एकांकी क्या है | प्रमुख एकांकी और एकांकीकार
एकांकी क्या हैप्रमुख एकांकी और एकांकीकार
एकांकी साहित्य की वह
विधा है जो नाटक के समान अभिनय से संबंधित है और जिसमें किसी घटना या विषय को एक
अंक में प्रस्तुत किया जाता है। हिंदी एकांकी का प्रारंभ जयशंकर प्रसाद कृत ‘एक घूंट’ से माना जाता है
जिसकी रचना 1929 में हुई थी। वहीं
हरिचंद्र वर्मा ने हिंदी का प्रथम एकांकी रामकुमार वर्मा कृत बादल की मृत्यु (1930) को माना है।
एकांकी और एकांकीकार
S.No. | एकांकी | एकांकीकार |
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1. | तन-मन-धन गुसाँई जी के अर्पण | राधाचरण गोस्वामी |
2. | शिक्षादान | बालकृष्ण भट्ट |
3. | जनेऊ का खेल | देवकीनंदन खत्री |
4. | चार वेचारे, अफजल बध, भाई मियाँ | 'उग्र' |
5. | आनरेरी मजिस्ट्रेट, राजपूत की हार, प्रताप प्रतिज्ञा | सुदर्शन |
6. | एक घूँट | जयशंकर प्रसाद |
7. | रेशमी टाई, चारुमित्रा, विभूति, सप्तकिरण, औरंगजेब की आखिरी रात, पृथ्वी राज की आँखें, एक तोले अफीम की कीमत, दीपदान, दस मिनट, चंगेज खाँ, कौमुदी महोत्सव, मयूरपंख, जूही के फूल, 18 जुलाई की शाम, एक्ट्रेस |
डॉ० रामकुमार वर्मा |
8. | ताँबे के कीड़े, आजादी की नींद, सिकंदर, एक साम्यहीन साम्यवादी, प्रतिभा का विवाह, स्ट्राइक, बाजीराव की तस्वीर, फोटोग्राफर के सामने, लाटरी, श्यामा |
भुवनेश्वर |
9. | आत्मदान, दस हजार, एक ही कब्र में विस्फोट, समस्या का अंत, निर्दोष की रक्षा, बीमार का इलाज |
उदयशंकर भट्ट |
10. | लक्ष्मी का स्वागत, जोंक, अधिकार का रक्षक, अंधी गली, अंजो दीदी, सूखी डाली, स्वर्ग की झलक, भंवर, मोहब्बत, आपस का समझौता, छः एकांकी, साहब को जुकाम है, विवाह के दिन, देवताओं की छाया में |
अश्क |
11. | भोर का तारा, रीढ़ की हड्डी, मकड़ी का जाला, मेरी बाँसुरी, ओ मेरे सपने, कबूतरखाना |
जगदीशचंद्र माथुर |
12. | ईद और होली, फाँसी, प्रायश्चित्त, एकादमी | सेठ गोविंददास |
13. | स्वप्नों के चित्र, दिमागी ऐयाशी | रामनरेश त्रिपाठी |
14. | सबसे बड़ा आदमी | भगवतीचरण वर्मा |
15. | प्रकाश और परछाई, पापी इन्सान, दस बजे रात, गहरा सागर, क्या वह दोषी था, वापसी |
विष्णु प्रभाकर |
16. | श्र स्वर्ग में विप्लव, कटोरी में कमल, मुक्ति का रहस्य राजयोग |
लक्ष्मी नारायण मिश्र |
17. | टकराहट | जैनेंद्र |
18. | ल पर्वत के पीछेबहुरंगी, ताजमहल के आँसू, औलादी का बेटा, दूसरा दरवाजा |
लक्ष्मीनारायण लाल |
19. | नदी प्यासी थी, नीली झील, संगमरमर पर एक रात, सृष्टि का आखिरी आदमी, आवाज का नीलाम |
धर्मवीर भारती |
20. | गली के मोड़ पर, गाँधी की राह पर, पागलखाने में पंचकन्या, वधू चाहिए |
प्रभाकर माचवे |
21. | मातृमंदिर, राष्ट्रमंदिर, न्यायमंदिर, वाणीमंदिर | हरिकृष्ण 'प्रेमी' |
22. | अंडे के छिलके, प्यालियाँ टूटती हैं, सिपाही की माँ, छतरियाँ, बहुत बड़ा सवाल, हाँ! करफ्यू |
मोहन राकेश |
23. | उमरकैद | गिरिजाकुमार माथुर |
24. | पत्थर और परछाई | मार्कण्डेय |
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