया गया है। केंद्र की सहायता से उज्जैन तथा बड़वाह (खरगौन) में सोयाबीन कारखाने स्थापित किए गए हैं।
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